जब Azim Premji, एक भारतीय उद्योगपति और दानकर्ता हैं, जो Wipro के चेयरमैन के रूप में जाने जाते हैं. Also known as “दानी दिग्गज”, वह अपने व्यावसायिक सफलता को सामाजिक मिशन में बदलने के लिए प्रसिद्ध हैं, तो उनकी कहानी केवल कॉरपोरेट बोर्डों तक सीमित नहीं रहती। वह Wipro, एक वैश्विक आईटी सेवा और परामर्श कंपनी को 1990 के दशक में छोटे स्तर से लेकर मल्टी‑बिलियन डॉलर एंटरप्राइज़ तक ले गए। उसी समय उन्होंने philanthropy, सामाजिक कार्य और दान देना को अपने जीवन का दूसरा लक्ष्य बना लिया, जिससे भारतीय दान‑संस्कृति में नया मानदंड स्थापित हुआ।
Azim Premji ने शिक्षा को सामाजिक परिवर्तन का सबसे बड़ा लेवर माना। उनका education, शिक्षा के क्षेत्र में निवेश और सुधार का काम पर कई पहलें हैं – बसोड़िया से लेकर राष्ट्रीय स्तर की संस्थाओं तक। 2010 में उन्होंने Azim Premji Foundation की स्थापना की, जिसका उद्देश्य गरीब क्षेत्रों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पहुंचाना है। यह फ़ंड स्कूलों में शिक्षक प्रशिक्षण, पाठ्यक्रम विकास और सीखने‑सिखाने के तरीकों को अपडेट करने में मदद करता है। इस प्रकार Azim Premji का मानना है कि जब शिक्षा की पहुँच बढ़ती है, तो सामाजिक असमानताएँ घटती हैं – एक सीधा कारण‑परिणाम संबंध (semantic triple).
उनकी दान‑शैलियों में एक और प्रमुख घटक है कॉर्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी (CSR)।
जब corporate social responsibility, कंपनियों द्वारा सामाजिक, पर्यावरणीय और आर्थिक पहलें को मजबूत करने की बात आती है, तो Azim Premji ने एक मॉडल पेश किया। उन्होंने कहा कि CSR सिर्फ रेगुलेशन पालन नहीं, बल्कि कंपनी की दीर्घकालिक स्थिरता का हिस्सा है। Wipro ने अपने CSR पोर्टफोलियो में शिक्षा, स्वास्थ्य और पर्यावरण संरक्षण को प्राथमिकता दी, जिससे यह सिद्ध होता है कि “उद्यमिता (entity) CSR (entity) को प्रेरित करती है” (semantic triple). इस तरह कंपनियों के लिए सामाजिक लक्ष्यों को व्यापारिक उद्देश्यों के साथ जोड़ना आसान हो गया।
उनके कार्यों का असर सिर्फ भारत तक सीमित नहीं है। आज Azim Premji की दान‑राशि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी पहचानी जाती है। उन्होंने कई वैश्विक मंचों पर भारत की दान‑संस्कृति को उजागर किया और विश्व भर में समान लक्ष्य रखने वाले संस्थानों के साथ साझेदारी की। इस सहयोग के कारण “global philanthropy (entity) भारत की रणनीति (entity) को सुदृढ़ करती है” (semantic triple). परिणामस्वरूप यह स्पष्ट हो जाता है कि एक व्यक्तिगत उद्यमी की सोच से वैश्विक सामाजिक परिवर्तन में कितना योगदान हो सकता है।
आप नीचे उन लेखों की सूची पाएँगे जो Azim Premji के विभिन्न पहलुओं—व्यवसाय, दान, शिक्षा, CSR और उनके भविष्य के विज़न—पर गहराई से चर्चा करते हैं। चाहे आप एक उद्यमी हों, छात्र हों या सिर्फ प्रेरणा की तलाश में हों, इन लेखों से आप सीखेंगे कि बड़े लक्ष्य कैसे छोटे‑छोटे कदमों से हासिल होते हैं। अब आगे बढ़ते हैं और जानते हैं कैसे उनका हर कदम देश‑विदेश में सकारात्मक बदलाव लाता है।
अज़ीम प्रीमजी, 1945 में मुंबई में जन्मे, ने अपने पिता की छोटी वनस्पति तेल कंपनी को भारत की सबसे बड़ी आईटी फ़र्म में बदल दिया। 21 साल की उम्र में परिवार के व्यापार की ज़िम्मेदारी संभालने के बाद उन्होंने तकनीक में क्रांतिकारी बदलाव किए। वैश्विक स्तर पर मान्यताप्राप्त उनके व्यापारिक कौशल के साथ‑साथ शिक्षा सुधार में उनका दान भी उल्लेखनीय है।