सुनील गावस्कर की ऋषभ पंत पर कड़ी टिप्पणी: 'स्टुपिड' शॉट पर व्यक्त की नाराजगी

सुनील गावस्कर की ऋषभ पंत पर कड़ी टिप्पणी: 'स्टुपिड' शॉट पर व्यक्त की नाराजगी

सुनील गावस्कर का पंत पर निशाना

जैसा कि हम सभी जानते हैं, क्रिकेट की दुनिया में सांस लेने वाले सुनील गावस्कर अपनी बेबाक टिप्पणियों के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने हाल ही में मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड पर चल रहे चौथे टेस्ट मैच के दौरान एक विवादास्पद स्थिति पर अपनी नाराजगी जताई। यह घटना भारतीय टीम के खिलाड़ी ऋषभ पंत के शॉट के चलते उत्पन्न हुई। जब भारतीय टीम एक कठिन मोड़ पर थी, तो पंत ने ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाज स्कॉट बोलैंड की गेंद पर एक जोखिम भरा स्कूप शॉट खेला और अंततः नैथन लायन के हाथों कैच आउट हो गए। यह स्पष्ट था कि गावस्कर इस निर्णय से बिल्कुल भी खुश नहीं थे।

गावस्कर की नाराजगी

गावस्कर ने अपने लाइव कमेंट्री के दौरान अपने विचार व्यक्त करते हुए पंत के शॉट को "स्टुपिड" के रूप में करार दिया। उनकी प्रमुख चिंता यह थी कि जिस समय टीम को स्थिरता की आवश्यकता थी, उस समय इस प्रकार का शॉट खेलना टीम की स्थिति को और भी खराब कर सकता था। उन्होंने कहा, "स्टुपिड, स्टुपिड, स्टुपिड। आपने दो फील्डर्स के होते हुए भी वह शॉट खेलने की कोशिश की। आपको यह समझना चाहिए कि टीम किस स्थिति में है।"

कठिन समय में पंत की कैच आउट

यह घटना तब घटी जब भारतीय टीम पहले से ही संघर्ष कर रही थी। पंत का इस तरह से आउट होना टीम के लिए एक बड़ा झटका साबित हुआ। सुनील गावस्कर ने कहा कि ऐसा शॉट न केवल पंत के करियर के लिए बल्कि पूरी टीम के लिए नुकसानदायक था। उन्होंने यहाँ तक कहा कि मैच के बाद पंत को भारतीय ड्रेसिंग रूम में नहीं बल्कि ऑस्ट्रेलियाई ड्रेसिंग रूम में जाना चाहिए।

सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाएं

गावस्कर की टिप्पणी के वायरल होने के बाद सोशल मीडिया पर इसका काफी जोरदार चर्चा हो रही है। क्रिकेट प्रेमी इस पर दो समूहों में बंट गए हैं: कुछ गावस्कर की आलोचना से सहमत हैं जबकि कुछ पंत के शॉट चयन का समर्थन कर रहे हैं, उन्हें एक आक्रामक खिलाड़ी मानते हुए। लेकिन गावस्कर के बयान ने इतना जरूर कर दिया है कि बातचीत का नया विषय उत्पन्न हो गया है।

गावस्कर की भावना

खेल के प्रति गावस्कर के जुनून को जानना आसान बात नहीं है। उनकी नाराजगी का कारण समझना इसलिए भी आसान नहीं है क्योंकि वह सिर्फ खेल नहीं देख रहे हैं, बल्कि उसके हर पहलू को महसूस कर रहे हैं। उनका कहना है कि हर खिलाड़ी से उन्हें एक सकता है कि वह जिम्मेदार ढंग से खेले। पंत का यह चयन गलत समय पर गलत निर्णय का सटीक उदाहरण बन गया।

उत्तरदायित्व की समझ

यह बात स्पष्ट करती है कि क्रिकेट जैसे खेल में निर्णय और ढृढ़ संकल्प की बहुत महत्वपूर्ण भूमिका होती है। सुनील गावस्कर ने पंत को यह संदेश दिया है कि उन्हें समझदारी से खेलना चाहिए और ऐसी गलतियों से बचना चाहिए जो टीम के स्थिति को और भीतरी कमजोरी में डाल दे। ठीक इसी तरह की उम्मीद थी कि पंत इस मैच के महत्वपूर्ण क्षण में अपने निर्णय को समझदारी से ले सकते थे।

5 Comments

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    Roy Roper

    दिसंबर 29, 2024 AT 06:00
    स्टुपिड शॉट था बस। कोई बहस नहीं। गावस्कर ने सच कहा।
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    Sandesh Gawade

    दिसंबर 31, 2024 AT 05:11
    ये लोग हमेशा पंत को निशाना बनाते हैं! ये शॉट बस एक रिस्क था और वो खिलाड़ी है जो रिस्क लेता है। अगर हर बार सुरक्षित खेलना पड़े तो ये क्रिकेट नहीं बल्कि टेस्टिंग लैब है। पंत को छोड़ो ये गावस्कर वाले तो अपने जमाने की यादों में खो गए हैं।
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    MANOJ PAWAR

    जनवरी 1, 2025 AT 15:45
    मैं तो बस यही सोच रहा हूँ कि एक ऐसे व्यक्ति जिसने खेल को अपनी जिंदगी बना लिया है, उसकी आवाज़ में दर्द है। गावस्कर ने जो कहा वो नाराजगी नहीं बल्कि चिंता है। जब आप देश के लिए खेलते हैं तो हर शॉट एक जिम्मेदारी होती है। पंत तो बहुत ताकतवर है लेकिन उसे ये भी समझना होगा कि टीम की जीत के लिए कभी-कभी अपने शॉट्स को दबाना पड़ता है।
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    Pooja Tyagi

    जनवरी 3, 2025 AT 04:14
    गावस्कर का कहना बिल्कुल सही है!! और जो लोग पंत का बचाव कर रहे हैं वो शायद खेल नहीं देखते, बस बैनर देखते हैं!! ये शॉट तो बिल्कुल बेवकूफी है!! जब 2 फील्डर्स हों और टीम की स्थिति खराब हो तो ऐसा शॉट खेलना बस अहंकार है!! ये बच्चों की बात है!! ये खिलाड़ी बनने के लिए तो नहीं, बल्कि इंस्टाग्राम के लिए खेल रहे हैं!!
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    Kulraj Pooni

    जनवरी 5, 2025 AT 02:08
    इस बात पर बहस करना बेकार है... क्योंकि ये सवाल नहीं है कि शॉट स्टुपिड था या नहीं... ये सवाल है कि क्या हम खिलाड़ियों को उनकी भावनाओं के आधार पर नहीं बल्कि उनकी जिम्मेदारी के आधार पर देखते हैं? क्या हम खेल को एक गेम बनाकर रख देते हैं या एक जीवन के रूप में? गावस्कर ने जो कहा वो एक दर्द है... एक ऐसा दर्द जो उन्होंने अपने खेल के दौरान भी महसूस किया है... जब आप एक टीम के लिए खेलते हैं तो आप अकेले नहीं होते... आप एक लाखों की उम्मीदों का बोझ ढोते हैं... और जब एक शॉट उन सबकी उम्मीदों को तोड़ दे... तो वो शॉट सिर्फ एक शॉट नहीं होता... वो एक गुनाह होता है।

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