सोना रिकॉर्ड 13,321 रुपये प्रति ग्राम, चांदी ने 1.99 लाख का दर पार किया

सोना रिकॉर्ड 13,321 रुपये प्रति ग्राम, चांदी ने 1.99 लाख का दर पार किया

भारत में सोने की कीमत आज रिकॉर्ड 13,321 रुपये प्रति ग्राम पहुँच गई — एक ऐसा स्तर जिसे पिछले किसी भी समय देश में नहीं देखा गया। यह बढ़ोतरी सिर्फ एक दिन की नहीं, बल्कि एक लहर का हिस्सा है, जिसमें चांदी भी 1,99,100 रुपये प्रति 10 ग्राम के करीब पहुँच गई। ये दोनों धातुएँ अब सिर्फ सजावट के सामान नहीं, बल्कि आर्थिक अस्थिरता के खिलाफ एक दुर्ग बन गई हैं। इस उछाल के पीछे फेडरल रिजर्व की ब्याज दर कटौती, रुपये का निरंतर कमजोर होना और वैश्विक आर्थिक डर का मिश्रण है।

सोने और चांदी की कीमतें: आंकड़े जो चौंका देते हैं

14 दिसंबर, 2025 को, Goodreturns.in के अनुसार, 24 कैरेट सोना ₹13,321 प्रति ग्राम पर था — पिछले दिन की तुलना में ₹1 की बढ़ोतरी के साथ। 22 कैरेट सोना ₹12,211 और 18 कैरेट ₹9,991 प्रति ग्राम था। 10 ग्राम के लिए ये संख्याएँ क्रमशः ₹1,33,210, ₹1,22,110 और ₹99,910 बन गईं। 100 ग्राम के लिए 24 कैरेट सोना ₹13,32,100 पर था — यानी एक दिन में ₹100 की बढ़ोतरी।

चांदी की कीमत भी उसी तरह तेजी से बढ़ रही थी। Times Now News के 11 दिसंबर के रिपोर्ट के अनुसार, चांदी ₹1,99,100 प्रति 10 ग्राम के करीब पहुँच गई, जो 2 लाख के दर के बस एक कदम दूर था। यह उछाल इतना तेज था कि इसे बाजार में "विशेष रूप से उल्लेखनीय" कहा गया।

क्यों बढ़ रही हैं कीमतें? तीन बड़े कारण

ये कीमतें सिर्फ भारत में नहीं, बल्कि दुनिया भर में बढ़ रही हैं। लेकिन भारत में यह बढ़ोतरी दोगुनी हो गई। क्यों? पहला कारण — फेडरल रिजर्व की ब्याज दर कटौती। जब अमेरिका ने ब्याज दर कम की, तो दुनिया भर के निवेशक अपनी पूंजी को सुरक्षित संपत्ति — यानी सोना और चांदी — की ओर ले गए।

दूसरा, और शायद सबसे ज्यादा प्रभावी, भारतीय रुपया का कमजोर होना। जब रुपया डॉलर के मुकाबले कमजोर होता है, तो आयातित सोने की कीमत बढ़ जाती है। यह एक सीधा गणित है: अगर डॉलर ₹85 से बढ़कर ₹90 हो जाता है, तो सोने की लागत भी उतनी ही बढ़ जाती है। यह तनाव बाजार में एक अतिरिक्त दबाव बन गया।

तीसरा — मौसमी मांग। दिसंबर और जनवरी में शादियाँ, त्योहार और उपहार देने की परंपरा के कारण भारत में सोने की मांग हमेशा बढ़ती है। इस बार, यह मांग उस तेजी के साथ जुड़ गई जो वैश्विक बाजार में चल रही थी। द न्यू इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट में इसे "रक्षात्मक संपत्ति" के रूप में बताया गया — जब अर्थव्यवस्था डरती है, तो लोग सोने की ओर भागते हैं।

बाजार के अंदर का नज़ारा: MCX और निवेशकों की प्रतिक्रिया

बाजार के अंदर का नज़ारा: MCX और निवेशकों की प्रतिक्रिया

कमोडिटी बाजार में, मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) पर सोने और चांदी के फ्यूचर्स के लेन-देन में भारी वृद्धि हुई। विश्लेषकों के मुताबिक, बिक्री कम थी, खरीदारी ज्यादा। यह एक असामान्य स्थिति है — जहाँ बाजार में डर और उम्मीद एक साथ चल रहे हैं।

एक निवेशक जिन्होंने अपना नाम छिपाने को कहा, बताते हैं: "मैंने पिछले दो महीने में अपने सावधान निवेश के 40% को सोने में बदल दिया। बैंक डिपॉजिट ब्याज 6.5% है, लेकिन जब रुपया गिर रहा है और वैश्विक अर्थव्यवस्था अनिश्चित है, तो ब्याज बहुत कम लगता है।"

दूसरी ओर, छोटे व्यापारी और ग्रामीण ग्राहक इस उछाल से डर रहे हैं। एक जेवर बेचने वाले ने कहा: "हम अब ग्राहकों को बता रहे हैं कि आज खरीद लें, कल नहीं। कल की कीमत आज से ज्यादा होगी।"

असर: आम आदमी के लिए क्या बदल गया?

यह सिर्फ एक बाजार की बात नहीं है। यह एक आम जीवन की बात है। एक शादी के लिए 10 ग्राम सोने की आवश्यकता होती है — अब वह ₹1,33,210 की जगह ₹1,35,000 या उससे भी ज्यादा की लागत लेगा। एक छोटी बचत की योजना जो पिछले साल ₹10 लाख के लिए थी, अब ₹11 लाख की आवश्यकता होगी।

इसका असर निवेशकों पर भी पड़ रहा है। जो लोग सोने के बंड्स या इक्विटी म्यूचुअल फंड में निवेश करते थे, वे अब सोने के फंड या सोने के सिक्कों में जा रहे हैं। यह एक बड़ा बदलाव है — जहाँ लोग आय की बजाय संपत्ति की रक्षा करना चाहते हैं।

आगे क्या होगा? विशेषज्ञों की राय

आगे क्या होगा? विशेषज्ञों की राय

द न्यू इंडियन एक्सप्रेस के विश्लेषकों के अनुसार, अगले तीन महीने में यह रुझान बना रहेगा। कारण? अमेरिका में और ब्याज दर कटौती की उम्मीद, भारत में रुपये का दबाव बना रहना, और वैश्विक राजनीतिक तनाव — जैसे मध्य पूर्व में अशांति।

एक वित्तीय विश्लेषक ने कहा: "अगर रुपया ₹91 के पार जाता है, तो सोने की कीमत ₹13,500 प्रति ग्राम के करीब पहुँच सकती है। चांदी तो उससे भी तेजी से बढ़ सकती है — क्योंकि इसका बाजार छोटा है और अधिक अस्थिर है।"

लेकिन एक चेतावनी भी है: अगर फेडरल रिजर्व अचानक ब्याज दर बढ़ा देता है, या भारत में रुपया मजबूत हो जाता है, तो यह उछाल अचानक रुक सकता है। इसलिए, निवेशकों को अपनी रणनीति को लचीला रखना होगा।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

सोने की कीमत में यह उछाल आम आदमी को कैसे प्रभावित करता है?

सोने की कीमत में यह तेजी से बढ़ोतरी सीधे शादियों, उपहार और बचत के लिए सोने की खरीदारी पर असर डालती है। अब 10 ग्राम सोना ₹1.33 लाख का है — जो पिछले साल ₹1.15 लाख था। इसका मतलब है कि एक शादी के लिए आवश्यक निवेश लगभग ₹20,000 ज्यादा हो गया है। यह छोटे घरों के लिए एक भारी बोझ बन गया है।

क्या चांदी भी सोने की तरह रिकॉर्ड पर पहुँच जाएगी?

हाँ, संभावना है। चांदी की कीमत पहले ही ₹1,99,100 प्रति 10 ग्राम पर पहुँच चुकी है। चूंकि इसका बाजार छोटा है, तो थोड़ी सी खरीदारी भी कीमत को तेजी से बढ़ा सकती है। अगर रुपया ₹91 के पार जाता है, तो चांदी ₹2.10 लाख तक जा सकती है — जो एक नया इतिहास बनाएगा।

क्या सोने में निवेश अभी भी सुरक्षित है?

हाँ, लेकिन यह एक रक्षात्मक निवेश है, न कि लाभ कमाने का तरीका। अगर आप अपनी बचत का 5-10% सोने में रखते हैं, तो यह आपको अर्थव्यवस्था के झटकों से बचाएगा। लेकिन इसे शेयर बाजार की तरह तेजी से लाभ कमाने के लिए नहीं देखना चाहिए।

क्या रुपये के मजबूत होने से सोने की कीमत घटेगी?

जरूर। अगर रुपया डॉलर के मुकाबले मजबूत होता है — यानी ₹85 या उससे कम पर आता है — तो आयातित सोने की लागत कम होगी और कीमतें गिर सकती हैं। लेकिन यह तभी होगा जब वैश्विक सोने की कीमतें स्थिर रहें। अगर वैश्विक डर बना रहता है, तो भारत में भी कीमतें ऊपर ही रहेंगी।

क्या जेवर बेचने वाले अब भी सोना बेच रहे हैं?

हाँ, लेकिन अब वे अपनी रणनीति बदल रहे हैं। वे छोटे टुकड़ों में बेच रहे हैं — 2 या 5 ग्राम के सोने के सिक्के, जिनकी कीमत ₹25,000-₹65,000 के बीच है। यह छोटे निवेशकों के लिए एक नया रास्ता बन गया है। कई दुकानें अब "सोने की बचत योजना" भी चला रही हैं।

क्या भारत में सोने की मांग अभी भी बढ़ रही है?

हाँ, और यह बढ़ने का रुझान बना हुआ है। नवंबर-दिसंबर के महीनों में भारत में सोने की मांग पिछले पांच वर्षों का औसत से 18% ज्यादा है। यह सिर्फ शादियों की वजह से नहीं, बल्कि लोगों के आर्थिक डर की वजह से है। अब लोग सोना निवेश के रूप में देख रहे हैं — न कि सिर्फ सजावट के लिए।