निकहत ज़रीन का ओलंपिक सफर
पेरिस 2024 ओलंपिक्स में भारतीय महिला मुक्केबाज़ निकहत ज़रीन ने अपनी अद्वितीय प्रतिभा और आत्मविश्वास के बल पर महिलाओं के 50 किलो वर्ग में प्री-क्वार्टरफाइनल में जगह बनाई है। दो बार की विश्व चैंपियन ज़रीन के लिए यह ओलंपिक्स में पहली बार कदम रखना था और उन्होंने जर्मनी की मैक्सी कारिना क्लोटजर को पराजित कर यह मुकाम हासिल किया।
पहले राउंड में कठिनाइयाँ
मैच की पहली घंटी बजते ही क्लोटजर ने आक्रमक अंदाज़ में खेलते हुए ज़रीन को तीन जजों की स्कोरकार्ड पर पीछे कर दिया। उनके ऊर्जावान पंच और सही टाइमिंग ने उन्हें 3-2 से बढ़त दिला दी थी। लेकिन ज़रीन ने हार मानने की बजाय अपनी रणनीति को और भी मुस्तैदी से लागू करना शुरू कर दिया।
दूसरे राउंड में वापसी
निकहत ज़रीन ने दूसरी राउंड में न केवल अपनी ताकत दिखाई, बल्कि मानसिक स्तर पर भी क्लोटजर को मात देने की ठानी। उन्होंने सटीक और जोड़दार मुक्के बरसाते हुए क्लोटजर के पसीने छुड़ा दिए। क्लोटजर की पैरवी और उसकी ताकत का जवाब देते हुए ज़रीन ने अपनी तकनीकी कुशलता से उसे हराने की ठान ली थी।
अंतिम राउंड में ज़रीन की जीत
तीसरे और अंतिम राउंड में, क्लोटजर थकान और दबाव में नजर आई और उसने लगातार ग्रेपलिंग का सहारा लिया। रेफरी ने उसे इस व्यवहार के लिए कई बार चेतावनी दी। इस मौके का फायदा उठाते हुए ज़रीन ने संयम बनाए रखा और अपने हमले जारी रखे। अंततः उन्हें 5-0 से सर्वसम्मति निर्णय से विजेता घोषित किया गया।
आगे की चुनौती
अब निकहत ज़रीन का मुकाबला चीन की वु यू से होगा, जो वर्तमान में फ्लाईवेट विश्व चैंपियन हैं। यह मुकाबला ज़रीन के लिए एक नई चुनौती साबित होगा, लेकिन उनकी अब तक की शानदार प्रदर्शन और आत्मविश्वास को देखते हुए, उनके प्रशंसकों को उनसे काफी उम्मीदें हैं।
अन्य भारतीय बॉक्सर्स का प्रदर्शन
प्रीति पवार ने भी भारतीय बॉक्सिंग दल के लिए अच्छा प्रदर्शन किया। उन्होंने महिलाओं के 54 किलो वर्ग में वियतनाम की वो थी किम आन्ह को सर्वसम्मति से हराया और सफलता हासिल की। एशियाई खेलों की कांस्य पदक विजेता प्रीति पवार के इस जीत ने भारतीय बॉक्सिंग दल का मनोबल और भी ऊँचा कर दिया है।
ये ओलंपिक्स भारतीय बॉक्सिंग के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर साबित हो रहा है, जहाँ युवा और अनुभवी खेमा एक साथ मिलकर अपना बेहतरीन प्रदर्शन कर रहे हैं। निकहत ज़रीन और प्रीति पवार की यह सफलता न केवल उनके व्यक्तिगत करियर के लिए, बल्कि भारतीय बॉक्सिंग के लिए भी एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है।
kannagi kalai
जुलाई 30, 2024 AT 16:23निकहत ज़रीन का प्रदर्शन बेहद सुंदर था। उन्होंने दिखाया कि तकनीक और शांति कितनी शक्तिशाली हो सकती है। ये जीत सिर्फ एक मैच नहीं, बल्कि एक नई पीढ़ी के लिए एक संदेश है।
Roy Roper
अगस्त 1, 2024 AT 14:57जीत तो हुई पर लड़ाई में बहुत ज्यादा देर लगी ये नहीं था ज़रूरी
Sandesh Gawade
अगस्त 2, 2024 AT 15:00अरे भाई ये लड़की तो असली बॉस है! जर्मनी की लड़की ने पहले राउंड में बहुत धमाका किया लेकिन निकहत ने उसकी हर हरकत का जवाब दिया। जब तक दिल धड़क रहा है तब तक हार नहीं माननी। ये जीत भारत के लिए नहीं, पूरी दुनिया के लिए एक उदाहरण है।
MANOJ PAWAR
अगस्त 4, 2024 AT 10:31मैं इस मैच को देखकर बहुत भावुक हो गया। निकहत ने जिस शांति से दबाव को संभाला, जिस अद्भुत संयम से हर पंच का जवाब दिया, वो दिखाता है कि असली ताकत आवाज़ में नहीं, आत्मा में होती है। उनकी आँखों में जो चमक थी, वो किसी जीत की नहीं, बल्कि एक असली योद्धा की थी।
Pooja Tyagi
अगस्त 6, 2024 AT 05:49वाह! निकहत ज़रीन ने बिल्कुल सही तरीके से मैच जीता! दूसरे राउंड में उनकी टाइमिंग, तीसरे में उनकी रणनीति-बिल्कुल परफेक्ट! और प्रीति पवार भी बहुत अच्छा कर रही हैं! भारत के लिए ये दोनों लड़कियाँ असली हीरोइन्स हैं! 🙌💥🔥
Kulraj Pooni
अगस्त 7, 2024 AT 15:08ये सब जीतें तो अच्छी हैं, लेकिन ये ओलंपिक्स का असली मकसद क्या है? क्या हम अपने खिलाड़ियों को सिर्फ जीत के लिए तैयार कर रहे हैं? या हम उन्हें एक जीवन जीने का तरीका सिखा रहे हैं? क्या ये जीत वास्तविकता है, या बस एक नाटक?
Hemant Saini
अगस्त 8, 2024 AT 12:00मैं निकहत की जीत को देखकर सोच रहा था कि अगर हम इस तरह की लगन, इस तरह की दृढ़ता को अपने रोज़मर्रा के कामों में भी लाएँ, तो क्या होगा? क्या हम सिर्फ खेल में ही जीत नहीं, बल्कि जीवन में भी ऐसा कर सकते हैं? निकहत ने न सिर्फ एक मैच जीता, बल्कि हम सबको एक सबक सिखाया।
Nabamita Das
अगस्त 10, 2024 AT 10:39प्रीति पवार का भी बहुत बढ़िया प्रदर्शन था। वो भी एक असली योद्धा है। अगर दोनों एक साथ फाइनल में आ जाएँ तो भारत के लिए ये इतिहास बन जाएगा। बस अब एक बार और जीत दो, निकहत।