NIRF Rankings 2024: हिंदू कॉलेज ने शीर्ष स्थान प्राप्त किया
भारत में उच्च शिक्षा की गुणवत्ता को परखने के लिए राष्ट्रीय संस्था रेंकिंग फ्रेमवर्क (NIRF) हर साल विभिन्न शिक्षा संस्थानों की रैंकिंग जारी करता है। इस वर्ष, 12 अगस्त 2024 को NIRF Rankings 2024 की घोषणा की गई, जिसमें हिंदू कॉलेज, नई दिल्ली ने उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हुए शीर्ष स्थान प्राप्त किया है। पिछले वर्ष, मिरांडा हाउस पहले स्थान पर थी, लेकिन इस बार वह दूसरे स्थान पर आई है।
इस साल की रैंकिंग की घोषणा केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान द्वारा की गई। इस अवसर पर प्रधान ने कहा कि शिक्षा संस्थानों की गुणवत्ता और उनके द्वारा दिए जाने वाले श्रेष्ठ संसाधनों को देखते हुए यह रैंकिंग की जाती है। NIRF Rankings के आधार पर, शिक्षा संस्थानों को पांच प्रमुख मापदंडों पर मूल्यांकन किया जाता है: शिक्षण, सीखना और संसाधन; अनुसंधान और व्यावसायिक प्रैक्टिस; स्नातक परिणाम; आउटरीच और समावेशिता; और सहकर्मी धारणा।
हिंदू कॉलेज के अलावा, मिरांडा हाउस दूसरे स्थान पर जबकि सेंट स्टीफेंस कॉलेज, दिल्ली तीसरे स्थान पर रहा। 2023 में मिरांडा हाउस ने पहला स्थान प्राप्त किया था, जबकि हिंदू कॉलेज दूसरे स्थान पर था। वर्षों से, मिरांडा हाउस ने निरंतर उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हुए अपनी स्थिति को बनाए रखा है।
इस वर्ष की रैंकिंग में एक और महत्वपूर्ण पहलु यह है कि भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) मद्रास ने लगातार छठी बार समग्र श्रेणी में शीर्ष स्थान प्राप्त किया है। भारतीय विज्ञान संस्थान (IISc), बेंगलुरु को सर्वश्रेष्ठ विश्वविद्यालय के रूप में चुना गया है। साथ ही, IIT मद्रास ने नौवीं बार इंजीनियरिंग श्रेणी में शीर्ष स्थान हासिल किया है।
प्रबंधन श्रेणी में, भारतीय प्रबंधन संस्थान (IIM) अहमदाबाद और भारतीय प्रबंधन संस्थान (IIM) बेंगलुरु शीर्ष पांच में शामिल हैं। इन संस्थानों ने अपने उत्कृष्ट प्रबंधन कार्यक्रमों और शिक्षण पद्धति के कारण यह स्थान हासिल किया है। शिक्षा मंत्री ने इन संस्थानों की प्रशंसा की और कहा कि इनके छात्रों का उत्कृष्ट प्रदर्शन देश के भविष्य को उज्जवल बनाने में सहायक है।
अन्य श्रेणियों में भी NIRF Rankings का महत्व
इस वर्ष की NIRF Rankings में 16 विभिन्न श्रेणियों में शिक्षा संस्थानों की रैंकिंग की गई। इनमें राज्य, स्किल, और ओपन यूनिवर्सिटीज़ शामिल हैं। इसके अलावा, कुल, कॉलेज, अनुसंधान संस्थान, इंजीनियरिंग, प्रबंधन, फार्मेसी, चिकित्सा, डेंटल, कानून, वास्तुकला और योजना, कृषि और संबद्ध क्षेत्र, और नवाचार जैसी श्रेणियां भी शामिल हैं।
यह रैंकिंग विभिन्न शिक्षा संस्थानों को अपनी गुणवत्ता सुधारने और शिक्षा प्रणाली को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए प्रेरित करती है। शिक्षण, अनुसंधान, और व्यावसायिक प्रैक्टिस में उत्कृष्टता की दिशा में काम करने वाले यह संस्थान नये और परिवर्तनशील प्रयास कर रहे हैं।
हिंदू कॉलेज के प्रिंसिपल ने इस उपलब्धि पर खुशी जाहिर करते हुए कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में यह सिद्धि हमारे शिक्षकों, छात्रों और प्रशासन के सामूहिक प्रयासों का परिणाम है। उन्होंने कहा कि कॉलेज शिक्षा के क्षेत्र में नये मानक स्थापित करने और उच्च गुणवत्ता के शिक्षण संसाधनों को अपनाने की दिशा में निरंतर प्रयास करता रहेगा।
मिरांडा हाउस की प्रिंसिपल ने भी दूसरे स्थान पर आने के बावजूद अपने कॉलेज की उपलब्धियों पर गर्व महसूस किया। उन्होंने कहा कि यह रैंकिंग कॉलेज की गुणवत्ता और उसकी शिक्षण विधियों का प्रमाण है। भविष्य में, मिरांडा हाउस अपने प्रयासों को और अधिक बढ़ायेगा और शिक्षा के क्षेत्र में नए मापदंड स्थापित करेगा।
NIRF Rankings क्यों महत्वपूर्ण हैं?
NIRF Rankings की महत्वता को समझने के लिए हमें यह जानना जरूरी है कि उन्होंने कैसे और किन मानदंडों पर संस्थानों का मूल्यांकन किया जाता है। सबसे पहले, शिक्षण, सीखना, और संसाधन को देखा जाता है। इसमें शिक्षकों की योग्यता, उनके शोध प्रकाशन, और शिक्षा सॉफ्टवेयर जैसे अन्य संसाधन शामिल होते हैं। दूसरा, अनुसंधान और व्यावसायिक प्रैक्टिस की गुणवत्ता देखी जाती है। यह संस्थानों द्वारा किए गए शोध कार्य और उनके प्रभाव का मापदंड है।
तीसरा, स्नातक परिणामों को देखा जाता है, जिसमें संस्थान के छात्रों की शिक्षा पूरी करने के बाद की स्थिति का आकलन किया जाता है। चौथा, आउटरीच और समावेशिता को भी महत्व दिया जाता है, जिसमें संस्थान की सोशल और इकॉनोमिक पॉलिसी का अध्ययन किया जाता है। और अंत में, सहकर्मी धारणा, जिसमें संगठनों की आम राय ली जाती है, जो किसी विशेष संस्थान के गुरुकुल प्रबंधन और उसकी शिक्षण विधियों पर विचार करती है।
इस प्रकार, NIRF Rankings न केवल शिक्षा संस्थानों की गुणवत्ता को परखती हैं, बल्कि उन्हें बेहतर बनाने के लिए दिशा निर्देश भी देती हैं। यह रैंकिंग संस्थान को अपनी खामियों को समझने और सुधारने का मौका देती हैं, जिससे वे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी अपनी पहचान बना सकते हैं।
अंत में, यह कहना जरूरी है कि NIRF Rankings पूरे देश के शिक्षा संसाधनों और उनकी गुणवत्ता को एक समान मापदंड पर लाकर एक स्वस्थ प्रतिस्पर्धा का माहौल तैयार करती हैं। इससे न केवल शिक्षा संस्थान अपनी गुणवत्ता को सुधारने में सक्षम होते हैं, बल्कि देश के छात्रों को भी उच्च गुणवत्ता की शिक्षा प्राप्त होती है।
chirag chhatbar
अगस्त 13, 2024 AT 16:07yaar ye NIRF kaunsa bullshit system hai? Hindu College ko top rank kaise diya? Miranda House ne toh har saal consistent performance di hai, aur ab yeh sab kuchh bas politics hai. Main toh har saal dekhta hoon ki kaise ye rankings sirf Delhi ke kuchh elite colleges ko favor karte hain. Bhaiya, kya koi rural college ka bhi koi chance hai? Nahin na? Bas Delhi ke gharon ki chhat pe hi toh dimag kaam karta hai.
Aman Sharma
अगस्त 14, 2024 AT 08:36Interesting. The entire NIRF framework is a performative illusion. The metrics are designed to reward institutional branding, not pedagogical innovation. Hindu College’s dominance? A relic of colonial-era prestige, artificially sustained by alumni networks and media narratives. Meanwhile, IIT Madras’s consistent #1 in engineering? That’s the only metric that actually matters - because it’s measurable, not performative. The rest? A theatre of vanity.
And don’t get me started on IIMs. They rank high because they sell degrees, not knowledge.
sunil kumar
अगस्त 15, 2024 AT 22:43THIS IS HUGE!!! 🎉🔥 Let me tell you - this isn’t just a ranking, this is a paradigm shift in Indian higher education! Hindu College’s win? It’s the culmination of decades of strategic alignment with the 5 pillars: Teaching-Learning-Resources, Research-Industry-Linkage, Graduate Outcomes, Outreach-Inclusivity, AND Peer Perception! They didn’t just win - they engineered excellence!
And let’s not forget Miranda House - second place is still elite-tier dominance! This is proof that quality education is scaling beyond the IIT-IIM monopoly! The Ministry’s focus on holistic metrics? GENIUS! This is the blueprint for national transformation! Let’s replicate this model in every state university - we’re not just ranking institutions, we’re building future-ready citizens!!! 🚀📚
Arun Kumar
अगस्त 16, 2024 AT 12:45Stop pretending this is merit. Hindu College got top rank because they have more alumni in the NIRF committee. Period.
And you call this ‘excellence’? Tell me - how many students from Bihar or UP even know what NIRF is? The entire system is rigged for Delhi elites. IIMs and IITs? They’re funded by the government and still rank high - because they’re state-sponsored monopolies.
Meanwhile, colleges in Jharkhand or Odisha with better student-to-faculty ratios and higher placement rates? Ranked 200+ because they don’t have PR teams. This isn’t evaluation - it’s casteism in education. Wake up.
Snehal Patil
अगस्त 17, 2024 AT 12:21