2025 में रिलायंस जियो का आईपीओ: $100 बिलियन से अधिक का मूल्यांकन

2025 में रिलायंस जियो का आईपीओ: $100 बिलियन से अधिक का मूल्यांकन

रिलायंस जियो का 2025 में आईपीओ

रिलायंस इंडस्ट्रीज की दूरसंचार शाखा, रिलायंस जियो, आगामी वर्षों में 2025 में अपने शुरुआती सार्वजनिक पेशकश (आईपीओ) की तैयारी में है। सूत्रों के अनुसार, यह आईपीओ भारत के आर्थिक इतिहास में सबसे बड़े आईपीओ में से एक हो सकता है। जियो ने खुद को भारत की अग्रणी दूरसंचार कंपनी के रूप में स्थापित किया है और उसके पास वर्तमान में 479 मिलियन से अधिक ग्राहक हैं। इस स्थिति में, कंपनी का अनुमानित मूल्यांकन $100 बिलियन से अधिक हो सकता है, जो निवेशकों और शेयरधारकों के लिए अत्यधिक आकर्षक होता है।

रिलायंस इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष, मुकेश अंबानी, ने 2019 में संकेत दिया था कि आने वाले वर्षों में जियो और रिलायंस रिटेल को सूचीबद्ध किया जाएगा। हालांकि, रिटेल शाखा का आईपीओ संभवतः 2025 के बाद ही आएगा, क्योंकि उसके संचालन में कुछ चुनौतियाँ हैं, विशेष रूप से कुछ स्थानों पर मुनाफे में अस्थिरता को लेकर। जियो का आईपीओ, अपनी वर्तमान स्थिति और हालिया लाभों के आधार पर, एक नया रिकॉर्ड स्थापित कर सकता है, जिसे इतनी बड़ी आर्थिक स्थिति में देखना असामान्य होता है।

रिलायंस जियो का बढ़ता वर्चस्व

रिलायंस जियो का बढ़ता वर्चस्व

जेफरीज के अनुसार, जुलाई में जियो का मूल्यांकन $112 बिलियन था, जिससे रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयर की कीमत में 7% से 15% की वृद्धि हो सकती है। रिलायंस इंडस्ट्रीज ने अपने डिजिटल, दूरसंचार और रिटेल वेंचर्स के लिए विभिन्न निवेश संस्थाओं से $25 बिलियन की खोज की है, जिसमें केकेआर, जनरल एटलांटिक और अबू धाबी निवेश प्राधिकरण जैसे बड़े वित्तीय संस्थान शामिल हैं। इन निवेशों ने रिलायंस जियो और रिलायंस रिटेल दोनों के लिए $100 बिलियन से अधिक का मूल्यांकन सुनिश्चित किया है।

नए साझेदारी और योजनाएं

इसके अलावा, जियो ने एनवीडिया के साथ AI इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास के लिए एक साझेदारी भी की है और अपनी सब्सक्राइबर बेस को बढ़ावा देने के लिए नए टैरिफ प्लान भी पेश किए हैं, जिससे कंपनी की वित्तीय स्थिति को और भी सुदृढ़ बनाने की कोशिश की गई है।

जियो और रिलायंस रिटेल के आईपीओ भारतीय पूंजी बाजार में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर होंगे, क्योंकि भारतीय शेयर बाजार में तेजी पहले से ही उच्च रिकॉर्ड बना चुकी है। 2024 में 270 कंपनियों ने $12.58 बिलियन की धन उगाही की है, जो 2023 में $7.42 बिलियन की तुलना में कहीं अधिक है। ये आंकड़े भारतीय अर्थव्यवस्था की स्थिरता और विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण संकेत देते हैं।

इस तरह, रिलायंस जियो का आगामी आईपीओ भारतीय आर्थिक दर्शकों और निवेशकों के लिए विशेष रुचि का विषय है। इस आईपीओ के साथ, न केवल भारतीय दूरसंचार उद्योग में जियो की स्थिति को और मजबूत किया जाएगा, बल्कि यह विदेशी निवेशकों के लिए भी एक बड़ी संभावनायें प्रस्तुत करेगा, खासकर ऐसे समय में जब वैश्विक आर्थिक परिदृष्य में अनिश्चितताएं व्याप्त हैं।