अगर आप क्रिकेट देखना पसंद करते हैं तो जसप्रीत बुमराह के बारे में सुना होगा। वह भारत की टीम में सबसे भरोसेमंद पेसर्स में से एक है और आईपीएल में भी उसका नाम ज़्यादातर टॉप पर रहता है। इस लेख में हम उसकी हाल की फ़ॉर्म, पिछले मैचों में किए गए शानदार गेंदें और आगे आने वाले सीज़न के बारे में बात करेंगे। पढ़ते रहिए, आपको बुमराह की खेल शैली समझ आएगी और पता चलेगा कि वह क्यों खास माना जाता है।
पिछले कुछ हफ्तों में बुमराह ने कई बड़े मैचों में असरदार गेंदबाज़ी दिखाई। जब भारत‑पाकिस्तान की टेस्ट सीरीज़ हुई, तो उसने दो वीकेंड में 12 विकेट लिये और टीम को जीत दिलाने में मदद की। उसी दौरान वह अपनी स्पीड और सटीकता से बैंड्स पर नियंत्रण रख रहा था, जिससे बल्लेबाजों को हिट करने का मौका कम मिला।
आईपीएल 2025 में भी उसका नाम कई बार टॉप लिस्ट में आया। किंग्स इन्डियन (KKR) ने उसके खिलाफ खेलते समय स्कोरबोर्ड पर दबाव महसूस किया, क्योंकि बुमराह की डिलिवरी हर ओवर में रन कम कर देती थी। वह न केवल तेज़ गेंदें फेंकता है, बल्कि बॉयलरिंग एंड्स पर भी कुशल है, जिससे मैचेज़ के बीच में टीम को ब्रेक लेते समय बहुत फायदा होता है।
अब बुमराह का ध्यान आने वाले अंतरराष्ट्रीय टूर और अगली आईपीएल सीज़न पर है। भारत की आगामी इंग्लैंड टेस्ट में उसे पिच के हिसाब से अपनी रणनीति बदलनी होगी, क्योंकि वहाँ ग्रास फेयरवे ज्यादा होता है। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर वह अपनी लीडरशिप क्वालिटी दिखाता रहेगा तो टीम को टॉप पर पहुँचाने में उसकी भूमिका और भी अहम हो जाएगी।
साथ ही बुमराह ने हाल ही में फिटनेस प्रोग्राम शुरू किया है, जिससे चोट के जोखिम को कम करने की कोशिश कर रहा है। उसका लक्ष्य अगले साल तक 150 विकेट का आंकड़ा तोड़ना है, जो कि किसी भी पेसर के लिए बड़ी उपलब्धि होगी। अगर आप उसके फैन हैं या सिर्फ़ एक सामान्य क्रिकेट प्रेमी, तो बुमराह की अगली डिलीवरी देखना न चूकें – वह हमेशा कुछ नया लेकर आता रहता है।
तो बस, अब जब आपको बुमराह के हालिया प्रदर्शन और भविष्य की संभावनाओं का पूरा पता चल गया है, तो अगले मैच में उसकी गेंदों को गौर से देखें। आप भी इस तेज़ पेसर की स्टाइल को समझेंगे और शायद अपने दोस्तों को भी बताने लगें कि क्यों वह आज का सबसे बड़ा रॉकेट है।
भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान जसप्रीत बुमराह को पीठ की मांसपेशियों में खिंचाव के कारण स्कैन के लिए सिडनी क्रिकेट ग्राउंड छोड़ना पड़ा। उन्होंने सीमा-गावस्कर ट्रॉफी के अंतिम टेस्ट में निर्णायक भूमिका निभाई। उनके चोटिल होने से टीम की संभावनाओं पर असर पड़ा है, जिससे आगे की चुनौती बढ़ गई है। विराट कोहली ने फिलहाल कप्तानी का भार संभाला है।