प्रीलिम्स परीक्षा में बदलाव
इंस्टिट्यूट ऑफ़ बैंकों पर्सनल सेलेक्शन (IBPS PO 2025) ने प्रीलिम्स के तीन सेक्शन – क्वांटिटेटिव एप्टीट्यूड, रीज़निंग एबिलिटी और इंग्लिश लैंग्वेज – को वही रखा, पर मार्किंग स्कीम में चौंकाने वाला बदलाव किया। क्वांटिटेटिव में 35 सवालों की संख्या वही राह पर है, लेकिन अधिकतम अंक 35 से घट कर 30 कर दिए गए। इसका मतलब है कि गणित में तेज़ी नहीं, बल्कि सटीकता पर ज़्यादा ज़ोर। वहीं रीज़निंग की वेटेज 35 अंकों से बढ़कर 40 कर दी गई है, जिससे लॉजिकल थिंकिंग वाले उम्मीदवारों को फायदा मिल सकता है। इंग्लिश सेक्शन में 30 सवाल और 30 अंक की सीमा बरकरार है।
समय सीमा भी पहले की तरह 20 मिनट प्रति सेक्शन रहेगी और नकारात्मक अंक -0.25 ही रहेगा। सभी तीन सेक्शन में कट‑ऑफ़ क्लियर करना अनिवार्य है, नहीं तो मेन में आगे नहीं बढ़ पाएंगे।
मेन परीक्षा का नया ढांचा
मेन में बदलाव अधिक तेज़ और लक्ष्य‑उन्मुख हैं। कुल प्रश्नों की संख्या 155 से घटकर 137 रह गई, पर कुल अंक 200 से बढ़कर 225 हो गया। सबसे बड़ा बदलाव है नया वर्णनात्मक लेखन सेक्शन – दो प्रश्न (एक निबंध, एक पत्र) जो 30 मिनट में लिखने हैं और 25 अंक का वज्रदान करेंगे। यह सेक्शन उम्मीदवारों की लिखित अभिव्यक्ति की क्षमता को परखता है, जो आज के बैंकिंग में बहुत ज़रूरी माना गया है।
बिना वर्णनात्मक सेक्शन के बाकी ऑब्जेक्टिव सेक्शन इस तरह बदलें:
- रीज़निंग & कंप्यूटर एप्टीट्यूड: प्रश्न 45 से घटकर 40, अंक 60 ही रहे।
- डेटा एनालिसिस & इंटरप्रिटेशन: प्रश्न 35 से घट कर 30, अंक 60 बनाए रखे।
- इंग्लिश लैंग्वेज: प्रश्न 35 से घटकर 30, अंक 40 बनाए रखे।
- जनरल/इकोनॉमिक/बैंकिंग अवेयरनेस: प्रश्न 40 से घटकर 35, अंक 40 ही रहे।
इन सभी सेक्शन का समय 2 घंटे 30 मिनट में पूरी तरह बाँटा जाएगा, जबकि वर्णनात्मक सेक्शन को अलग 30 मिनट दिया गया है।
मेन के कुल अंक 225 को फिर भी 80% तक स्केल किया जाएगा, और इंटरव्यू 20% का हिस्सा बनेगा – पिछले सालों की ही मेरिट गणना प्रणाली जारी रहती है।
**रणनीति के असर** – क्वांटिटेटिव के अंक घटने से उन छात्रों को राहत मिलती है जो गणित में कमजोर हैं, पर रीज़निंग की वेटेज बढ़ने से लॉजिक पर अधिक ध्यान देना होगा। मेन में प्रश्न कम होने के कारण प्रत्येक प्रश्न की कठिनाई बढ़ सकती है, इसलिए गहरी समझ और तेज़ी दोनों की जरूरत है। नया वर्णनात्मक सेक्शन तैयारियों में शब्द चयन, विचार संरचना और समय प्रबंधन को जोड़ता है।
सारांश में, IBPS ने परीक्षा को अधिक संतुलित और वास्तविक बैंकिंग कार्यों के करीब लाने की कोशिश की है। अब उम्मीदवारों को सिर्फ शॉर्ट नोट्स नहीं, बल्कि निबंध‑लेखन, पत्र‑लेखन और लॉजिकल एबिलिटी पर भी समय देना होगा। इस बदलाव का सही उपयोग करने के लिए अभ्यर्थियों को अपनी पढ़ाई में नए सेक्शन के लिये अलग से अभ्यास, मॉक टेस्ट और समय‑प्रबंधन रणनीति बनानी होगी।
Aishwarya George
सितंबर 27, 2025 AT 23:13इस बदलाव का मतलब है कि अब बस फॉर्मूले याद करने से काम नहीं चलेगा। वर्णनात्मक सेक्शन में आपको लिखने की शैली, तर्क, और समय प्रबंधन सब कुछ चाहिए। मैंने पिछले साल एक उम्मीदवार को देखा जिसने निबंध में बिना बुलेट पॉइंट्स के 500 शब्द लिख दिए और उसे पूरे 24 अंक मिले। अगर आप अभी से लिखना शुरू कर दें, तो अगस्त तक आपका लेखन स्तर बदल जाएगा।
Vikky Kumar
सितंबर 28, 2025 AT 11:22यह सब बहुत अच्छा लग रहा है, लेकिन वास्तविकता यह है कि ज्यादातर उम्मीदवार अभी भी गूगल से कॉपी-पेस्ट करते हैं। यह नया सेक्शन बस एक और फॉर्मलिटी है जिसका उपयोग बैंक अपनी नौकरी के लिए बेहतर छानबीन करने के लिए कर रहा है। असली टैलेंट तो बैंक के एक्सेल शीट्स में छिपा होता है।
manivannan R
सितंबर 30, 2025 AT 03:53yo so the quant section got nerfed to 30 marks? bro that's actually a win for us math noobs 😅
but now reasoning is 40? so u gotta be a chess master to crack this? lmao
also the descriptive part? i thought we were applying for a bank job not a literature degree 🤡
but honestly? if they want us to write essays, we better start reading more newspapers and stop scrolling reels.
Uday Rau
अक्तूबर 2, 2025 AT 02:47मैं दक्षिण भारत से हूँ, और मैंने देखा है कि जब भी कोई परीक्षा में लिखित क्षमता को शामिल करता है, तो उत्तर प्रदेश और बिहार के छात्रों को बहुत ज्यादा फायदा होता है। लेकिन अब यह बदलाव असली ताकत को पहचानता है - जो लोग बात कर सकते हैं, वे लिख सकते हैं, और जो लिख सकते हैं, वे नेतृत्व कर सकते हैं। यह बैंकिंग का भविष्य है, न कि एक परीक्षा का।
sonu verma
अक्तूबर 3, 2025 AT 20:44मैंने इस बदलाव को देखा और बस एक बार सोचा - अगर मैं अभी शुरू करूँ तो क्या मैं पास हो पाऊँगा? लेकिन फिर मैंने अपने बहन को याद किया जो हर रोज 10 मिनट निबंध लिखती है। मैंने भी आज से शुरू कर दिया। एक दिन का अभ्यास भी बहुत कुछ बदल देता है।
Siddharth Varma
अक्तूबर 5, 2025 AT 17:25wait so descriptive is only 25 marks? that's like 11% of the mains... why even bother? why not just make it pass/fail? also why did they reduce questions but keep same marks? are they trying to make us panic? 😅
chayan segupta
अक्तूबर 7, 2025 AT 10:36अगर आप लोगों को लगता है कि ये बदलाव मुश्किल है, तो आप गलत हैं। ये बदलाव आपके लिए मौका है। जो लोग अभी तक बस ट्रिक्स सीख रहे हैं, वे अब बाहर हो जाएंगे। जो लोग सच में सीख रहे हैं, वे इसमें तैर जाएंगे। आज से शुरू करो - एक दिन में एक निबंध, एक पत्र, और एक रीजनिंग क्विज। ये तुम्हारा अभिमान बन जाएगा।
King Singh
अक्तूबर 9, 2025 AT 01:10मैंने अपने भाई को इस बारे में बताया, जो अभी ग्रेड 10 में है। उसने कहा - अगर ये बदलाव आया है, तो मैं अब से ही अखबार पढ़ूंगा। उसकी बात सुनकर मुझे लगा - अगर एक बच्चा भी समझ गया, तो हम क्यों नहीं समझ सकते? शुरुआत छोटी हो सकती है, लेकिन वही बड़ी बात है।
Dev pitta
अक्तूबर 10, 2025 AT 17:32मैंने देखा कि लोग इस बदलाव को डर के साथ देख रहे हैं। लेकिन जब मैंने अपने बैंक में काम करने वाले एक अधिकारी से बात की, तो उन्होंने कहा - हमें ऐसे लोग चाहिए जो ग्राहक को समझ सकें, जो बात कर सकें, जो लिख सकें। ये परीक्षा अब उसी को ढूंढ रही है। आपको डरने की जरूरत नहीं, बस शुरू कर दो।
praful akbari
अक्तूबर 12, 2025 AT 00:38अगर एक बैंकर लिख नहीं सकता, तो वह बैंकिंग का हिस्सा कैसे बन सकता है? ये सिर्फ एक परीक्षा नहीं, ये एक संस्कृति का बदलाव है।
kannagi kalai
अक्तूबर 12, 2025 AT 14:42क्या ये सब सच में जरूरी है? मैंने तो बस एक बार इस बारे में पढ़ा और अब भूल गई।
Roy Roper
अक्तूबर 12, 2025 AT 20:01Descriptive section is useless. They want writers not bankers. Cut it. Or make it optional. This is just bureaucracy with a new name.