अगर आपको लगा कि भारत की सारी बड़ी नदियां ही चर्चा में रहती हैं, तो बुडामेरू नदि को नजरअंदाज़ मत करना। यह छोटी सी नदी वायवाडा, आंध्र प्रदेश के आसपास बहती है और स्थानीय लोगों के लिये जीवनरेखा जैसा काम करती है। रोज़मर्रा की बातों में अक्सर इसे छोड़ दिया जाता है, पर इसकी साफ‑सफ़ाई या बाढ़ प्रबंधन से जुड़ी खबरें हर दिन सामने आती हैं। इसलिए इस टैग पेज में हम बुडामेरू नदि से जुड़ी ताज़ा ख़बरें, पर्यावरणीय पहल और जनता के अनुभवों को एक साथ लाए हैं।
बुडामेरू का नाम स्थानीय भाषा में "साफ़ जल" से आया माना जाता है। प्राचीन समय में यह नदी खेतों को सिंचाई देती थी और गाँव‑गाँव तक पानी पहुंचाती थी। आज भी कई छोटे किसानों के लिये इसकी धारा ही फसलें उगाने की मुख्य वजह है। नदि का मार्ग वायवाडा शहर से होकर गुजरता है, जहाँ इसका जल शहरी जलाशयों में मिल जाता है। इस कारण से बुडामेरू को अक्सर "शहर की नस" कहा जाता है।
स्थानीय प्रशासन ने कई बार बुडामेरू के किनारे सड़कों का विकास किया है, जिससे लोग आसानी से इसे देख और उपयोग कर सकें। नदी पर बने छोटे पुलों ने गांव‑गांव को जोड़ा है और लोगों की दैनिक यात्रा में मदद की है। इसके अलावा, कुछ साल पहले एक छोटा जलविद्युत प्रोजेक्ट शुरू हुआ था, जिससे स्थानीय बिजली जरूरतों का थोड़ा हिस्सा पूरा होता है।
अभी बुडामेरू को सबसे बड़ी समस्या कचरा और अवैध निकासी की झंझट का सामना करना पड़ रहा है। उद्योगों के नाले से निकलने वाला गंदा पानी, प्लास्टिक कचरे के ढेर और घरों से सीधा फेंका गया मलिन जल नदी को धुंधला कर रहा है। इस वजह से कई बार बाढ़ की स्थिति भी बनती है, क्योंकि जल निकासी ठीक नहीं होती। हमारे पोर्टल पर प्रकाशित एक लेख ने बताया कि पिछले साल बुडामेरू के किनारे 30% अधिक जल स्तर तक पहुंच गया था और आसपास के घरों में नुकसान हुआ था।
सरकार ने इस समस्या को हल करने के लिये कई कदम उठाए हैं। सबसे पहले, नदी की सफाई अभियान चलाया जा रहा है जिसमें स्थानीय युवा स्वेच्छा से भाग ले रहे हैं। दूसरा, जल शोधन इकाइयों का निर्माण किया गया है ताकि उद्योगों से निकलने वाला अपशिष्ट साफ़ होकर ही नदि में जाए। तीसरा कदम है जागरूकता कार्यक्रम—स्कूल‑कॉलेज के छात्रों को नदी की महत्ता समझाने और उन्हें स्वच्छता रखने की आदत डालना।
यदि आप बुडामेरू से जुड़े नवीनतम समाचार या पर्यावरणीय पहल देखना चाहते हैं, तो इस टैग पेज पर उपलब्ध पोस्ट्स देखें। यहाँ आपको जलवायु परिवर्तन के असर, स्थानीय सरकार के नए प्रोजेक्ट और नागरिकों की भागीदारी वाली खबरें मिलेंगी। उदाहरण के तौर पर, एक लेख में बताया गया है कि कैसे जियो‑टैगिंग तकनीक से नदी के प्रदूषकों को रीयल‑टाइम में मॉनिटर किया जा रहा है—एक बड़ी प्रौद्योगिकी का उपयोग जो आम जनता को भी फायदेमंद हो सकता है।
भविष्य की बात करें तो बुडामेरू को साफ़ और सुरक्षित रखने के लिये सामुदायिक भागीदारी सबसे ज़रूरी है। अगर आप पास में रहते हैं, तो रोज़ाना थोड़ी सी सफाई में मदद कर सकते हैं या सोशल मीडिया पर जागरूकता फैलाने वाले पोस्ट शेयर कर सकते हैं। छोटी‑छोटी कोशिशें मिलकर बड़ी बदलाव ला सकती हैं और बुडामेरू को फिर से "साफ़ जल" की तरह चमका सकेंगे।
विजयवाड़ा में बुडामेरू नदी का जलस्तर बढ़ने से शहर के कई हिस्सों में बाढ़ आ गई है। इस तेज़ बहाव के कारण नदियों का पानी उलटी दिशा में बहने लगा है, जिससे कई क्षेत्रों में जलमग्नता हो गई। ख़ासकर, विद्याधरपुरम आरटीसी कार्यशाला के पास की सड़क पूरी तरह से जलमग्न हो गई है। इस बाढ़ के कारण स्थानीय मौलिक संरचनाओं और दैनिक गतिविधियों पर बुरा प्रभाव पड़ा है।