सियासी षड्यंत्र में फंसे जगजीवन राम: कैसे बेटे का कांड बना PM बनने की राह का रोड़ा

सियासी षड्यंत्र में फंसे जगजीवन राम: कैसे बेटे का कांड बना PM बनने की राह का रोड़ा

1978 में भारतीय राजनीति में उस समय भूचाल आ गया जब उस समय के रक्षा मंत्री जगजीवन राम के बेटे, सूरेश राम, और दिल्ली विश्वविद्यालय की छात्रा, सुषमा चौधरी के बीच का आपत्तिजनक मामला सार्वजनिक हुआ। यह कांड उस समय सुर्खियों में आया था जब सूरेश राम और सुषमा चौधरी की निजी तस्वीरें लीक होकर राजनीति में खलबली मचा दी।

यह मामला तब और अधिक गरमा गया जब इन तस्वीरों के लीक करने में राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी राज नारायण का हाथ बताया गया, जिन्होंने इन्हें इंदिरा गांधी के वफादारों तक पहुँचाया। माना जाता है कि इन तस्वीरों को सबसे पहले राज नारायण के सहयोगियों ने एक दुर्घटना के बाद सूरेश राम की कार से बरामद किया और फिर शराब व्यवसायी कपिल मोहन द्वारा इन्हें इंदिरा गांधी के गुट तक पहुँचाया गया। इस तरह की साजिश जगजीवन राम को राजनीति से अलग करने का एक प्रयास था, जिसमें कई लोग शामिल थे।

इस मामले को और अधिक चर्चा में लाया गया जब मनेका गांधी के संपादन में चल रही पत्रिका सूर्या ने इन तस्वीरों को प्रकाशित किया और ऐसे हेडिंग्स दिए जो इसे अंतरराष्ट्रीय जासूसी और रक्षा रहस्यों से जोड़ते थे। ये भारत का पहला बड़ा राजनीतिक सेक्स स्कैंडल माना जाता है, जिसने अचानक जगजीवन राम की प्रधानमंत्री बनने की राह में बड़ा रोड़ा बना।

जगजीवन राम, जो कांग्रेस छोड़कर जनता पार्टी में शामिल हुए थे और बढ़िया प्रशासनिक क्षमता के लिए जाने जाते थे, इस कांड के बाद अपनी राजनीतिक आकांक्षाओं को पूरा नहीं कर सके। यद्यपि उनकी राजनीतिक यात्रा का यह एक दुखद मोड़ था, लेकिन वह दलित समाज में आज भी एक प्रमुख व्यक्तित्व माने जाते हैं।

बाद में उनकी बेटी, मीरा कुमार, भारत की पहली महिला लोकसभा अध्यक्ष बनीं, जो उनके राजनीतिक उत्तराधिकार का प्रतीक था।

12 Comments

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    Roy Roper

    अप्रैल 7, 2025 AT 15:17
    ये सब षड्यंत्र हैं बस। राजनीति में असली लड़ाई तो बाहर की नहीं अंदर की होती है।
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    Sandesh Gawade

    अप्रैल 9, 2025 AT 06:52
    इंदिरा गांधी के गुट ने ये सब बनाया ताकि जगजीवन राम को बाहर धकेल दें। असली खतरा वो थे जो दलितों को एकजुट कर सकते थे। अब तक ये खेल चल रहा है।
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    MANOJ PAWAR

    अप्रैल 10, 2025 AT 14:46
    इस घटना के बाद जगजीवन राम का दिल टूट गया। वो एक ऐसे नेता थे जिन्होंने अपनी पूरी जिंदगी दलितों के लिए लड़ी। लेकिन राजनीति ने उनकी इंसानियत को भी निशाना बना लिया।
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    Pooja Tyagi

    अप्रैल 11, 2025 AT 01:50
    मनेका गांधी ने जो पत्रिका चलाई, वो बिल्कुल नीचे का खेल था!! इतनी बदसूरत चीजें प्रकाशित करना... ये जरूरी था क्या?? अब तो ये लोग खुद को 'जनता के लिए' बताते हैं!!
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    Kulraj Pooni

    अप्रैल 11, 2025 AT 06:10
    इस घटना में एक बात स्पष्ट है: राजनीति में नैतिकता का कोई स्थान नहीं। जब तक आप अपने बेटे की निजी जिंदगी के लिए जवाबदेह नहीं होते, तब तक आप एक नेता नहीं हो सकते। ये सब अंधविश्वास है।
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    Hemant Saini

    अप्रैल 11, 2025 AT 20:29
    अगर हम इस घटना को देखें तो ये सिर्फ एक सेक्स स्कैंडल नहीं है। ये एक शक्ति का संघर्ष है। जगजीवन राम एक ऐसे व्यक्ति थे जिनकी उपस्थिति राजनीति में एक नए युग की शुरुआत कर सकती थी। लेकिन जो लोग उनके खिलाफ थे, उन्होंने एक बहाना बनाकर उन्हें हटा दिया।
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    Nabamita Das

    अप्रैल 11, 2025 AT 21:27
    सूरेश राम की तस्वीरें लीक करने वालों को अपराधी ठहराया जा सकता है, लेकिन उन्हें जवाबदेह ठहराने का कोई इतिहास नहीं। ये सब राजनीति का खेल है।
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    chirag chhatbar

    अप्रैल 11, 2025 AT 21:30
    yeh sab fake hai... log bas drama bana rahe hai... real story koi nahi jaanta... bas media ka kaam hai
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    Aman Sharma

    अप्रैल 12, 2025 AT 23:51
    क्या आपने कभी सोचा है कि जगजीवन राम के बेटे की निजी जिंदगी को राष्ट्रीय सुर्खियों में लाने का मतलब था कि उनके खिलाफ एक नया राजनीतिक नियम बनाया जा रहा था? ये सिर्फ एक तस्वीर नहीं, एक नए तरीके से नेतृत्व को नीचा दिखाने का तरीका था।
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    sunil kumar

    अप्रैल 13, 2025 AT 13:33
    इस स्कैंडल ने भारतीय राजनीति को एक नए स्तर पर ले गया। ये दर्शाता है कि निजी जीवन को राजनीतिक बर्बरता के लिए कैसे इस्तेमाल किया जा सकता है। आज भी ये ट्रेंड चल रहा है। अगर आप नेता बनना चाहते हैं, तो अपने परिवार को भी बेच देना पड़ता है।
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    Arun Kumar

    अप्रैल 14, 2025 AT 12:13
    जगजीवन राम को बेटे की वजह से नहीं, बल्कि उसके विचारों के कारण नीचा दिखाया गया। वो एक ऐसे नेता थे जिनकी बात सुनकर दलित अपने आप को शक्तिशाली महसूस करते थे। ये उनके लिए खतरा था।
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    Snehal Patil

    अप्रैल 15, 2025 AT 01:36
    मीरा कुमार बनीं तो ये सब बस एक नाटक था... अब बेटी ने बाप का नाम बचा लिया... बस इतना ही 😒

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