बोनस शेयर: समझिये आसान भाषा में

अगर आप शेयर बाजार में नया हैं या थोड़ा-बहुत जानते हैं तो "बोनस शेयर" शब्द आपको सुनने में आया होगा। साधारण तौर पर बोनस शेयर कंपनी की ओर से मौजूदा शेयरधारकों को मुफ्त में दिए जाते हैं, जिससे उनका कुल शेयर‑होल्डिंग बढ़ जाता है। इसका मतलब है कि आप वही पैसा लगा कर दो‑तीन गुना शेयर पा सकते हैं – बिलकुल फ्री!

बोनस शेयर कब और क्यों देते हैं कंपनियां?

कंपनियों के पास दो मुख्य कारण होते हैं बोनस शेयर देने के लिए। पहला, जब कंपनी का मुनाफ़ा अच्छा हो लेकिन उसके पास नकद नहीं है, तो वह अपनी कमाई को शेयरों में बदलकर शेयरधारकों को बांट देती है। दूसरा, बाजार में अपने स्टॉक की कीमत बढ़ाने के लिये वे बोनस शेयर जारी करते हैं, क्योंकि अधिक शेयर होने से ट्रेडिंग वॉल्यूम बढ़ता है और निवेशक आकर्षित होते हैं.

कैसे प्राप्त करें बोनस शेयर?

बोनस शेयर पाने के लिए आपको कुछ बेसिक स्टेप फॉलो करने पड़ते हैं:

  • रजिस्टर्ड शेयरधारक बनें: कंपनी की रजिस्ट्रेशन डेट (Record Date) तक आपके नाम पर शेयर होना चाहिए। यह तारीख आमतौर पर प्रॉस्पेक्टस या आधिकारिक नोटिस में बताई जाती है.
  • डिविडेंड री-इन्वेस्टमेंट प्लान (DRIP): कई कंपनियां अपने डिविडेंड को फिर से शेयर में बदलने का विकल्प देती हैं, जिससे बोनस शेयर भी मिल सकते हैं.
  • ब्रोकर या डीमैट अकाउंट: आपका ब्रोकर आपको रजिस्टर्ड डेट के बाद बोनस शेयर स्वचालित रूप से आपके डीमैट खाते में क्रेडिट कर देगा।

ध्यान रखें, बोनस शेयर पाने के लिये कोई अतिरिक्त फॉर्म भरने की जरूरत नहीं होती – बस यह देखना है कि आप रिकॉर्ड डेट तक शेयरहोल्डर हैं या नहीं.

बोनस शेयर के फायदे और जोखिम

फायदे:

  • नकद खर्च बिना पोर्टफ़ोलियो का आकार बढ़ता है।
  • अगर कंपनी आगे भी अच्छा प्रदर्शन करती रहती है तो आपके पास अधिक शेयरों से अतिरिक्त डिविडेंड मिल सकता है.
  • बाजार में शेयर की कीमत गिरने पर बोनस शेयर आपका औसत खरीद मूल्य कम कर देते हैं (Cost Averaging).

जोखिम:

  • अगर कंपनी के फंड्स खराब हों तो बोनस शेयर का मूल्य घट सकता है, क्योंकि कुल शेयरों की संख्या बढ़ेगी पर मूलभूत ताकत नहीं बदलेगी.
  • टैक्स पहलू: भारत में बोनस शेयर को डिविडेंड नहीं माना जाता, लेकिन जब आप इन्हें बेचते हैं तो कैपिटल गेन टैक्स लागू हो सकता है.

इसलिए, बोनस शेयर लेने से पहले कंपनी की वित्तीय स्थिति देखना ज़रूरी है – सिर्फ “फ्री” शब्द में फंस कर न खरीदें.

अभी कौन-कौन सी कंपनियों ने बोनस शेयर जारी किया?

हाल के महीनों में कई बड़ी कंपनियों ने बोनस घोषणा की। उदाहरण के तौर पर, कुछ टेक दिग्गजों ने 5:1 या 10:1 के अनुपात में बोनस शेयर दिया है, जिससे उनके मौजूदा निवेशकों को काफी अतिरिक्त शेयर मिल गए। ये जानकारी अक्सर कंपनी के इन्फ़ॉर्मेशन मेमो या ब्रोकर के नोटिफिकेशन में आती है। आप अपने ब्रोकरेज प्लेटफ़ॉर्म पर “Corporate Actions” सेक्शन देख कर अपडेटेड लिस्ट आसानी से पा सकते हैं.

बोनस शेयर को समझना और सही समय पर लेना आपके पोर्टफ़ोलियो को मजबूत बना सकता है। लेकिन हमेशा याद रखें – बोनस शेयर कोई जादू नहीं, यह भी कंपनी के मूलभूत प्रदर्शन पर निर्भर करता है. अगर आप नियमित रूप से कंपनियों की वित्तीय रिपोर्ट पढ़ते हैं और अपने निवेश लक्ष्य तय करते हैं, तो बोनस शेयर एक बेहतरीन टूल बन सकता है.

तो अगली बार जब कोई कंपनी बोनस घोषणा करे, रिकॉर्ड डेट नोट कर लें, अपने ब्रोकर को चेक करें और फ्री शेयरों का फायदा उठाएँ। आपके पास अब जानकारी है, बस सही कदम उठाएँ!

Bajaj Finance शेयरों में अचानक गिरावट: बोनस और स्टॉक स्प्लिट के बाद कीमत ₹9,334 से ₹1,000 से नीचे कैसे पहुंची?

Bajaj Finance के शेयर के दाम अचानक ₹9,334 से ₹1,000 से नीचे आ गए, जिससे निवेशकों में हलचल मच गई। यह गिरावट असल में 4:1 बोनस शेयर और 1:2 स्टॉक स्प्लिट की वजह से हुई। कंपनी ने बताया कि यह सिर्फ तकनीकी बदलाव है, शेयर की असली कीमत इससे प्रभावित नहीं होती। जल्द ही निवेशकों को उनके बोनस शेयर मिल जाएंगे।