शेख हसीना को भारत में राजकीय स्वागत, पीएम मोदी के साथ वार्ता में सुरक्षा, व्यापार और कनेक्टिविटी पर चर्चा

शेख हसीना को भारत में राजकीय स्वागत, पीएम मोदी के साथ वार्ता में सुरक्षा, व्यापार और कनेक्टिविटी पर चर्चा

नई दिल्ली में शेख हसीना का भव्य स्वागत

बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना को नई दिल्ली में राष्ट्रपति भवन के प्रांगण में विशेष राजकीय स्वागत के साथ सम्मानित किया गया। यह स्वागत नई भारतीय सरकार के गठन के बाद किसी विदेशी नेता की पहली द्विपक्षीय राज्य यात्रा का गवाह बना। इस स्वागत समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं विदेश मंत्री एस. जयशंकर भी मौजूद थे। इस महत्वपूर्ण अवसर ने दोनों देशों के नेताओं को व्यापक रणनीतिक संवाद का मौका प्रदान किया।

प्रधानमंत्री मोदी और शेख हसीना की बैठक

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और शेख हसीना ने राष्ट्रपति भवन में महत्वपूर्ण बैठक की। इस बैठक में दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने के कई मुद्दों पर चर्चा की। वार्ता का प्रमुख केंद्र सुरक्षा, व्यापार, वाणिज्य, ऊर्जा, कनेक्टिविटी, विज्ञान और प्रौद्योगिकी तथा रक्षा के क्षेत्र में सहयोग रहा। दोनों नेताओं ने इन महत्वपूर्ण मुद्दों पर व्यापक वार्ता की और भविष्य के लिए योजनाओं पर जोर दिया।

आर्थिक और व्यापारिक सहयोग

आर्थिक और व्यापारिक सहयोग

भारत और बांग्लादेश के बीच व्यापारिक और आर्थिक सहयोग बढ़ाने पर भी चर्चा हुई। दोनों देशों के बीच ट्रेड और वाणिज्य के क्षेत्र में कई पहलुओं पर समझौते होने की संभावना है। शेख हसीना और पीएम मोदी ने व्यापार बाधाओं को दूर करने, संयुक्त उपक्रम स्थापित करने, और नए व्यापार मार्गों को विकसित करने पर चर्चा की। यह कदम दोनों देशों के आर्थिक संबंधों को नई दिशा प्रदान कर सकते हैं।

ऊर्जा और कनेक्टिविटी

ऊर्जा और कनेक्टिविटी के क्षेत्र में भी दोनों देशों के बीच सहयोग बढ़ाने पर विशेष ध्यान दिया गया। इस बैठक मेंं ऊर्जा के नए स्रोतों की खोज, ऊर्जा आदान-प्रदान और मौजूदा ऊर्जा क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर चर्चा की गई। इसके साथ ही एक-दूसरे के प्रमुख इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स में सहभागिता बढ़ाने पर विचार हुआ। भारत और बांग्लादेश के बीच कनेक्टिविटी में हाल में मजबूत सुधार देखा गया है, जिसका उदाहरण है Maitri Setu ब्रिज और Chilahati-Haldibari रेल लिंक।

भारत-बांग्लादेश संबंधों में बढ़ती रणनीतिक साझेदारी

भारत-बांग्लादेश संबंधों में बढ़ती रणनीतिक साझेदारी

भारत और बांग्लदेश के बीच रणनीतिक साझेदारी हाल के वर्षों में काफी मजबूत हुई है। 'पड़ोसी पहले' नीति के अंतर्गत भारत ने बांग्लादेश के साथ अपने संबंधों को प्राथमिकता दी है। शेख हसीना की यह यात्रा इस दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम है। दोनों देशों ने विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाकर अपने रिश्तों को अधिक समृद्ध और मजबूत बनाने का संकल्प लिया है।

भविष्य की योजनाएं

इस महत्वपूर्ण द्विपक्षीय यात्रा के दौरान, भारत और बांग्लादेश के नेताओं ने अनेक महत्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर करने का भी संकल्प लिया। इन समझौतों में रक्षा सहयोग, विज्ञान और प्रौद्योगिकी में संयुक्त अनुसंधान, और व्यापार एवं वाणिज्य में नए मार्गों की खोज शामिल है। इसके साथ ही दोनों देशों ने पर्यावरण संरक्षण और सांस्कृतिक आदान-प्रदान पर भी ध्यान केंद्रित करने का निर्णय लिया है।

निष्कर्ष

शेख हसीना की इस यात्रा ने भारत-बांग्लादेश संबंधों को एक नई दिशा दी है। यह यात्रा न केवल द्विपक्षीय रिश्तों को मजबूती प्रदान करेगी, बल्कि क्षेत्रीय स्थिरता और विकास के लिए भी महत्वपूर्ण सिद्ध होगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और शेख हसीना की यह वार्ता भविष्य के लिए नए क्षितिज खोल सकती है, जिससे दोनों देशों के नागरिकों को और भी लाभ मिलेगा।

6 Comments

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    sunil kumar

    जून 24, 2024 AT 18:08

    ये बातें सुनकर दिल खुश हो गया! भारत-बांग्लादेश के बीच सुरक्षा सहयोग, ऊर्जा साझेदारी, और कनेक्टिविटी प्रोजेक्ट्स-ये सब एक रणनीतिक अलायंस की नींव हैं। Maitri Setu और Chilahati-Haldibari रेल लिंक जैसे इंफ्रास्ट्रक्चर इनिशिएटिव्स ने भौगोलिक बाधाओं को तोड़ दिया है। अब ट्रेड बाधाओं को हटाने के लिए डिजिटल कस्टम्स पोर्टल्स और एकीकृत लॉजिस्टिक्स हब्स की जरूरत है। ये सब एक नए इको-सिस्टम का हिस्सा हैं-जहां व्यापार, ऊर्जा, और तकनीक एक साथ चलते हैं। ये अभी शुरुआत है, लेकिन इसका असर अगले 10 साल में देखने को मिलेगा।

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    Uday Rau

    जून 25, 2024 AT 18:54

    इस यात्रा का असली जादू ये है कि ये सिर्फ समझौते नहीं, बल्कि संस्कृति का एक गीत है। जब दो देश एक दूसरे के बाजारों में चाय के पत्ते और रोटी के बादल बांटते हैं, तो ये राजनीति नहीं-इंसानियत हो जाती है। Maitri Setu का नाम भी तो बस एक पुल नहीं, एक भावना है। अब दोनों तरफ के बच्चे एक दूसरे के गीत सुनेंगे, एक दूसरे की कहानियां पढ़ेंगे। ये रिश्ता अब ट्रेड नहीं, ट्रेडिशन बन गया है।

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    sonu verma

    जून 26, 2024 AT 09:54

    ये बहुत अच्छा हुआ कि दोनों देश ने ऊर्जा और कनेक्टिविटी पर फोकस किया… लेकिन क्या हमने अभी तक जलवायु परिवर्तन के लिए साझा योजना बनाई? जैसे गंगा-ब्रह्मपुत्र बेसिन के लिए एक साथ काम करना? ये बहुत जरूरी है… मैंने देखा कि बांग्लादेश में बाढ़ से प्रभावित लोग अब भारत के उत्तर प्रदेश में भी आ रहे हैं… इसे भी शामिल करना चाहिए था। बस ये एक छोटी सी बात है… बहुत बढ़िया यात्रा थी वैसे।

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    Siddharth Varma

    जून 27, 2024 AT 08:34

    भाई ये वार्ता तो बहुत जबरदस्त लगी… पर एक बात समझ नहीं आ रही… अगर व्यापार बढ़ेगा तो बांग्लादेश के चीज़ें भारत में आएंगी तो भारतीय छोटे व्यापारी क्या करेंगे? क्या कोई स्ट्रेटेजी है ये सुनिश्चित करने के लिए कि हमारे छोटे दुकानदार बर्बाद न हो जाएं? सिर्फ बड़े कंपनियों के लिए तो नहीं होना चाहिए ये सब…

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    chayan segupta

    जून 27, 2024 AT 10:40

    वाह! ये तो बस जीत है! दोनों देश एक साथ चल रहे हैं-ऊर्जा, रक्षा, टेक्नोलॉजी, इंफ्रास्ट्रक्चर… ये बस शुरुआत है भाई! अब देखो, अगले 5 साल में हम दोनों देशों के बच्चे एक ही ऐप पर काम करेंगे, एक ही स्टार्टअप में जुड़ेंगे। ये रिश्ता अब सिर्फ सरकारी नहीं, जनता का हो गया है। जय हिंद! जय बांग्लादेश!

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    King Singh

    जून 28, 2024 AT 12:33

    इस यात्रा का सबसे बड़ा परिणाम ये है कि भारत ने अपनी ‘पड़ोसी पहले’ नीति को असली तौर पर लागू किया है। ये सिर्फ एक बैठक नहीं, एक नीतिगत संकल्प का प्रतीक है। व्यापार और सुरक्षा सहयोग अच्छे हैं, लेकिन सांस्कृतिक आदान-प्रदान और पर्यावरण संरक्षण के लिए अलग से फंडिंग और रोडमैप बनाने की आवश्यकता है। ये दोनों देश अपने नागरिकों के लिए एक अलग भविष्य बना रहे हैं।

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