जब आप अमेरिका में पढ़ाई की योजना बनाते हैं, तो सबसे पहला सवाल अक्सर F-1 वीज़ा का हो जाता है। F-1 वीज़ा, अमेरिका के शैक्षणिक संस्थानों में दाखिले के लिए जारी किया गया विशेष वीज़ा. Also known as अमेरिकी छात्र वीज़ा, it lets a student pursue a full‑time course and stay for the duration of the program. यह वीज़ा छात्रों को कैंपस में पढ़ाई और कुछ सीमित कार्य करने की अनुमति देता है, जबकि परिवार को निर्भरता (डिपेंडेंट) वीज़ा अलग से चाहिए।
F-1 वीज़ा पाने के लिए सबसे पहले आपको एक मान्य I-20 फॉर्म, संस्थान द्वारा जारी किया गया दस्तावेज़ जो आपके कोर्स, अवधि और वित्तीय समर्थन को दिखाता है मिलना ज़रूरी है। इस फॉर्म को प्राप्त करने के लिए संस्थान के SEVIS (Student and Exchange Visitor Information System) में आपका रिकॉर्ड बनना चाहिए। यानी: F-1 वीज़ा → SEVIS पंजीकरण → I-20 फॉर्म — यह क्रमवर्ती संबंध (semantic triple) आपके आवेदन को मजबूत बनाता है।
सबसे पहले, आप जिस विश्वविद्यालय या कॉलेज में पढ़ना चाहते हैं, उसे चुनें और उनके एडमिशन के लिए ऑनलाइन आवेदन करें। स्वीकार होने के बाद, स्कूल आपको I-20 फॉर्म भेजता है। इसके बाद, आप DS-160 फॉर्म (ऑनलाइन वीज़ा आवेदन) भरते हैं और SEVIS शुल्क ($350) जमा करते हैं। इंटरव्यू के लिए अपॉइंटमेंट बुक करें, जहाँ आपको एडमिशन लेटर, I-20, वित्तीय दस्तावेज़, पासपोर्ट, और फोटो पेश करने होते हैं। इंटरव्यू में कांसुलर अधिकारी आपके इरादे, पढ़ाई का प्लान, और वित्तीय साक्ष्य की पुष्टि करेंगे।
क्शन की बात करें तो, एक बार वीज़ा मिल जाने पर आपको अपनी स्टूडेंट आईडी (SEVIS ID) को ट्रैक करना होगा, क्योंकि यह हर बार प्रवेश, ग्रेजुएशन, या प्रोग्राम बदलने पर अपडेट होना चाहिए। यह सिस्टम पूरे अमेरिका में छात्रों की जानकारी सुरक्षित रखता है और इमिग्रेशन नीतियों को लागू करता है।
वित्तीय साक्ष्य में बैंकर स्टेटमेंट, स्कॉलरशिप लेटर, या गारंटर की आय प्रमाणपत्र शामिल होते हैं। यदि आपका कोर्स महंगा है, तो कई संस्थान प्री‑पेड ट्यूशन या छात्रवृत्ति विकल्प देते हैं, जिससे वीज़ा ऑफिसर का भरोसा बढ़ता है। याद रखें, वित्तीय स्थिरता दिखाना वीज़ा मंजूरी का एक मुख्य मानदंड है।
एक बार F-1 वीज़ा सक्रिय हो जाए, तो आप कैंपस में पार्ट‑टाइम (20 घंटे/सप्ताह) काम कर सकते हैं। अतिरिक्त काम के लिए CPT (Curricular Practical Training) या पोस्ट‑ग्रेजुएशन OPT (Optional Practical Training) की जरूरत पड़ती है। CPT आम तौर पर कोर्स से जुड़ी इंटर्नशिप होती है, जबकि OPT स्नातक के बाद दो साल तक (STEM छात्रों को चार साल) काम करने की अनुमति देता है। यह अवसर न केवल अनुभव देता है, बल्कि भविष्य में H‑1B वीज़ा या ग्रीन कार्ड की राह भी खोलता है।
कई छात्रों को अक्सर यह जड़ता मिलती है कि वीज़ा के बाद भी कौन से नियमों का पालन करना है। सबसे महत्वपूर्ण नियमों में से एक है स्टेटस में बदलाव (जैसे सेफ‑प्लेयर से पार्ट‑टाइम) की सूचना तुरंत स्कूल के अंतर्राष्ट्रीय छात्र कार्यालय को देना। यदि आप कोर्स से ड्रॉप करते हैं या ग्रेजुएट हो जाते हैं, तो आपको तुरंत SEVIS रिकॉर्ड अपडेट करना होता है, नहीं तो ओवरस्टे के दंड का सामना करना पड़ सकता है।
अंत में, एक सफल F-1 वीज़ा यात्रा की कुंजी तैयारी और सही दस्तावेज़ीकरण में है। अपने एडमिशन काउंसलर, स्कूल के अंतर्राष्ट्रीय ऑफिस, और आधिकारिक यूएस कांसुलट की वेबसाइट पर नियमित रूप से अपडेट चेक करें। नीचे दी गई लेख सूची में आप F-1 वीज़ा से जुड़ी ताज़ा समाचार, उपयोगी टिप्स, और विशेषज्ञों की राय पाएंगे, जिससे आपका आवेदन प्रक्रिया और भी आसान हो जाएगा।
2024 में भारतीय छात्रों के अमेरिकी F‑1 वीज़ा में 38% गिरावट आई, हर्दराबाद में 80% कमी देखी गई; विशेषज्ञ इस संकट के कारणों और भविष्य के प्रभावों पर चर्चा कर रहे हैं।