तीसरी बार प्रधानमंत्री बने नरेंद्र मोदी: भारतीय राजनीति में एक नया अध्याय
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ ली, जिससे उन्होंने भारतीय राजनीति में एक नया इतिहास रच दिया। यह शपथग्रहण रविवार को आयोजित किया गया, जिसमें बीजेपी और उनके नेतृत्व वाली एनडीए के नेताओं ने भी शपथ ली। 73 वर्षीय मोदी ने यह उपलब्धि पहली बार पूर्ण बहुमत से दो बार चुने जाने के बाद हासिल की, जो नेहरू के बाद किसी भी प्रधानमंत्री के लिए एक बड़ा कीर्तिमान है।
इस बार के चुनाव में बीजेपी ने 240 सीटें जीतीं, वहीं एनडीए का कुल सीटों का आंकड़ा 286 पर पहुंचा। इस महत्त्वपूर्ण चुनाव में मोदी की स्पष्ट और निर्णायक जीत ने भारतीय राजनीतिक परिदृश्य को नई दिशा दी।
नेताओं ने भी ली शपथ
नरेन्द्र मोदी ने अपने मंत्रिमंडल में कई नए और पुराने चेहरों को शामिल किया। अमित शाह, राजनाथ सिंह, और नितिन गडकरी जैसे प्रमुख नेताओं ने भी शपथ ली। इनके साथ ही, दूसरे सहयोगी दलों के नेता भी मंत्रिमंडल में शामिल किए गए।
तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) के राम मोहन नायडू और पेम्मासनी चंद्रशेखर, जनता दल (सेक्युलर) के एच डी कुमारस्वामी, और बीजेपी के सर्बानंद सोनोवाल ने भी शपथ ली। यूनियन मिनिस्टर्स जैसे कि नितिन गडकरी और निर्मला सीतारमण ने भी इस अवसर पर शपथ ग्रहण की।
अंतर्राष्ट्रीय उपस्थिति
इस शपथग्रहण समारोह में विभिन्न दक्षिण एशियाई देशों और भारतीय महासागर क्षेत्र के नेताओं ने भी हिस्सा लिया। यह अंतर्राष्ट्रीय उपस्थिति इस बात का संकेत है कि मोदी सरकार का क्षेत्रीय प्रभाव बढ़ रहा है। मोदी का यह कदम अंतर्राष्ट्रीय संबंधों को और मजबूत बनाने के उद्देश्य से उठाया गया है।
इस शपथग्रहण समारोह ने भारतीय राजनीति के साथ ही अंतर्राष्ट्रीय मंच पर भी उत्सुकता और चर्चा का विषय बना दिया। नरेंद्र मोदी का तीसरी बार प्रधानमंत्री पद संभालना और अपने स्थायित्व को बरकरार रखना भारतीय लोकतंत्र के लिए एक महत्वपूर्ण घटना है।