रियासी जिले में आतंकी हमला
रविवार की शाम की बात है जब जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले में तीर्थयात्रियों को लेकर जा रही बस पर आतंकी हमला हुआ। इस हादसे में नौ लोगों ने अपनी जान गंवा दी। यह घटना दर्दनाक है, जहां मरने वालों में राजस्थान के जयपुर से एक परिवार के चार सदस्य भी शामिल थे। इनमें सिर्फ दो वर्ष का मासूम लिवांश भी था, जिसकी मासूमियत को इस हिंसक हमले ने बेरहमी से छीन लिया।
परिवार की पहचान और यात्रा
मारे गए परिवार के सदस्यों की पहचान पूजा सैनी (30), उनके बेटे लिवांश, पूजा के पितृक चाचा राजेंद्र सैनी (44) और राजेंद्र की पत्नी ममता (40) के रूप में हुई है। इस परिवार ने जयपुर से 6 जून को वैष्णो देवी की यात्रा के लिए रुख किया था। पूजा का पति पवन गंभीर रूप से घायल हुआ लेकिन अब स्वस्थ बताया जा रहा है और उन्हें अस्पताल से छुट्टी मिल गई है।
उत्तर प्रदेश के बलरामपुर के रिश्तेदार
बस में यात्रा कर रहे उत्तर प्रदेश के बलरामपुर जिले के कुछ रिश्तेदार भी इस हमले का शिकार बने। इनमें रूबी वर्मा (22) और उनके मामा के बेटे अनुराग वर्मा (16) की भी दर्दनाक मौत हो गई। रूबी एक शिक्षिका थीं और साथ ही एक ग्रैजुएट छात्रा भी थीं। इस परिवार का दुख भी उतना ही गहराया है जितना किसी और का। रूबी की माँ विमला देवी (52) और बड़ी बहन मैना वर्मा (24) घायल हुईं।
सरकारी मदद और राहत कार्य
उत्तर प्रदेश सरकार ने त्वरित कार्रवाई की और जम्मू-कश्मीर में टीमें भेजीं ताकि मृतकों के शव वापस लाए जा सकें और घायल यात्रियों को उचित चिकित्सा सहायता मिल सके। जिले के प्रशासन ने घायलों और उनके परिवारों को हर संभव मदद उपलब्ध कराई है। अन्य घायल श्रद्धालु जो उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों से थे, जैसे कि गोण्डा और गोरखपुर, उन्हें स्थानीय अस्पतालों में भर्ती किया गया है और उनकी हालत स्थिर बताई जा रही है।
वैष्णो देवी यात्रा पर संकट
इस घटना ने वैष्णो देवी यात्रा के श्रद्धालुओं में भय का माहौल पैदा कर दिया है। हर साल लाखों श्रद्धालु वैष्णो देवी के दर्शन के लिए इस यात्रा को पूरा करते हैं, लेकिन इस बार की यात्रा उनके लिए एक बुरे सपने की तरह आई। सुरक्षा एजेंसियाँ अब इस हमले की जांच में जुट गई हैं और स्थानीय प्रशासन सतर्कता बढ़ा रहा है ताकि भविष्य में ऐसी दुखद घटनाएँ न हों।
अपनों का खोना
इस आतंकी हमले ने महाराष्ट्र, राजस्थान और उत्तर प्रदेश के कई परिवारों को असीमित दुख में डुबो दिया है। अपनों की मौत की खबर से परिवारों में मातम पसर गया है। इस हादसे में विशेष तौर पर बच्चों का अनाथ हो जाना और माता-पिता का बच्चों को खो देना बेहद व्यथित करने वाला है।
आशा है कि प्रशासन और सरकार इस प्रकार की घटनाओं को रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाएँगे ताकि कोई भी परिवार इस तरह की परिस्थिति का सामना न करे।
सावधानियां और सुरक्षा उपाय
ट्रैवल एजेंसियों और प्रशासन को भविष्य में सुरक्षा के मापदण्डों को मजबूत करने की जरूरत है। यात्रा के दौरान पहलुओं को ध्यान में रखते हुए सुरक्षा सुनिश्चित करनी होगी। तीर्थयात्रियों को भी सतर्क रहने और सुरक्षा के सभी निर्देशों का पालन करने की सलाह दी जाती है।
इस हमले ने एक बार फिर स्मरण कराया कि आतंकवाद किसी निर्दोष के जीवन से कितना क्रूर खेल खेल सकता है। हमें मिलकर इस अलोकतांत्रिक ताकतों का सामना करना होगा और शांतिपूर्ण जीवन के लिए संगठित प्रयास करने होंगे।
manivannan R
जून 13, 2024 AT 12:02yaar yeh sab kya ho raha hai? bus pe hi aisa kyun hota hai? security ka kya hua? koi bhi na koi system toh hona chahiye tha
Uday Rau
जून 14, 2024 AT 01:08Yeh sirf ek tragedy nahi, ek national wound hai. Har ek bachcha, har ek maa, har ek bhai-sabke dil mein ek dard hai jo shabd nahi bata sakta. Hum sab ek hi desh ke log hain, aur yeh dard hum sabka hai. Isliye humein ek saath khade hona hoga-na ki bhaag kar, na ki gusse mein, balki apne insaaniyat ke saath.
sonu verma
जून 15, 2024 AT 21:06maine yeh kahani suni toh aankhein bhar aayi… koi bhi bachcha nahi hona chahiye jiska sapna kisi ke gunde ki goli se khatam ho jaye. humein ek doosre ke liye zinda rehna hoga
Siddharth Varma
जून 16, 2024 AT 13:14ye sab kya hai yaar? kya hum log itne kamzor ho gaye ki ek bus pe bhi koi aisa kar sakta hai? koi bhi koi bhi…
praful akbari
जून 17, 2024 AT 13:09ek bachche ki aankhon mein jo soch thi-kya woh bhi ek din yehi soch raha tha ki ‘maa, hum yatra pe ja rahe hain’? aur phir… kya hua? yeh sirf ek attack nahi, yeh ek humari chuppi hai.
chayan segupta
जून 17, 2024 AT 21:47dekho, hum sabko ek saath khade hone ki zaroorat hai. koi bhi bachcha nahi, koi bhi maa nahi, koi bhi bhai nahi-yeh sab humara hai. humein ek doosre ke liye jeena hai
King Singh
जून 18, 2024 AT 20:56ye kya ho raha hai? hum sab ek hi desh ke log hain. kya hum apne hi logon ko hi khatam kar rahe hain? koi bhi aise cheezon ke liye nahi jee raha… bas apne ghar ke liye jee rahe hain
Dev pitta
जून 19, 2024 AT 09:21ye sab kya hai? humein sirf ek hi baat yaad rakhni hai-koi bhi bachcha, koi bhi maa, koi bhi bhai… yeh sab humara hai. humein ek doosre ke liye jee na hoga toh phir kya jee rahe hain?
Roy Roper
जून 19, 2024 AT 12:00security fail. government fail. society fail. no excuses. no more talk. action now or we are all dead
Vikky Kumar
जून 19, 2024 AT 23:20While the emotional weight of this tragedy is undeniable, it is imperative to analyze the structural vulnerabilities in interstate pilgrimage logistics. The absence of a centralized biometric verification system for pilgrim transport, coupled with non-standardized security protocols across state borders, creates exploitable gaps. The bureaucratic inertia in implementing the National Pilgrim Security Framework (NPSF-2020) remains the root cause of such atrocities. Without institutional accountability, condolences are merely performative.
kannagi kalai
जून 20, 2024 AT 15:32ab toh bas rona hi bacha hai