जून 2025 क्वार्टर में Sun Pharma का ठोस वित्तीय प्रदर्शन
जून 2025 के पहले क्वार्टर में Sun Pharma ने ऐसे नतीजे पेश किए जो आमतौर पर शेयरों को बुलबुले की तरह ऊपर धकेल देते। कुल नेट सेल्स 5,601.96 करोड़ रुपये तक पहुंच गई, जो पिछले साल के समान अवधि की 4,498.07 करोड़ से 24.54% अधिक है। इस तीव्र वृद्धि का मुख्य कारण भारत में फॉर्मुलेशन व्यवसाय की मजबूत बूम और नई दवाओं की बिक्री में उछाल है।
सबसे ज्यादा धूम मचाने वाला आंकड़ा कंपनी का नेट प्रॉफिट था – 753.53 करोड़ रुपये, जो पिछले साल के 237.82 करोड़ से 216.85% बढ़ा। EPS (प्रति शेयर आय) 1.00 रुपये से बढ़कर 3.10 रुपये हो गया, जिससे निवेशकों को तुरंत स्पष्ट संकेत मिला कि कंपनी की कमाई क्षमता में भारी सुधार हुआ है।
EBITDA भी हावी रहा – 1,994.84 करोड़ रुपये, जो पिछले वर्ष के 843.81 करोड़ से 136.41% अधिक। इस कारण EBITDA मार्जिन 31.1% तक पहुंच गया, जबकि वही पिछली साल 28.5% था। लाभ की ऐसी गति दर्शाती है कि व्यय नियंत्रण और लागत में सुधार दोनों ही दिशा में काम हो रहा है।
भौगोलिक रूप से देखिए तो भारत का फॉर्मुलेशन सेक्टर 13.9% बढ़ा और 47.2 अरब रुपये के आंकड़े पर पहुँचा। यह वृद्धि न केवल घरेलू मांग में सुधार को दर्शाती है, बल्कि कंपनी के डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क की मजबूती को भी प्रमाणित करती है। यूएस फॉर्मुलेशन बिक्री 473 मिलियन डॉलर तक पहुंची, जिसमें 1.4% की हल्की बढ़ोतरी हुई। यद्यपि यूएस में वृद्धि कम लगती है, लेकिन इस बाजार में कंपनी की हिस्सेदारी पर टिके रहने की रणनीति समझ में आती है।
इनोवेटिव मेडिसिन पोर्टफोलियो ने भी 16.9% की तीव्र बढ़ोतरी देखी, 311 मिलियन डॉलर तक पहुंचा और कुल बिक्री का 19.3% बना। यह संकेत देता है कि कंपनी की नई दवाओं का पाइपलाइन अब वास्तविक बाजार में उतर रही है। एमेर्जिंग मार्केट्स फॉर्मुलेशन 5.1% बढ़ा, वहीं बाकी दुनिया (Rest of World) फॉर्मुलेशन 15.5% की वृद्धि दिखा रहा है। API बिक्री ने भी 9.3% की अच्छी बढ़ोतरी के साथ 5.4 अरब रुपये का आंकड़ा हासिल किया।
इन सभी आँकड़ों को मिलाकर कहा जा सकता है कि Sun Pharma के कई विभाग एक साथ तेज़ी से बढ़ रहे हैं, जिससे कंपनी की कुल वित्तीय तस्वीर अत्यंत उज्जवल है। इसके अलावा, कंपनी ने FY26 के पहले क्वार्टर में R&D पर 9,029 करोड़ रुपये (6.5% बिक्री) खर्च किए, जो दर्शाता है कि नवाचार में निरंतर निवेश है।
स्टॉक मूल्य पर दबाव, सेक्टर की चुनौतियां और निवेश रणनीति
ऐसे शानदार नतीजों के बावजूद Sun Pharma के शेयरों में 5-6% की गिरावट देखी गई और कीमत 1,567-1,588 रुपये के करीब स्थिर हो गई। यह गिरावट कंपनी के 52-हफ्ते के लो स्तर के बहुत नज़दीक रही, जबकि जुलाई 2025 में शेयर 1,733.80 रुपये तक थे। साल के शुरुआती महीनों में सेंसेक्स 1% गिरा, लेकिन Pharma सेक्टर ने 3.7% तक गिरावट दर्ज की, जिससे Sun Pharma की स्टॉक में भी गहरा असर पड़ा।
मुख्य कारणों में से एक है अमेरिकी दवा मूल्य निर्धारण का माहौल। हाल के नियामक कदमों और संभावित प्राइसिंग प्रेशर की खबरों ने पूरे हेल्थकेयर इंडस्ट्री को हिला दिया। यद्यपि Sun Pharma ने स्पष्ट किया कि उसे विशेष मूल्य निर्धारण नोटिस नहीं मिला, लेकिन सेक्टर की व्यापक चिंता ने निवेशकों के मन में संशय पैदा कर दिया।
दूसरा कारक है मार्केट मौडेटन यानी बाजार की अस्थिरता। अगस्त 2025 में BSE Healthcare Index ने 3.7% की गिरावट दर्ज की, जबकि व्यापक बाजार में उतार-चढ़ाव कम रहा। इस तरह की सेक्टर-व्यापी गिरावट अक्सर बड़े मुनाफ़े वाले शेयरों को भी नीचे ले जाती है, चाहे कंपनी के बुनियादी आँकड़े कितने भी मजबूत हों।
इसी समय कई विश्लेषकों ने कहा कि Sun Pharma के शेयर का अपेक्षित एंट्री पॉइंट अभी भी नीचे है। यदि निवेशक दीर्घकालिक दृष्टिकोण अपनाते हैं, तो कंपनी का व्यापक पोर्टफोलियो, इजाद-धंधा (इनोवेशन) में उच्च निवेश, और वैश्विक स्तर पर अच्छी स्थिति—खासकर US और एमेर्जिंग मार्केट्स में—फायदे के हाथ में हो सकते हैं।
परंतु जोखिम को भी नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता। दवा की कीमतों पर नियामकीय दबाव, वैक्यूम (डिस्काउंट) और रिटेल में प्रतिस्पर्धा, साथ ही वैक्सीन या बायोलॉजिकल सॉल्यूशन्स की थकान जैसी समस्याएँ कंपनी को आगे चुनौतियों से रूबरू करा सकती हैं। इसलिए निवेशकों को अपने पोर्टफोलियो में विविधता लाने और संभावित हेजिंग स्ट्रैटेजी (जैसे फ्यूचर्स या ऑप्शन्स) को भी विचार में लेना चाहिए।
कुल मिलाकर कहा जाए तो Sun Pharma का बुनियादी ढांचा, R&D खर्च, और विविध सैगमेंट में मौजूदगी इसे एक मजबूत खिलाड़ी बनाती है। लेकिन बाजार की मौडेटन, नियामकीय जोखिम और सेक्टर की सामूहिक कमजोरी को देखते हुए, शेयर को अभी भी सतर्कता से देखना जरूरी है। एक्सपर्ट्स ने सुझाव दिया है कि यदि आप सेंटिमेंट के कारण मंदी में गिरते शेयर को देखते हैं, तो यह एक ‘बाय-एंड-होल्ड’ की योजना के लिए उपयुक्त हो सकता है, बशर्ते आप दीर्घकालिक विकास पहलों पर भरोसा रखते हों।
praful akbari
सितंबर 29, 2025 AT 03:33kannagi kalai
सितंबर 30, 2025 AT 14:53Roy Roper
अक्तूबर 1, 2025 AT 15:41Sandesh Gawade
अक्तूबर 3, 2025 AT 14:01MANOJ PAWAR
अक्तूबर 5, 2025 AT 06:10Pooja Tyagi
अक्तूबर 5, 2025 AT 20:54Kulraj Pooni
अक्तूबर 7, 2025 AT 02:42Hemant Saini
अक्तूबर 7, 2025 AT 07:17Nabamita Das
अक्तूबर 9, 2025 AT 06:59chirag chhatbar
अक्तूबर 10, 2025 AT 21:42Aman Sharma
अक्तूबर 12, 2025 AT 12:01sunil kumar
अक्तूबर 14, 2025 AT 01:25Arun Kumar
अक्तूबर 14, 2025 AT 02:20Snehal Patil
अक्तूबर 15, 2025 AT 19:24