आपने कभी सुना होगा कि कुछ काम "सही समय" पर करना चाहिए? वही है शुभ मुहूर्ट. यह वैदिक ज्योतिष का एक हिस्सा है जो बताता है कब कोई कार्य सबसे अधिक लाभ दे सकता है। अगर आप नई नौकरी, शादी या बड़े निवेश की योजना बना रहे हैं तो इस जानकारी से फायदेमंद रह सकते हैं.
सबसे पहले अपने जन्मपत्री (जन्म कुंडली) को देखिए. इसमें ग्रहों की स्थितियों के आधार पर समय तय किया जाता है। अगर आप कुंडली नहीं बनवाते तो कई भरोसेमंद वेबसाइट या ऐप मुफ्त में पंचांग दिखाते हैं – देखें कौन सा दिन और घड़ी का कौन सा भाग ‘अशुभ’ या ‘शुभ’ बताया गया है. आमतौर पर सुबह 6‑10 बजे, दोपहर 12‑2 बजे और शाम 4‑7 बजे को शुभ माना जाता है, लेकिन यह आपके राशिचक्र पर निर्भर करता है.
1. **काम शुरू करने का समय:** अगर आपका काम दस्तावेज़ या अनुबंध साइन करना है तो सुबह के पहले दो घंटे (6‑8 बजे) चुनें। यह ऊर्जा से भरपूर होता है और दिमाग तेज रहता है.
2. **वित्तीय लेन‑देन:** बैंक ट्रांसफ़र, शेयर खरीदना या बड़ी रकम का भुगतान शाम 5‑7 बजे करने पर अक्सर बेहतर परिणाम मिलते हैं. इस समय ग्रहों की स्थिति लाभ को बढ़ाती है.
3. यात्रा और प्रवास: लंबी दूरी की ट्रेन या फ्लाइट बुक करते समय दोपहर के खाने के बाद (12‑2 बजे) का विकल्प चुनें. यह समय यात्रियों के लिए सुरक्षा और सहजता देता है.
4. **शादी व सामाजिक समारोह:** पारम्परिक रूप से सुबह 7‑9 बजे या शाम 6‑8 बजे को सबसे शुभ माना जाता है. अगर आप दोपहर में प्लान कर रहे हैं तो पंचांग में ‘मंगल’ दिन चुनें, क्योंकि मंगल ऊर्जा वैवाहिक जीवन में स्थिरता लाती है.
5. **स्वास्थ्य और योग:** सुबह जल्दी उठकर 6‑7 बजे हल्का व्यायाम या प्राणायाम करने से शरीर के लिए ऊर्जा का सही प्रवाह बनता है. यह समय न केवल शारीरिक बल्कि मानसिक संतुलन भी देता है.
इन बुनियादी टिप्स को अपनी रोज़मर्रा की दिनचर्या में जोड़ें और देखिए कैसे छोटे‑छोटे बदलाव आपके परिणामों को बदलते हैं। याद रखें, शुभ मुहूर्त का मतलब यह नहीं कि आप बाकी समय काम नहीं कर सकते; बल्कि यह एक दिशा देता है जिससे सफलता के मौके बढ़ जाते हैं.
अगर अभी भी निश्चित नहीं हो तो अपने नजदीकी ज्योतिषी से परामर्श लें. वे आपके जन्मपत्री को देख कर व्यक्तिगत सलाह देंगे और खास तारीखें बताएंगे. इस तरह आप बड़े फैसलों में आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ सकते हैं.
देवशयनी एकादशी, जो हिन्दू धर्म में एक महत्त्वपूर्ण त्योहार है, 17 जुलाई 2024 को पड़ रहा है। इस दिन भगवान विष्णु चार महीने की नींद में जाते हैं। भक्तगण व्रत रखते हैं, पूजा करते हैं और विशिष्ट अनुष्ठान का पालन करते हैं। इस व्रत का उद्देश्य मोक्ष (मुक्ति) प्राप्त करना और पापों से छुटकारा पाना होता है।