कमल खिलाने में विफल किरोड़ी लाल मीणा ने दिया इस्तीफा
राजस्थान भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री किरोड़ी लाल मीणा ने हाल ही में पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा से दिल्ली में मुलाकात के बाद अपने इस्तीफे की घोषणा कर दी। यह अचानक से लिया गया फैसला नहीं था, बल्कि एक पूर्व योजना का हिस्सा था। मीणा ने इससे पहले वादा किया था कि यदि भाजपा पूर्वी राजस्थान की सात संसदीय सीटों में से कोई भी हारती है, तो वे अपना इस्तीफा देंगे।
पूर्वी राजस्थान में भाजपा की हार
2024 के लोकसभा चुनावों में भाजपा को राजस्थान में भारी झटका लगा। पार्टी ने अपने पिछले 24 सीटों के मुकाबले केवल 14 सीटें ही जीतीं। मीणा ने दौसा, भरतपुर, करौली-धौलपुर, अलवर, टोंक-सवाई माधोपुर और कोटा-बूंदी जैसी कई सीटों में व्यापक रूप से चुनाव प्रचार किया था। इसके बावजूद, पार्टी को कई प्रमुख सीटों पर हार का सामना करना पड़ा, जिनमें मीणा का गृह जिला दौसा भी शामिल था। यहाँ कांग्रेस के उम्मीदवार मुरारी लाल मीणा ने भाजपा के कन्हैया लाल मीणा को 2.3 लाख से अधिक मतों के अंतर से हराया।
मीणा का वादा और इस्तीफा
किरोड़ी लाल मीणा ने चुनाव परिणामों के बाद अपने इस्तीफे का ऐलान सोशल मीडिया पर किया। उन्होंने रामचरितमानस से उद्धरण करते हुए अपने वचनबद्धता को जोर दिया। मीणा ने लिखा, 'जो वादा किया उसे निभाना है, चाहे जो भी परिणाम हो।' उन्होंने अपने अनुयायियों और समर्थकों को आश्वासन दिया कि वे हमेशा पार्टी के हित में काम करेंगे, चाहे वे किसी भी पद पर हों या न हों।
अभी तक मुख्यमंत्री का निर्णय लंबित
मीणा का इस्तीफा अभी तक मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा द्वारा स्वीकार नहीं किया गया था। इस बारे में अब तक किसी आधिकारिक पुष्टि की बात सामने नहीं आई है। पार्टी के अंदर इस इस्तीफे को लेकर मिश्रित प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है। कुछ नेताओं ने इसे मीणा की ईमानदारी और सिद्धांतवादिता का संकेत कहा है, जबकि अन्य ने इसे पार्टी के अंदर उभर रही असंतोष की स्थिति का परिणाम बताया है।
भविष्य की दिशा और चुनौतियां
भाजपा के लिए राजस्थान में आगामी विधानसभा चुनावों से पहले यह एक बड़ा झटका है। पार्टी को अब अपनी रणनीति पर फिर से विचार करने की आवश्यकता है और नेताओं के बीच विश्वास को बढ़ाना होगा। मीणा के पद छोड़ने से पार्टी के भीतर नेतृत्व की कमी भी देखी जा रही है। वहीं, पार्टी कार्यकर्ताओं और समर्थकों के बीच तेजी से बढ़ रही नाराज़गी को देखते हुए अगले चुनावों में यह कितना असर डालेगा, यह वक्त ही बताएगा।
मीणा के इस्तीफे के बाद भाजपा के कई वरिष्ठ नेताओं ने आपतित बैठकें की हैं और इसके संभावित परिणामों पर चर्चा की है। हालाँकि, अभी यह देखा जाना बाकी है कि पार्टी इस संकट से कैसे उबर पाती है और आगामी चुनावों में अपनी स्थिति को मजबूत करती है।
Roy Roper
जुलाई 5, 2024 AT 21:39Sandesh Gawade
जुलाई 7, 2024 AT 09:05MANOJ PAWAR
जुलाई 8, 2024 AT 10:20Pooja Tyagi
जुलाई 10, 2024 AT 09:32Kulraj Pooni
जुलाई 11, 2024 AT 20:34Hemant Saini
जुलाई 12, 2024 AT 04:18Nabamita Das
जुलाई 12, 2024 AT 17:40