घरेलू हिंसा – क्या है, कैसे पहचानें और मदद कैसे लें

घर में अगर कोई बर्ताव आपको डराता या दुखी करता हो तो वही घरेलू हिंसा है. यह सिर्फ शारीरिक चोट नहीं, बल्कि मौखिक, आर्थिक और भावनात्मक दुर्व्यवहार भी शामिल करता है. अक्सर लोग इसे ‘सिर्फ परिवार का मामला’ समझ कर अनदेखा कर देते हैं, लेकिन इससे पीड़ित की जिंदगी पर गहरा असर पड़ता है.

घरेलु हिंसा के मुख्य लक्षण

पहला संकेत हो सकता है बार‑बार अपमानजनक बातों को सुनना. अगर आपका साथी या रिश्तेदार लगातार आपसे बुरा बोलता, तान मारता या आपका आत्मसम्मान गिराता रहे तो यह गंभीर चेतावनी है.

दूसरा लक्षण आर्थिक नियंत्रण है. जब कोई आपके पैसे पर नजर रखे, आपकी नौकरी या शिक्षा में बाधा बनाये और हमेशा तय करे कि आप क्या कर सकते हैं, तो वह भी हिंसा का रूप है.

तीसरा, शारीरिक चोटें अक्सर गुप्त रहती हैं. छोटे‑छोटे निशान, खरोंच या दर्द को छिपाते रहना यह बताता है कि घर में कुछ ठीक नहीं चल रहा.

इन्हीं संकेतों को पहचान कर आप तुरंत कदम उठा सकते हैं. याद रखिए, किसी भी प्रकार का दुरुपयोग स्वीकार्य नहीं है और मदद के लिए कई साधन मौजूद हैं.

कानूनी सहायता व रोकथाम के उपाय

भारत में घरेलु हिंसा से सुरक्षा अधिनियम 2005 आपके अधिकारों को सुरक्षित रखता है. आप स्थानीय पुलिस थाने या महिला हेल्पलाइन (1091) पर शिकायत दर्ज कर सकते हैं. FIR बनवाना पहला कदम है, जिससे कानूनी प्रक्रिया शुरू होती है.

सुरक्षा आदेश (Protection Order) लेने से तत्काल सुरक्षा मिल सकती है. कोर्ट आपके खिलाफ कोई भी संपर्क रोक सकता है और आप को शरणस्थल या आश्रय गृह में जगह दे सकता है.

काउंसिलिंग भी मददगार साबित होती है. कई NGOs मुफ्त काउंसिलिंग, कानूनी परामर्श और आर्थिक सहायता प्रदान करती हैं. अपने निकटतम महिला सशक्तिकरण केंद्र से संपर्क करें.

रोकथाम के लिए सबसे जरूरी है संवाद. परिवार में खुलकर बात करना, भावनात्मक समर्थन देना और समस्या को समय पर पहचानना बहुत फायदेमंद होता है. अगर आप देखते हैं कि कोई मित्र या रिश्तेदार पीड़ित हो रहा है तो बिना झिझके मदद की पेशकश करें.

सामाजिक जागरूकता भी बदलाव लाती है. स्कूल, कॉलेज और कार्यस्थल में घरेलु हिंसा के बारे में शिक्षा देना लोगों को सचेत बनाता है और भविष्य में इस समस्या को कम करता है.

घरेलू हिंसा का सामना अकेले नहीं करना चाहिए. मदद पाने की प्रक्रिया सरल है – पुलिस से शिकायत करें, कोर्ट की सुरक्षा आदेश लें और NGOs से संपर्क रखें. सुरक्षित जीवन आपका अधिकार है, इसे हासिल करने के लिए कदम उठाना ही शुरूआत है.

केन्या में घरेलू हिंसा के कारण युगांडा की ओलंपियन रेबेका चेप्टेगी की मौत

युगांडा की 33 वर्षीय ओलंपियन रेबेका चेप्टेगी की 5 सितंबर, 2024 को उनके बॉयफ्रेंड द्वारा आग के हवाले करने के कारण जान चली गई। इस घटना के बाद से खेल जगत में शोक की लहर दौड़ गई है। कहा जा रहा है कि यह मार्मिक घटना उनके केन्या के एंडेबेस स्थित निवास पर हुई थी।