कोपा अमेरिका में मैक्सिको की टीम 0-0 ड्रॉ के बाद बाहर, इक्वाडोर से हारी

कोपा अमेरिका में मैक्सिको की टीम 0-0 ड्रॉ के बाद बाहर, इक्वाडोर से हारी

कोपा अमेरिका में मैक्सिको की विदाई

कोपा अमेरिका के ग्रुप बी के अंतिम मैच में मैक्सिको और इक्वाडोर का मुकाबला 0-0 की बराबरी पर समाप्त हुआ, जिससे मैक्सिको का सफर समाप्त हो गया। इस मैच में दोनों टीमों ने काफी संघर्ष किया, लेकिन किसी को भी बढ़त हासिल करने में सफलता नहीं मिली। खास तौर पर, मैक्सिको को इस मैच में जीत की आवश्यकता थी, लेकिन वे गोल करने में विफल रहे।

मैक्सिको की कमजोर अटैकी क्षमता

मैक्सिको की टीम अपने पूरे ग्रुप स्टेज में सिर्फ एक ही गोल कर सकी, जो उनके खराब प्रदर्शन की गवाही देता है। मैच के दौरान, मैक्सिकन टीम द्वारा कई मौकों पर गलत पास और कमजोर टच देखने को मिले। इस कारण वे कोई ठोस अवसर बनाने में नाकाम रहे। 270 मिनट की खेल अवधि में एकमात्र गोल करना टीम की अटैकी कमजोरी का परिचायक है।

इक्वाडोर का शानदार बचाव

दूसरी ओर, इक्वाडोर की टीम ने शानदार बचाव का प्रदर्शन किया और मैक्सिको को गोल नहीं करने दिया। उनकी प्रतिबद्धता और संगठित खेल की वजह से वे क्वार्टरफाइनल में पहुंचने में सफल रहे। इक्वाडोर के कोच फेलिक्स सांचेज ने अर्जेंटीना जैसी मजबूत टीम के खिलाफ मुकाबला करने की चुनौतियों को स्वीकारते हुए अपनी टीम को बेहतरीन प्रदर्शन करने की आवश्यकता पर जोर दिया।

मैच के दौरान तनावपूर्ण माहौल

मैच के पूरे समय में माहौल तनावपूर्ण रहा। दोनों टीमों द्वारा किए गए गलतियों और मिस्ड अपॉर्चुनिटी के कारण खेल बहुत रोमांचकारी रहा। खास कर मैच के अंतिम क्षणों में एक पेनल्टी दी गई, जिसे वीडियो समीक्षा के बाद वापस ले लिया गया। इससे मैक्सिकन समर्थकों में निराशा छाई रही।

अंतरराष्ट्रीय मंच पर अनुशासन

इस मैच के दौरान स्टेडियम के बड़े स्क्रीन पर तीन बार चेतावनी दी गई कि अगर दर्शक होमोफोबिक स्लर का इस्तेमाल करते रहे तो मैच को स्थगित किया जा सकता है। यह चेतावनी दर्शकों के बीच हुए अनुशासनहीनता को नियंत्रित करने के लिए थी।

आगे की राह

मैक्सिको के कोच जैमे लोजानो ने अपने खिलाड़ियों की प्रतिबद्धता की प्रशंसा की, लेकिन यह भी माना कि उनकी अटैकी क्षमता में सुधार की आवश्यकता है। दूसरी तरफ, इक्वाडोर की टीम 4 जुलाई को ह्यूस्टन में मौजूदा विश्व चैंपियन अर्जेंटीना का सामना करेगी। यह मैच उनके लिए एक महत्वपूर्ण परीक्षा होगी।

5 Comments

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    praful akbari

    जुलाई 2, 2024 AT 08:43
    इस मैच में मैक्सिको की टीम ने जो कुछ दिखाया, वो बस एक अप्रत्याशित निराशा थी। एक टीम जो इतने सालों से कोपा अमेरिका का हिस्सा रही है, अब इतनी कमजोर क्यों हो गई? गोल नहीं बनाना तो एक समस्या है, लेकिन अवसर बनाने की कोशिश भी नहीं करना तो बहुत बड़ी बात है। इक्वाडोर का बचाव शानदार था, लेकिन मैक्सिको के लिए ये सिर्फ एक खेल नहीं, एक पहचान का सवाल है।
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    kannagi kalai

    जुलाई 2, 2024 AT 10:35
    मैच के अंतिम पलों में पेनल्टी वापस ले लेना बहुत दर्दनाक लगा। एक ऐसा मौका जहाँ एक गोल से ही टीम का भविष्य बदल सकता था, और फिर वो भी वीडियो रिव्यू के बाद निरस्त। ये फुटबॉल है या टेलीविजन शो?
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    Roy Roper

    जुलाई 3, 2024 AT 20:10
    मैक्सिको की टीम बर्बाद हो गई बस इतना ही। कोई टैक्टिक नहीं कोई हिम्मत नहीं कोई बॉडी लैंग्वेज नहीं। इक्वाडोर ने बस बैक लाइन बनाकर खेला और जीत गया। फुटबॉल नहीं बल्कि एक निराशाजनक ड्रामा था
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    Sandesh Gawade

    जुलाई 5, 2024 AT 19:26
    अरे भाई ये सब निराशा क्यों? ये तो बस एक ग्रुप स्टेज का एक मैच है। मैक्सिको के खिलाड़ी अभी भी लड़ रहे थे, बस शूटिंग नहीं लगी। इक्वाडोर का बचाव तो देखो ना कितना बेहतरीन था। अब अर्जेंटीना के खिलाफ इक्वाडोर का मैच देखोगे तो तुम्हारा दिमाग बदल जाएगा। ये टीम अब दुनिया की सबसे खतरनाक टीम बन रही है।
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    MANOJ PAWAR

    जुलाई 7, 2024 AT 16:36
    इक्वाडोर के खिलाफ एक गोल भी नहीं बन पाना... ये तो मैक्सिको के इतिहास का सबसे बड़ा शर्म की बात है। एक ऐसी टीम जिसने दुनिया को अपने अटैकिंग फुटबॉल से जकड़ा हुआ था, आज वो बस एक बैकपैक बन गई है। लोजानो को अपने फॉर्मेशन पर फिर से सोचना चाहिए। ये बस एक खेल नहीं, ये एक संस्कृति का अंत है। और जो लोग अभी भी इसे 'सिर्फ एक मैच' बताते हैं, वो शायद फुटबॉल का दिल नहीं जानते।

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