कामकाजी ज़िंदगी में कभी‑कभी ऐसा मोड़ आता है जब हमें सोचना पड़ता है – क्या अब इस्तीफा देना सही रहेगा? इस टैग पेज पर हम आपको उन सवालों के जवाब देंगे जो अक्सर उठते हैं, साथ ही हाल की खबरें भी दिखाएंगे जिससे आप अपने फैसले को बेहतर समझ सकें।
सबसे पहले देखें कि आपका कारण क्या है। अगर वेतन में लगातार कटौती हो रही है या प्रोमोशन नहीं मिल रहा, तो यह संकेत हो सकता है कि कंपनी आपकी काबिलियत को सराहती नहीं। हाल ही में Bajaj Finance के शेयरों में अचानक गिरावट देखी गई थी, लेकिन इसका असर कर्मचारियों की नौकरी सुरक्षा पर भी पड़ता है। ऐसे समय में कई लोग अपने करियर को नई दिशा देने का सोचते हैं।
दूसरा कारण हो सकता है काम‑पर्यावरण। अगर बॉस या टीम के साथ तालमेल नहीं बन रहा, तो रोज़मर्रा की तनावपूर्ण स्थिति आपके स्वास्थ्य पर असर डाल सकती है। ऐसे में एक साफ‑सुथरा इस्तीफा देना और नई कंपनी ढूँढ़ना बेहतर विकल्प बन जाता है।
तीसरा कारण अक्सर व्यक्तिगत विकास से जुड़ा होता है – जैसे कि नया स्किल सीखना या आगे की पढ़ाई करना। अगर आपका मौजूदा काम उस दिशा में नहीं ले जा रहा, तो इस्तीफा देकर आप समय बचा सकते हैं और अपने लक्ष्य पर जल्दी पहुंच सकते हैं।
इस्तीफ़ा देने से पहले एक प्लान बनाना ज़रूरी है। सबसे पहला कदम – वित्तीय सुरक्षा। अगर आपके पास कम से कम दो महीने का खर्च बचत में हो, तो आप बिना दबाव के नया जॉब सर्च कर सकते हैं।
दूसरा, अपने रिज़्यूमे को अपडेट करें और उन प्रोजेक्ट्स को उजागर करें जो आपके पिछले नियोक्ता ने सराहे थे। उदाहरण के तौर पर, Jio के नए ₹1049 रिचार्ज प्लान की लॉन्चिंग में आपका योगदान अगर था तो उसे ज़रूर लिखें। यह छोटे‑छोटे विवरण आपको इंटरव्यू में अलग पहचान देंगे।
तीसरा, नेटवर्क बनाएं। LinkedIn या अपने पुराने सहकर्मियों से संपर्क रखें। अक्सर नई नौकरी के अवसर सीधे इन कनेक्शनों के माध्यम से मिलते हैं।
अंत में, अगर आप तुरंत नया जॉब नहीं पा रहे तो फ्रीलांसिंग या पार्ट‑टाइम काम पर विचार कर सकते हैं। इससे आपका आय स्रोत बना रहेगा और समय भी नए कौशल सीखने में लगेगा।
इस्तीफ़ा देना आसान नहीं होता, लेकिन सही तैयारी के साथ यह एक सकारात्मक कदम बन सकता है। इस टैग पेज पर आप रोज़ नई कहानियां पढ़ेंगे – चाहे वो कंपनियों की स्टॉक्स में उतार‑चढ़ाव हो या कर्मचारियों की व्यक्तिगत यात्रा। इनसे सीखें, अपना फैसला समझदारी से लें और आगे बढ़ें।
दिल्ली में भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात के बाद राजस्थान भाजपा नेता और पूर्व मंत्री किरोड़ी लाल मीणा ने मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया है। इसे उन्होंने अपने सोच-विचारों के अनुरुप कदम बताते हुए सोशल मीडिया पर एक पोस्ट के जरिए साझा किया। उनका इस्तीफा मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा द्वारा अभी तक स्वीकार नहीं किया गया है।
बेन गैंट्ज़, इजराइल की युद्ध सरकार के केंद्रीय सदस्य, ने प्रधान मंत्री नेतेन्याहू के खिलाफ इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने नेतेन्याहू पर सेना के अभियान को गलत तरीके से संभालने और राष्ट्रीय सुरक्षा के बजाय अपनी राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं को प्राथमिकता देने का आरोप लगाया। गैंट्ज़ ने सरकार छोड़ने का वादा किया था अगर जून 8 तक गाजा के लिए कोई पोस्टवॉर योजना नहीं दी गई।
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने लोकसभा चुनाव में भाजपा के खराब प्रदर्शन के बाद इस्तीफा देने की पेशकश की है। उन्होंने पार्टी के प्रदर्शन की जिम्मेदारी लेते हुए यह कदम उठाया है, ताकि भाजपा के संगठन को मजबूत किया जा सके। महाराष्ट्र में भाजपा ने केवल 9 सीटें जीतीं, जबकि 2019 में 23 सीटें हासिल की थीं।