ब्राह्मानंदम का भाषण 'भारतीयूडु 2' की पूर्व-रिलीज इवेंट में बना शो का आकर्षण

ब्राह्मानंदम का भाषण 'भारतीयूडु 2' की पूर्व-रिलीज इवेंट में बना शो का आकर्षण

भारतीयूडु 2 की पूर्व-रिलीज इवेंट में ब्राह्मानंदम का शानदार भाषण

7 जुलाई 2024 को आयोजित 'भारतीयूडु 2' की पूर्व-रिलीज इवेंट एक बेहद खास और यादगार अवसर सिद्ध हुआ। इस इवेंट का मुख्य आकर्षण रहा वरिष्ठ कॉमेडियन ब्राह्मानंदम का अद्वितीय और रोचक भाषण, जिसने उपस्थित सभी लोगों का मन मोह लिया। इस विशेष आयोजन में भारतीय सिनेमा के दिग्गज कलाकार कमल हासन और सिद्धार्थ भी उपस्थित थे।

आयोजन के आरंभ में ही माहौल बेहद गर्मजोशी और उत्साह से भरा हुआ था। विभिन्न कलाकारों और फिल्म से जुड़े अन्य लोगों ने भी मंच पर आकर अपने विचार साझा किए। लेकिन जब ब्राह्मानंदम ने मंच संभाला, तो ऐसा लगा मानो पूरा इवेंट उन्हीं के लिए रुक गया हो। उनके आने के साथ ही सबकी नजरें उन्हीं पर टिक गईं।

ब्राह्मानंदम का भाषण: हाज़िरजवाबी और हास्य का संगम

अपने मशहूर और हाज़िरजवाबी से भरपूर अंदाज में ब्राह्मानंदम ने भाषण की शुरुआत की। उन्होंने कहा, 'इस इवेंट में इतने बड़े-बड़े कलाकारों के बीच बोलना मेरे लिए गर्व की बात है। लेकिन अजीब बात यह है कि जैसे ही मैं कुछ कहने की कोशिश करता हूँ, सबको हंसी आ जाती है।' उनकी इस टिप्पणी पर वहां उपस्थित दर्शकों ने ठहाकों से स्वागत किया।

ब्राह्मानंदम ने फिल्म 'भारतीयूडु 2' के बारे में भी बात की और उसकी विशिष्टता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि इस फिल्म में काम करना उनके लिए एक बड़ा अवसर था और उन्होंने पूरी टीम के साथ बहुत ही अच्छा समय बिताया। फिल्म के निर्देशक और अन्य सहकर्मियों की प्रशंसा करते हुए उन्होंने कहा कि यह फिल्म निश्चित ही दर्शकों को खूब पसंद आएगी।

भावुक पलों का जिक्र

ब्राह्मानंदम ने अपने भाषण में कुछ भावुक पलों का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि इस फिल्म में उनके किरदार ने उन्हें खुद को नए सिरे से खोजने का मौका दिया। उन्होंने अपने जीवन के संघर्षों और हास्य के माध्यम से उन पर विजय पाने की कहानियों को साझा किया। यह सुनकर वहां उपस्थित लोग भावुक हो गए और तालियों की गड़गड़ाहट से उन्हें सराहा।

ब्राह्मानंदम की जुबान से निकला हास्य

उनकी हाज़िरजवाबी और हास्य का अंदाज ऐसा था कि समूचा ऑडिटोरियम ठहाकों से गूंज उठा। उन्होंने दर्शकों के साथ सीधे संवाद स्थापित किया और हास्य के छोटे-छोटे किस्सों के माध्यम से माहौल को हल्का और मनोरंजक बनाए रखा।

उनके भाषण के दौरान उन्होंने भारतीय सिनेमा और इसके विकास पर भी बात की। उन्होंने कहा कि आज की फिल्मों में जो प्रयोग हो रहे हैं, वे न केवल मनोरंजन के दृष्टिकोण से बल्कि सामाजिक संदेश के परिवहन के लिए भी अत्यंत महत्वपूर्ण हैं।

कमल हासन और सिद्धार्थ की प्रतिक्रिया

कमल हासन और सिद्धार्थ ने भी ब्राह्मानंदम के भाषण की खूब तारीफ की। कमल हासन ने कहा, 'ब्राह्मानंदम न केवल एक महान कॉमेडियन हैं, बल्कि एक महान इंसान भी हैं। उनकी हाज़िरजवाबी और प्रतिभा बेजोड़ है।'

उन्होंने यह भी जोड़ा कि ब्राह्मानंदम के साथ काम करना हमेशा ही एक सुखद अनुभव होता है और 'भारतीयूडु 2' में उनके योगदान ने फिल्म को और भी विशेष बना दिया है। सिद्धार्थ ने भी ब्राह्मानंदम के साथ अपना अनुभव साझा करते हुए कहा कि उनके साथ काम करते समय काफी कुछ सीखने को मिलता है।

इस प्रकार, ब्राह्मानंदम के भाषण ने 'भारतीयूडु 2' की पूर्व-रिलीज इवेंट को एक यादगार शाम बना दिया। उनकी हाज़िरजवाबी, हास्य और व्यक्तिगत अनुभवों का संगम, इस इवेंट का प्रमुख आकर्षण बन गया। दर्शकों की प्रतिक्रियाओं से यह स्पष्ट हो गया कि इस फिल्म और इसके कलाकारों के प्रति उनके मन में कितना सम्मान और प्यार है।

6 Comments

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    King Singh

    जुलाई 10, 2024 AT 03:20

    ब्राह्मानंदम का भाषण देखकर लगा जैसे कोई अपने दादा की बातें सुन रहा हो - बिना किसी झंझट के, बिना किसी झूठ के, बस सच्चाई और हास्य के साथ। इतनी गहराई के साथ हंसाना भी एक कला है।

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    praful akbari

    जुलाई 10, 2024 AT 13:43

    क्या आपने कभी सोचा है कि जब ब्राह्मानंदम हंसते हैं, तो वो अपने अंदर के सारे संघर्षों को भी हंस रहे होते हैं? उनकी हंसी में एक अजीब सी शांति है, जैसे वो जानते हों कि दुनिया उन्हें समझ नहीं पाई, लेकिन फिर भी उन्होंने अपना रास्ता बना लिया।

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    kannagi kalai

    जुलाई 11, 2024 AT 14:28

    बस इतना ही था? मुझे लगता है ये भाषण थोड़ा लंबा और दोहराव वाला था। ब्राह्मानंदम तो हमेशा हंसाते हैं, लेकिन इतना बड़ा इवेंट हो तो कुछ नया भी चाहिए था।

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    Roy Roper

    जुलाई 12, 2024 AT 03:00

    ब्राह्मानंदम का भाषण बिल्कुल बेकार था बस हंसी का शो था असली एक्टिंग कहाँ है इस फिल्म में जो लोग इसे अच्छा कह रहे हैं वो बस बातों में उलझ गए हैं

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    Sandesh Gawade

    जुलाई 13, 2024 AT 07:13

    ये बातें सुनकर लगता है कि भारतीय सिनेमा अभी भी जिंदा है! ब्राह्मानंदम ने न सिर्फ एक भाषण दिया, बल्कि एक आंदोलन शुरू कर दिया - जहाँ हास्य और सच्चाई एक साथ चलते हैं। ये फिल्म बस देखो और दिल से हंसो। दुनिया बदल जाएगी।

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    MANOJ PAWAR

    जुलाई 14, 2024 AT 09:41

    कमल हासन ने जो कहा वो सच है। ब्राह्मानंदम एक इंसान हैं जिसने अपने दर्द को हंसी में बदल दिया। उनकी हर बात में एक जीवन का संदेश छिपा है। मैंने उनका भाषण दोबारा देखा और आँखें भर आईं। ऐसे लोग भारत के लिए असली धन हैं।

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