वरिष्ठ कांग्रेस नेता ईवीकेएस इलंगोवन ने अपनी पूरी राजनीतिक यात्रा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और वर्तमान में इरोड ईस्ट के विधायक थे। उन्होंने 75 वर्ष की उम्र में शनिवार की सुबह चेन्नई के एक निजी अस्पताल में अपनी आखिरी सांस ली। उनका उपचार फेफड़ों से संबंधित बीमारी के लिए चल रहा था। उनके निधन की खबर मिलते ही तमिलनाडु की राजनीति में शोक की लहर दौड़ गई।
ईवीकेएस इलंगोवन का जन्म 21 दिसंबर, 1948 को इरोड जिले में हुआ था। वे पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के मंत्रालय में 2004 से 2009 तक कपड़ा मंत्री भी रहे। उनकी नेतृत्व कौशल के चलते उन्हें अक्टूबर 2014 में तमिलनाडु कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष नियुक्त किया गया था। सोनिया गांधी द्वारा यह पदभार उन्हें बी.एस. ग्नानदेशिकन के इस्तीफे के बाद सौंपा गया था।
मार्च 2023 में, इलंगोवन ने इरोड (ईस्ट) विधानसभा क्षेत्र की सीट पर उपचुनाव जीता। यह सीट उनके बेटे तिरुमगन इवेरा के निधन के बाद खाली हुई थी। तिरुमगन का 46 वर्ष की आयु में कार्डियक अरेस्ट के कारण 4 जनवरी 2023 को निधन हुआ था। इलंगोवन में अपने बेटे की कमी को पूरी करने की कोशिश करते हुए इस सीट को हासिल किया और अपनी सेवा जारी रखी।
फेफड़ों की बीमारी से पीड़ित इलंगोवन को चेन्नई के एमआईओटी अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया गया था। अस्पताल सूत्रों के अनुसार, उनका निधन शनिवार को सुबह 10:12 बजे हुआ। इस घटना से पूरे राजनीतिक समुदाय में दुख की भावना फैल गई। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने उनके निधन को राज्य के लिए एक बड़ी क्षति बताया।
तमिलनाडु कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष के. सेल्वपेरुंथागाई ने भी इसे पार्टी के लिए अपूरणीय क्षति करार दिया है। उनके अनुसार, इलंगोवन एक अद्वितीय नेता थे, जिन्होंने राज्य की जनता के लिए अपनी पूरी ज़िंदगी समर्पित की। उनके योगदान को हमेशा याद रखा जाएगा और उनकी कमी को कोई पूरा नहीं कर सकता।
कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता एमपी कार्ती पी. चिदंबरम ने भी ईवीकेएस इलंगोवन के निधन पर गहरी संवेदना व्यक्त की। उन्होंने कहा कि इलंगोवन ने पार्टी के लिए जो योगदान दिया है, उसे कभी भुलाया नहीं जा सकता। वे एक प्रेरणादायक नेता थे जिन्होंने तमिलनाडु में कांग्रेस को मजबूत बनाने के लिए अथक प्रयास किया।
राजनीति से परे, ईवीकेएस इलंगोवन का जीवन तमिलनाडु की सांस्कृतिक और सामाजिक धाराओं में भी सक्रिय रहा। वे हमेशा समाज के कमजोर वर्गों के उत्थान के लिए कार्य करते रहे। उनके कार्यों की सराहना न सिर्फ कांग्रेस पार्टी बल्कि सभी राजनैतिक दल करते हैं।
इलंगोवन के निधन के बाद, पूरे राज्य में शोक की स्थिति देखी गई है। उनके समर्थकों और सहयोगियों ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की है। इस दुखद क्षति के समय, तमिलनाडु और देश के अन्य भागों से भी राजनीतिक हस्तियों ने अपनी संवेदनाएं व्यक्त की हैं।
Uday Rau
दिसंबर 15, 2024 AT 13:53ईवीकेएस इलंगोवन ने बस राजनीति नहीं, बल्कि दिलों को छू लिया। उनकी आवाज़ हमेशा उस तमिल संस्कृति की थी जो बिना शोर के भी सबको सुना देती थी। जब वो इरोड के गाँवों में घूमते थे, तो लोग सिर्फ वोट नहीं, बल्कि अपनी आत्मा भी उनके पास छोड़ देते थे। उनकी शांति और दृढ़ता का कोई बदला नहीं।
sonu verma
दिसंबर 17, 2024 AT 11:09मुझे याद है जब मैं छोटा था, मेरे पापा बोलते थे कि इलंगोवन जी एक ऐसे आदमी हैं जो बिना बोले भी सबको समझ जाते हैं। अब वो नहीं हैं... लेकिन उनकी यादें हमेशा रहेंगी।
Siddharth Varma
दिसंबर 18, 2024 AT 04:02यार इलंगोवन का बेटा भी तो बहुत याद आता है... दोनों एक दूसरे के बिना नहीं रह सकते थे। बाप बेटे के लिए विधायक बन गए... ये तो कोई राजनीति नहीं, दर्द का बलिदान है।
chayan segupta
दिसंबर 18, 2024 AT 10:08दोस्तों, ये आदमी बस एक नेता नहीं था... ये तो एक जीवन दर्शन था। जब तुम्हें लगता है कि राजनीति सिर्फ चिल्लाहट है, तो इलंगोवन जी आते और बता देते कि असली नेतृत्व क्या होता है। शांति से बदलाव लाने की कला उन्होंने सिखाई।
King Singh
दिसंबर 20, 2024 AT 09:41उनका निधन एक बड़ी खोट है। तमिलनाडु की राजनीति में अब इतना संतुलन नहीं रह गया। वो जो बोलते थे, वो अक्सर सच होता था।
Dev pitta
दिसंबर 22, 2024 AT 02:31मैंने उन्हें एक बार देखा था। बस एक छोटा सा गाँव, एक बेस्ट बाइक, और एक गर्म नज़र। कोई नहीं जानता था कि ये कौन है। लेकिन लोग उनके पास आ रहे थे। ऐसे लोग ही असली होते हैं।
praful akbari
दिसंबर 24, 2024 AT 00:02मृत्यु तो हर किसी के लिए अंतिम सच है... लेकिन जिनका जीवन इतना बड़ा हो कि उनके बाद भी लोग बात करें, वो अमर हो जाते हैं। इलंगोवन अमर हैं।
kannagi kalai
दिसंबर 24, 2024 AT 12:45अच्छा था लेकिन अब बस इतना ही।
Roy Roper
दिसंबर 25, 2024 AT 21:07इलंगोवन ने जो किया वो सबके लिए बहुत कम है और बहुत ज्यादा है। अब बस चुप रहो और समझो।
Sandesh Gawade
दिसंबर 27, 2024 AT 07:09क्या तुम सब यही बोल रहे हो? बस शोक और श्रद्धांजलि? अब तो उनके लिए एक नया नेता चाहिए जो उनके जैसा हो और उनकी आवाज़ बने। नहीं तो ये शोक सिर्फ फॉर्मलिटी है।
MANOJ PAWAR
दिसंबर 28, 2024 AT 09:57उनके बेटे के निधन के बाद वो खुद विधायक बन गए... ये दर्द किसी को नहीं बताता, बस कर देता है। ऐसे लोगों के लिए शब्द अपर्याप्त हैं। उनकी याद में हमें अपनी ज़िंदगी भी बदलनी चाहिए।
Pooja Tyagi
दिसंबर 30, 2024 AT 04:07अगर ये लोग इतने अच्छे थे तो फिर राजनीति में इतनी भ्रष्टाचार और लालच क्यों? क्या एक इलंगोवन बहुत है? ये लोग तो बहुत हैं लेकिन सिस्टम तो बदलता नहीं! उनकी याद में भी बदलाव चाहिए, न कि सिर्फ फूलों का बरसाव!
Kulraj Pooni
दिसंबर 31, 2024 AT 21:16इलंगोवन के जीवन का सार यही है कि वो एक बेटा थे, एक पिता थे, एक नेता थे... लेकिन क्या वो एक आदमी थे? क्या वो वाकई खुद को भूल गए? ये सब बस एक बड़ा नाटक है।
Hemant Saini
जनवरी 2, 2025 AT 11:17अगर हम इलंगोवन की तरह जीएं, तो हमारे बच्चे भी राजनीति में आएंगे। नहीं तो तुम्हारा बेटा भी दुख से नहीं, बल्कि खालीपन से चला जाएगा। उनकी याद का मतलब है कि तुम भी कुछ करो।
Nabamita Das
जनवरी 4, 2025 AT 08:03उनके बेटे की मौत के बाद उन्होंने खुद विधायक बनने का फैसला किया - ये निर्णय किसी नेता का नहीं, एक पिता का था। ये राजनीति की बात नहीं, दिल की बात है।
chirag chhatbar
जनवरी 5, 2025 AT 14:32कांग्रेस का नेता... बस यही काफी है। कुछ भी नहीं बचा।
King Singh
जनवरी 6, 2025 AT 13:14उनके बाद कोई नहीं आएगा। अब तो सिर्फ नाम बचेंगे।