बेन गैंट्ज़ का इस्तीफा: एक बड़ी राजनीतिक घटना
इजराइल की राजनीति में एक बड़ी घटना उस समय घटी जब देश की युद्ध सरकार के केंद्रीय सदस्य बेन गैंट्ज़ ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। गैंट्ज़, जो प्रधान मंत्री बेंजामिन नेतेन्याहू की सरकार में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे थे, नेतेन्याहू पर गाजा-संघर्ष को उचित तरीके से न संभालने और व्यक्तिगत राजनीतिक फायदे की ओर ध्यान देने का आरोप लगाया। उनके इस कदम से इजराइल की राजनीति में चिंता की लहर दौड़ गई है।
गैंट्ज़ का निर्णय और उसके पीछे का कारण
गैंट्ज़ ने पहले ही चेतावनी दी थी कि अगर प्रधानमंत्री गाजा के लिए जून 8 तक कोई ठोस योजना नहीं बनाते हैं, तो वह सरकार छोड़ देंगे। उन्होंने अपनी नाराजगी जताते हुए कहा कि नेतेन्याहू युद्ध में वास्तविक सफलता प्राप्त करने में अड़चन डाल रहे थे और सिर्फ खोखले वादे कर रहे थे। यह कदम गैंट्ज़ की राजनीतिक मंशाओं और नेतेन्याहू की ताकत पर सीधा सवाल उठाता है।
इजराइल की अंतरराष्ट्रीय प्रतिष्ठा
गैंट्ज़, एक पूर्व सैन्य प्रमुख, नेतेन्याहू की सरकार में शामिल होकर राष्ट्रीय एकता का प्रतीक बने थे। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उनकी छवि इजराइल के लिए एक स्तंभ थी। उन्होंने अमेरिका के अधिकारियों के साथ मजबूत संबंध बनाए रखे थे, जो उनके इस्तीफे के बाद प्रभावित हो सकते हैं। गैंट्ज़ की उपस्थिति ने न सिर्फ इजराइल को विदेशों में एक मजबूत छवि दी बल्कि नेतेन्याहू के सरकार को स्थिरता भी प्रदान की।
रक्षामंत्री योआव गैलेंट से आह्वान
इस्तीफे के बाद गैंट्ज़ ने रक्षामंत्री योआव गैलेंट से भी सरकार छोड़ने की अपील की है। गैलेंट ने पहले कहा था कि अगर इजराइल गाजा को पुनः कब्जे में लेता है, तो वह इस्तीफा दे देंगे और इस्राइली सरकार को फिलिस्तीनी प्रशासन स्थापित करने के लिए प्रेरित किया था। गैंट्ज़ के मुताबिक, गैलेंट का इस्तीफा भी महत्वपूर्ण हो सकता है, क्योंकि इससे नेतेन्याहू की सरकार पर और दबाव बढ़ेगा।
गठबंधन की स्थिति
गैंट्ज़ के इस्तीफे के बावजूद, नेतेन्याहू की गठबंधन सरकार अभी भी संसद में बहुमत बनाए हुए है। लेकिन यह स्थिति कब तक टिक पाएगी, यह देखने वाली बात होगी। नेतेन्याहू को अब उनकी पार्टी के उग्रवादी, दक्षिणपंथी सदस्यों जैसे राष्ट्रीय सुरक्षा मंत्री इतमर बेन-गविर और वित्त मंत्री बेज़लएल स्मोत्रिच पर और अधिक निर्भर रहना पड़ेगा।
बड़ी राजनीति में बदलाव की संभावना
राजनीतिक विश्लेषक गिदोन रहाट के अनुसार, गैंट्ज़ का यह कदम नेतेन्याहू की उग्रवादी नीतियों पर बढ़ती निर्भरता को उजागर करता है। इससे भविष्य में गहराती राजनीतिक अस्थिरता की संभावना भी बढ़ सकती है।
घटना | तिथि |
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हामास हमला | 7 अक्टूबर |
गैंट्ज़ का इस्तीफा | विश्वास मत के बाद |
अगले चुनाव का आह्वान | इस पतझड़ में |
हाल के हामास द्वारा 7 अक्टूबर को किए गए हमले से उत्पन्न संघर्ष में अब तक 1,200 लोगों की जानें जा चुकी हैं, और गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, कम से कम 36,700 फिलिस्तीनी भी मारे जा चुके हैं, हालांकि यह रिपोर्ट यह नहीं बताती है कि इनमें कितने सैनिक थे और कितने नागरिक।