क्या आप कभी सोचे हैं कि कई वेबसाइटों पर बार‑बार जाना क्यों पड़ता है? इसका आसान हल है – RSS. यह एक छोटा फ़ॉर्मेट है जो आपके पसंदीदा साइट्स के नए लेख, वीडियो या पॉडकास्ट को एक साथ लाता है। बस एक RSS रीडर में जोड़िए और हर अपडेट आप ही देखेंगे।
हर वेबसाइट अपने कंटेंट का सारांश XML फ़ाइल में रखती है, जिसे हम RSS फ़ीड कहते हैं. जब साइट पर नई खबर आती है, तो वही फ़ाइल अपडेट हो जाती है। आपका रीडर इस फ़ाइल को हर कुछ मिनटों में चेक करता है और नया आइटम दिखा देता है। इसलिए आपको अलग‑अलग पेज खोलने की जरूरत नहीं रहती.
अगर आप मोबाइल या कंप्यूटर पर RSS पढ़ना चाहते हैं, तो Feedly, Inoreader या Netvibes जैसे मुफ्त टूल इस्तेमाल कर सकते हैं. बस साइट का RSS लिंक कॉपी‑पेस्ट करें और सब तैयार.
समय बचत: एक ही जगह पर कई स्रोतों की खबरें मिलती हैं, तो सुबह की चाय के साथ सारी अपडेट पढ़ सकते हैं. कंटेंट नियंत्रण: आप तय कर सकते हैं कौन सी श्रेणी या टैग (जैसे "आरएसएस") आपको दिखाए। इससे बेकार विज्ञापनों से बचाव होता है.
अगर आपके पास ब्लॉग या न्यूज़ साइट है, तो RSS फ़ीड जोड़ना भी आसान है. WordPress में प्लग‑इन के ज़रिये आप तुरंत अपना फ़ीड बना सकते हैं और पढ़ने वालों को सब्सक्राइब करने का विकल्प दे सकते हैं. इससे ट्रैफ़िक बढ़ता है और सर्च इंजन आपके कंटेंट को जल्दी इंडेक्स कर लेता है.
RSS अब सिर्फ टेक गीक तक सीमित नहीं रहा। कई प्रमुख समाचार पोर्टल, खेल साइटें, फ़िल्म रिव्यू और यहां तक कि सरकारी अधिसूचनाएं भी RSS के ज़रिये उपलब्ध हैं. "आरएसएस" टैग वाले लेखों में आपको शेयर मार्केट की ताज़ा गिरावट, IPL शेड्यूल या नई तकनीकी अपडेट्स मिलेंगे—सब एक ही जगह.
अंत में, अगर आप अभी भी सोच रहे हैं कि इसे कैसे सेट अप करें, तो नीचे दो स्टेप्स याद रखें:
बस, अब हर सुबह आप बिना मेहनत के सारी नई खबरें एक ही स्क्रीन पर देख पाएँगे. आरएसएस से जुड़िए, समय बचाइए और जानकारी में आगे रहिये.
1 जुलाई को कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने लोकसभा में भाषण देते हुए बीजेपी पर सांप्रदायिक विभाजन का आरोप लगाया। हालांकि, उनके भाषण के कई हिस्से संसदीय रिकॉर्ड से स्पीकर के आदेश पर हटाए गए। इनमें उन्होंने हिन्दू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, बीजेपी और आरएसएस पर टिप्पणियाँ की थीं। इस पर आरएसएस ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि हिन्दुत्व को हिंसा से जोड़ना दुर्भाग्यपूर्ण है।