पहल्गाम आतंकी हमला: भारत की सख्ती और पाकिस्तान की पेशकश
जम्मू-कश्मीर के पहल्गाम आतंकी हमला एक बार फिर भारत-पाकिस्तान संबंधों को उबाल पर ले आया है। 25 अप्रैल को हुए इस हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तान से संचालित संगठनों पर डाली गई, जिसके बाद दिल्ली में सुरक्षा हलकों में हलचल मच गई। गृह मंत्री अमित शाह ने तत्काल जल संसाधन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत संग बैठक बुलाई। चर्चा हुई कि क्या भारत अब सिंधु नदी के पानी पर अपना अधिकार और मजबूत करेगा या पाकिस्तान के खिलाफ कड़े कदम उठाएगा। हर बार की तरह इस बार भी पाकिस्तान ने जांच की पेशकश दी है, ताकि माहौल शांत किया जा सके। प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने अपने स्तर पर तटस्थ जांच की बात कही है। लेकिन जमीनी स्तर पर भारत अब समझौतावादी रुख छोड़ चुका है।
कश्मीर में सुरक्षा बलों की सक्रियता भी बढ़ गई है। आतंकियों के नेटवर्क पर लगातार कार्रवाई जारी है। हाल ही में शोपियां के चोटिपोरा इलाके में संदिग्ध आतंकी से जुड़े एक मकान को ध्वस्त किया गया, ताकि आतंकियों के ठिकानों को खत्म किया जा सके। भारत की जांच एजेंसियां और पुलिस अब गुप्त सूचनाओं पर तेजी से काम कर रही हैं।
बलूचिस्तान हमला: पाकिस्तानी सेना पर बड़ा वार, क्षेत्रीय अस्थिरता का नया संकेत
भारत में कश्मीर को लेकर तगड़े दावे और कड़क जवाब के बीच पाकिस्तान के लिए बलूचिस्तान की खबर भी सिरदर्द बनी। 26 अप्रैल को क्वेटा के पास बलूचिस्तान हमला हुआ, जिसमें बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (BLA) ने घात लगाकर हमला किया। इस हमले में 10 पाकिस्तानी सैनिक मारे गए, जिनमें सूबेदार शहजाद अमीन और नायब सूबेदार अब्बास भी थे। BLA के प्रवक्ता जियंद बलोच ने इस हमले की जिम्मेदारी लेते हुए कहा कि उनकी लड़ाई पाक सेना से जारी रहेगी। बलूचिस्तान में अलगाववादी आंदोलनों ने पिछले कुछ वर्षों में तेज़ी पकड़ी है। सेना पर यह हमला इस बात का नया सबूत है कि पाकिस्तान को दोहरी चुनौतियां झेलनी पड़ रही हैं—सीमा के उस पार हिंदुस्तान का दबाव और अंदरूनी विद्रोह।
इन घटनाओं ने भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ा दिया है। भारत को खुफिया इनपुट मिले हैं कि लश्कर-ए-तैयबा जैसी आतंकी संगठन फिर से कश्मीर में घातक वारदात कर सकते हैं। सुरक्षा बलों को अलर्ट कर दिया गया है। अधिकारी अब हर संदिग्ध हलचल पर नजर रख रहे हैं। विशेषज्ञ तो यहां तक कह रहे हैं कि गर्मियों में कश्मीर में घुसपैठ और आतंकी वारदातें बढ़ सकती हैं। दूसरी ओर, पाकिस्तान के लिए बलूचिस्तान के इलाके में स्थिति बेकाबू होती जा रही है।
- भारत ने सिंधु जल संधि पर फिर नजरें टेढ़ी की हैं, जिससे पाकिस्तान के सामने पानी को लेकर नई मुश्किल खड़ी हो सकती है।
- सुरक्षा एजेंसियों ने कश्मीर और जम्मू क्षेत्रों में ऑपरेशनल एक्टिविटी तेज की है, जिसमें संदिग्ध गतिविधियों की विशेष निगरानी हो रही है।
- पाकिस्तान की सेना बलूचिस्तान में लगातार विद्रोही हमलों का सामना कर रही है, जिससे अंदरूनी सुरक्षा चुनौतियां गहरा गई हैं।
इन दोनों देशों के पास परमाणु हथियार हैं और ऐसे तनावपूर्ण हालात में वैश्विक स्तर पर चिंता पैदा होना स्वाभाविक है।
manivannan R
अप्रैल 28, 2025 AT 12:40सिंधु जल संधि पर अब देर नहीं, भारत को अपना हक लेना होगा।
Uday Rau
अप्रैल 28, 2025 AT 20:58ये सिर्फ एक आतंकी हमला नहीं, ये एक अस्थिरता का संकेत है। दोनों देशों के लिए शांति का रास्ता समझौते में है, न कि बमों में।
sonu verma
अप्रैल 30, 2025 AT 19:56कश्मीर के लोग भी बस शांति चाहते हैं।
Siddharth Varma
मई 1, 2025 AT 17:34क्या हम इसे सैन्य तरीके से हल कर पाएंगे? या फिर बातचीत की जरूरत है?
chayan segupta
मई 3, 2025 AT 12:56हमें अपने बच्चों को शांति का संदेश देना चाहिए, न कि घृणा का!
King Singh
मई 4, 2025 AT 23:38हम अपनी शक्ति का इस्तेमाल समझदारी से करें, न कि बदले की भावना से।
Dev pitta
मई 5, 2025 AT 22:42लेकिन नेता बस अपने अहंकार के लिए युद्ध चला रहे हैं।
क्या हम अपने बच्चों को ये दुनिया छोड़ना चाहते हैं जहां हर दिन डर के साथ जीना पड़े?
praful akbari
मई 6, 2025 AT 11:33पाकिस्तान के बलूच भी हमारे जैसे इंसान हैं।
और हमारे कश्मीरी भाई भी।
क्या हम इन दोनों के बीच एक दीवार बना रहे हैं या एक पुल?
kannagi kalai
मई 7, 2025 AT 22:59Roy Roper
मई 8, 2025 AT 23:04MANOJ PAWAR
मई 9, 2025 AT 11:04लेकिन क्या हम वाकई इस तरह की रणनीति अपनाना चाहते हैं? क्या हम वही बनना चाहते हैं जिसके खिलाफ हम लड़ रहे हैं?
Pooja Tyagi
मई 10, 2025 AT 10:34Kulraj Pooni
मई 12, 2025 AT 09:52पाकिस्तान को अपने आतंकवादियों को बर्खास्त करना होगा।
और हमें अपनी आंखें बंद नहीं करनी होंगी।
शांति तभी आएगी जब दुश्मन डर जाए।
Hemant Saini
मई 14, 2025 AT 04:55लेकिन अगर हम उनकी आवाज़ सुनें, तो शायद हमें अपने अपने अंदर की नींव भी देखनी पड़े।
क्या हम वाकई शांति चाहते हैं? या बस अपनी शक्ति का दर्शन करना चाहते हैं?
Nabamita Das
मई 16, 2025 AT 04:50पाकिस्तान के लिए ये एक नीचा झटका होगा।
और ये ठीक है।
उन्होंने हमें लंबे समय तक नुकसान पहुंचाया है।
अब हमारी बारी है।
chirag chhatbar
मई 16, 2025 AT 13:22कश्मीर में जो बच्चे रो रहे हैं, उनकी आवाज़ कौन सुन रहा है?
Aman Sharma
मई 18, 2025 AT 03:40नहीं।
वो बस अपने अंदर के विद्रोह को दबाने की कोशिश कर रहा है।
और हम उसके लिए एक बहाना बन गए हैं।
इसलिए अब हम भी अपने आप को बलूचिस्तान के लिए बलिदान बना रहे हैं।
sunil kumar
मई 18, 2025 AT 10:23और युद्ध में नरमी नहीं, बल्कि ताकत चाहिए।
हमारे सैनिकों को हर दिन जान देनी पड़ रही है।
तो क्या हम उनके लिए बस बातें करने से बच जाएंगे?
नहीं।
हमें जवाब देना होगा।
जवाब जो दुश्मन को डरा दे।
जवाब जो उसे याद दिलाए कि हम लड़ने के लिए तैयार हैं।
Arun Kumar
मई 19, 2025 AT 11:34लेकिन वो गलत है।
हमारे लड़ाकू बच्चे अब आतंकी के घरों में जा रहे हैं।
हमारी एजेंसियां अब उनके नेटवर्क को जड़ से उखाड़ रही हैं।
और जब तक वो बंदूक उठाएगा, हम उसकी आंखें नहीं बंद करेंगे।