Infosys ने 18,000 करोड़ रुपए का नया शेयर बायबैक किया, प्रमोटर बाहर

Infosys ने 18,000 करोड़ रुपए का नया शेयर बायबैक किया, प्रमोटर बाहर

जब Infosys Limited ने 11 सितंबर 2025 को 18,000 करोड़ रुपए के ऐतिहासिक शेयर बायबैक की मंजूरी दी, तो इस बात की चर्चा शुरू हो गई कि क्यों प्रमोटर समूह इस कदम में हिस्सा नहीं ले रहा। इस सौदे में कंपनी लगभग 2.41 % पूंजी, यानी लगभग 10 करोड़ शेयर, 1,800 रुपये प्रति शेयर के मूल्य पर वापस लेगी।

पृष्ठभूमि और कंपनी का वित्तीय प्रदर्शन

संस्थापित 1981 में, Infosys Limited का मुख्य कार्यालय बेंगलुरु के इलेक्ट्रॉनिक्स सिटी में स्थित है। पिछले वित्तीय वर्ष (FY‑2025‑26) की दूसरी तिमाही में कंपनी ने 7,364 करोड़ रुपए का शुद्ध लाभ दर्ज किया, जो पिछले वर्ष की तुलना में 13.2 % की वृद्धि थी। राजस्व 44,490 करोड़ रुपए तक पहुंचा, यानी 8.5 % की साल‑दर‑साल बढ़ोतरी। इन परिणामों ने बोर्ड को आत्मविश्वास दिया कि नकदी प्रवाह पर्याप्त है और वह शेयरधारकों को रिटर्न देने के लिए अतिरिक्त उपाय कर सकता है।

शेयर बायबैक का विवरण

बायबैक का प्रस्ताव शेयर बायबैक कार्यक्रमबेंगलुरु के तहत किया गया है। रिकॉर्ड डेट 15 नवंबर 2025 तय की गई है; इस तारीख तक शेयरों को डिमैट होना चाहिए नहीं तो बायबैक के लिए अयोग्य माना जाएगा। कंपनी ने टेंडर‑ऑफ़र मार्ग को चुना है, क्योंकि प्रतिभूति विनियम (SEBI) ने खुले बाजार बायबैक को धीरे‑धीरे समाप्त कर दिया है। यह प्रक्रिया शेष पूँजी के लगभग 2.41 % को लक्षित कर रही है, जो निवेशकों के लिए प्रीमियम कीमत पर शेयर बेचने का अवसर प्रदान करती है।

प्रमोटर समूह का निर्णय

उत्तरदायित्व के 14.43 % हिस्सेदारी वाले प्रमोटर समूह ने स्पष्ट कर दिया है कि वह इस बायबैक में भाग नहीं लेगा। इस कदम को कई बाजार विश्लेषकों ने सकारात्मक बताया है, क्योंकि यह छोटे और मध्यम निवेशकों को सीधे लाभ उपलब्ध कराता है। नंदन निलेकणी, जो कंपनी के चेयरमैन हैं, ने कहा कि “बायबैक हमारे शेयरधारकों के प्रति हमारी प्रतिबद्धता का हिस्सा है, और यह हमारी मुक्त नकदी प्रवाह का जिम्मेदार उपयोग है।” प्रमोटरों की भागीदारी न होने से बायबैक के लिए उपलब्ध शेयरों की मात्रा स्पष्ट हो गई है, जिससे छोटे निवेशकों के लिए संभावित रिटर्न बेहतर हो सकता है।

निवेशकों के लिए संभावित रिटर्न और जोखिम

अनुमानित एसेप्टेंस रेशियो (Acceptance Ratio) के आधार पर विभिन्न रिटर्न स्केनारियो तैयार किए गए हैं:

  • 33 % एसेप्टेंस – ₹169,164 निवेश पर लगभग ₹9,936 (5.87 % लाभ)।
  • 50 % एसेप्टेंस – ₹169,164 निवेश पर लगभग ₹15,180 (8.97 % लाभ)।
  • 75 % एसेप्टेंस – ₹169,164 निवेश पर लगभग ₹22,908 (13.54 % लाभ)।
  • 100 % एसेप्टेंस – ₹169,164 निवेश पर लगभग ₹30,636 (18.11 % लाभ)।

विचार करने योग्य मुख्य जोखिमों में टेंडर मूल्य और बाजार मूल्य के बीच का अंतर, तथा छोटे निवेशकों की अपेक्षित भागीदारी शामिल है। कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि यदि बायबैक मूल्य ट्रेडिंग मूल्य से 10 % से अधिक प्रीमियम रखता है, तो एसेप्टेंस रेशियो घट सकता है। फिर भी, बाजार में पिछले बड़े‑कैप IT बायबैक (जैसे TCS, Wipro) की सफलता को देखते हुए, अधिकांश शेयरधारकों की स्वीकृति दर 80‑90 % के बीच रहने की संभावना है।

नियमक, कर और procedural पहलू

नियमक, कर और procedural पहलू

बायबैक को शेयरधारकों की मंजूरी के बाद एक वर्ष के भीतर पूरा करना अनिवार्य है, और सभी लेन‑देन SEBI के दिशा‑निर्देशों के तहत होने चाहिए। टेंडर‑ऑफ़र प्रक्रिया के दौरान शेयरों को डिमैट फॉर्म में होना चाहिए; नॉन‑डिमैट शेयरों को इस बायबैक में भाग नहीं दिया जाएगा। कर संबंधी प्रभावों में लागू पूंजी लाभ कर नियम शामिल हैं—यदि शेयर को प्रीमियम पर बेचा जाता है तो लाभ पर कर लगाया जाएगा, जबकि दीर्घकालिक होल्डिंग्स पर अलग दर लागू हो सकती है। निवेशकों को सलाह दी जाती है कि वे अपने टैक्स कंसल्टेंट से परामर्श करें।

भविष्य की संभावनाएं और बाजार पर असर

Infosys का यह बायबैक पाँचवें चरण में है; पिछला बायबैक 2022 में किया गया था। लगातार ऐसा करना दर्शाता है कि कंपनी की पूँजी संरचना प्रबंधन में दृढ़ता है और वह निवेशकों को रिटर्न देने के लिए तैयार है। इस कदम से संभावित रूप से EPS (प्रति शेयर आय) में सुधार होगा, जिससे शेयर कीमत में दीर्घकालिक मजबूती आ सकती है। साथ ही, ऐसा बड़ा बायबैक वैश्विक IT चुनौतियों—जैसे उच्च महंगाई और ग्राहक खर्च में गिरावट—के बीच कंपनी के लिक्विडिटी को दिखाता है। विशेषज्ञों का कहना है कि इस प्रकार के बायबैक से संस्थागत निवेशकों का भरोसा बढ़ता है और संभावित रूप से नई पूँजी जुटाने की लागत घटती है।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

शेयर बायबैक में छोटे निवेशकों को क्या लाभ होता है?

छोटे निवेशक 1,800 रुपये प्रति शेयर की प्रीमियम कीमत पर अपने शेयर बेचकर तत्काल रिटर्न कमा सकते हैं। यदि एसेप्टेंस रेशियो उच्च है, तो 5‑18 % तक का रिटर्न संभव है, और यह उनके पोर्टफोलियो को संतुलित करने का एक आसान तरीका है।

प्रमोटर समूह ने बायबैक में भाग नहीं क्यों लिया?

प्रमोटर समूह ने बताया कि उनका लक्ष्य कंपनी में दीर्घकालिक पूँजी बनाए रखना है, और वे मौजूदा मुक्त नकदी को अन्य निवेश या रणनीतिक उद्देश्यों के लिए उपयोग करना चाहते हैं, न कि इसे शेयर खरीद में बंधित करना।

क्या बायबैक के बाद शेयर कीमत में तत्काल बदलाव की उम्मीद है?

ऐतिहासिक रूप से, बड़े‑कैप IT बायबैक के बाद शेयर कीमत में छोटी‑छोटी बढ़ोतरी हुई है, मुख्यतः वापस खरीदे गए शेयरों की कमी और EPS में सुधार के कारण। लेकिन बाजार की समग्र स्थितियों पर भी असर पड़ेगा, इसलिए हर निवेशक को सतर्क रहना चाहिए।

बायबैक प्रक्रिया में शेयरधारकों को किन दस्तावेज़ों की ज़रूरत होगी?

शेयरधारकों को अपने डिमैट खाता विवरण, बायबैक टेंडर फ़ॉर्म, और बैंकों से प्राप्त भुगतान रसीदें संग्रहीत रखनी चाहिए। सभी दस्तावेज़ बायबैक के खुलने के बाद कमीशन देनदारी के अनुसार जमा करने होंगे।

यदि बायबैक के लिए मेरा टेंडर स्वीकार नहीं किया गया तो क्या होगा?

यदि आपका टेंडर अस्वीकृत हो जाता है, तो आपका शेयर सामान्य ट्रेडिंग के माध्यम से बाजार में बना रहेगा। आप बाद में उसी या अगले बायबैक चरण में फिर से भाग ले सकते हैं, बशर्ते आप रिकॉर्ड डेट तक शेयरधारक बने रहें।

10 Comments

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    Darshan M N

    अक्तूबर 24, 2025 AT 20:46

    Infosys का बायबैक काफी बड़ा है लेकिन शेयरधारकों की प्रतिक्रिया देखिए तो यह वाजिब दिखता है। कंपनी ने पिछले साल से अच्छा लाभ कमाया है और यह वापस खरीदना एक सकारात्मक कदम हो सकता है। छोटे निवेशकों को प्रीमियम पर बेचने का मौका मिलेगा और यह उनका पैसा जल्दी रिटर्न दे सकता है। कुल मिलाकर मैं इसे देख रहा हूँ और इस बार का असर देखेंगे।

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    manish mishra

    अक्तूबर 24, 2025 AT 21:53

    लगता है प्रमोटर सिर्फ अपनी जाँच‑परख में उलझे हुए हैं 😒 बायबैक का असली मकसद बड़े शेयरहोल्डर्स को अलग‑अलग फायदेमंद बनाना हो सकता है।

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    tirumala raja sekhar adari

    अक्तूबर 24, 2025 AT 23:00

    ये बायबैक तो बस एक दिखावा है, असली फायदा तो बड़े फंडों को ही मिलेगा। छोटो को कब तक झुठ ठहराया जाता रहेगा।

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    abhishek singh rana

    अक्तूबर 25, 2025 AT 00:06

    Infosys ने 18,000 करोड़ के बायबैक की घोषणा की है,
    यह राशि कंपनी की कुल बाजार पूँजी का केवल 2.4% है,
    बायबैक के लिए प्रति शेयर कीमत 1,800 रुपये निर्धारित की गई है,
    इससे शेयरधारकों को प्रीमियम की पेशकश की गई है,
    कंपनी का FY‑2025‑26 में शुद्ध लाभ 7,364 करोड़ रहा,
    राजस्व में 8.5% की वृद्धि भी देखी गई है,
    ये आंकड़े बायबैक को समर्थन देने वाले प्रमुख कारण हैं,
    प्रमोटर समूह ने इस बायबैक में भाग नहीं लेने का निर्णय किया है,
    उनका मानना है कि फ्री कैश फ्लो को अन्य रणनीतिक निवेशों के लिए रखना बेहतर है,
    छोटे और मध्यम निवेशकों को यह अवसर विशेष रूप से आकर्षक लग सकता है,
    बायबैक प्रक्रिया टेंडर‑ऑफ़र के माध्यम से होगी, जिससे शेयरों को डिमैट होना अनिवार्य है,
    SEBI की नई दिशा‑निर्देशों के कारण खुले‑बाजार बायबैक को धीरे‑धीरे समाप्त किया जा रहा है,
    यदि एसेप्टेंस रेशियो उच्च रहा तो रिटर्न 5% से 18% तक हो सकता है,
    कर संबंधी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए निवेशकों को टैक्स कंसल्टेंट से सलाह लेनी चाहिए,
    अंत में, इस बायबैक से EPS में सुधार और शेयर मूल्य में स्थिरता की संभावना बढ़ेगी।

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    Shashikiran B V

    अक्तूबर 25, 2025 AT 01:13

    वैसे, सभी आंकड़े तो ठीक लग रहे हैं, पर क्या आप जानते हैं कि बायबैक का असली मकसद अक्सर बाजार में शेयर की कमी बनाकर कीमत बढ़ाना होता है? यह रणनीति छोटे निवेशकों को बेवकूफ़ बनाती है।

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    Sam Sandeep

    अक्तूबर 25, 2025 AT 02:20

    ये सब बस हाई‑फ़्रीक्वेंसी ट्रेडिंग की प्ले है मार्केट मेकिंग के छिपे हुए एल्गोरिद्म द्वारा, छोटी भीड़ को स्मॉल‑कैप एसेट्स पर असुरक्षित बना रहे हैं

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    Ajinkya Chavan

    अक्तूबर 25, 2025 AT 03:26

    बायबैक का दाम बहुत ऊँचा है, पैसा बर्बाद!

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    Ashwin Ramteke

    अक्तूबर 25, 2025 AT 04:33

    अगर आप प्रीमियम पर बेचते हैं तो उतना नुकसान नहीं, बस सही टाइम पर ट्रेड करें और टैक्स पर ध्यान दें।

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    Rucha Patel

    अक्तूबर 25, 2025 AT 05:40

    ऐसे बड़े बायबैक से छोटे निवेशकों को कभी‑कभी बहुत फायदा नहीं मिलता, अक्सर वे बड़े संस्थागत खिलाड़ियों के पीछे धकेले जाते हैं। यह कंपनी की नीति में एक बड़ी खामि है और इसे बदलना चाहिए।

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    Kajal Deokar

    अक्तूबर 25, 2025 AT 06:46

    प्रतीयमान है कि बायबैक का उद्देश्य शेयरधारकों के बीच विश्वास को पुनः स्थापित करना है, परन्तु यह भी सत्य है कि इस प्रकार के कदम कभी‑कभी बाजार में धुंधलापन उत्पन्न कर देते हैं। अतः, निवेशकों को सूचित रहना और रणनीतिक निर्णय लेना आवश्यक है।

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