मशहूर मलयालम अभिनेता फहाद फासिल, जिन्होंने हाल ही में ब्लॉकबस्टर फिल्म 'आवेशम' में मुख्य भूमिका निभाई है, ने एक महत्वपूर्ण और व्यक्तिगत खुलासा किया है। फहाद ने बताया कि उन्हें 41 वर्ष की उम्र में ध्यान-अभाव अति सक्रियता विकार (ADHD) का निदान किया गया है। यह खुलासा उन्होंने कोठामंगलम में 'पीस वैली स्कूल' के उद्घाटन कार्यक्रम के दौरान किया। यह स्कूल विशेष रूप से विशेष आवश्यकता वाले बच्चों के पुनर्वास पर केंद्रित है।
फहाद फासिल ने जब वहां का दौरा किया, तो उन्होंने इस स्थिति के निदान और इसके विभिन्न जीवन अवस्थाओं में प्रभावों के बारे में पूछा। अपने भाषण में फहाद ने कहा कि ADHD के साथ जीने का अनुभव उनके लिए एक नया दृष्टिकोण लाया है, विशेष रूप से रचनात्मक क्षेत्रों में। वह कह रहे थे कि इस विकार के कारण गैर-रेखीय सोच उत्पन्न होती है, जिससे रचनात्मकता को एक नई दिशा मिलती है।
फहाद का खुलासा केवल एक व्यक्तिगत अनुभव नहीं था, बल्कि इससे उन्होंने समाज में मानसिक स्वास्थ्य और उसकी महत्वता के बारे में जागरूकता फैलाने की कोशिश की। उन्होंने बताया कि बच्चों में इस विकार का प्रारंभिक निदान और त्वरित चिकित्सा बहुत महत्वपूर्ण है। अक्तर मामलों में, माता-पिता या शिक्षक इसे अनदेखा कर देते हैं, जिससे बच्चों को सही सहायता नहीं मिल पाती।
फहाद के इस साहसी कदम ने न केवल उनके प्रशंसकों बल्कि समाज के सभी वर्गों में एक सकारात्मक संदेश भेजा है। उन्होंने बताया कि कैसे इस विकार ने उनकी जीवनशैली को प्रभावित किया और इसके साथ जीने के विभिन्न पहलुओं को उजागर किया। यह बात सुनकर वहां उपस्थित लोगों ने भी मानसिक स्वास्थ्य के प्रति अपनी सोच में सुधार लाने की आवश्यकता महसूस की।
फहाद फासिल की यात्रा और अनुभव
फहाद ने बताया कि उन्हें अपने जीवन में कई बार ADHD के लक्षण महसूस हुए थे, लेकिन उन्होंने कभी इसे इस दृष्टि से नहीं देखा। अब जब उन्हें इस स्थिति के बारे में जानकारी हो गई तो उन्हें समझ में आया कि उनके कई विचार और व्यवहार इस विकार के कारण ही थे। उन्होंने बताया कि कैसे उनकी रचनात्मकता और अभिनय में यह विकार उनकी मदद कर रहा है।
फहाद ने अपने अनुभव को साझा करते हुए बताया कि ADHD के साथ जीना आसान नहीं है, लेकिन सही उपचार और समर्थन के साथ यह एक सकारात्मक दिशा में जा सकता है। उन्होंने अपने वार्ता में उन सभी लोगों को धन्यवाद दिया जिन्होंने उन्हें इस यात्रा में सहारा दिया और समर्थन किया।
ADHD और समाज में जागरूकता
फहाद का यह खुलासा समाज में ADHD और मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इस विकार के बारे میں जागरूकता फैलाने से लोग इस स्थिति को समझ सकेंगे और इससे जुड़े लोगों को सही उपचार और समर्थन प्रदान कर सकेंगे।
फहाद का कहना है कि ADHD के बारे में गलतफहमियां और पूर्वाग्रह दूर करने के लिए जागरूकता और शिक्षा बहुत महत्वपूर्ण है। यह केवल एक विकार नहीं, बल्कि एक नई दृष्टि का अवसर भी हो सकता है।
फहाद का यह कदम मानसिक स्वास्थ्य और ADHD के बारे में जागरूकता बढ़ाने का एक सशक्त प्रयास है, जो निश्चित रूप से समाज में एक सकारात्मक बदलाव लाने में सफल रहेगा।
कैसे ADHD का निदान और उपचार मदद कर सकता है
फहाद की कहानी से यह स्पष्ट होता है कि ADHD का प्रारंभिक निदान और उपचार अत्यंत महत्वपूर्ण है। प्रारंभिक चरण में ही अगर इस विकार को पहचान लिया जाए तो इससे निपटने के लिए सही रणनीतियां अपनाई जा सकती हैं।
विशेषज्ञों के अनुसार, बच्चों में ADHD के लक्षणों को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। इसके निम्न लक्षण हो सकते हैं:
- ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई
- अति सक्रियता
- आवेगपूर्ण व्यवहार
- कार्यों को पूरा करने में कठिनाई
अगर इन लक्षणों का समय रहते निदान हो जाए तो बच्चों की शिक्षण और सामाजिक जीवन में सुधार किया जा सकता है। सही समय पर चिकित्सा और समर्थन से बच्चे न केवल इस विकार के साथ जी सकते हैं, बल्कि अपने जीवन में उत्तम प्रदर्शन भी कर सकते हैं।
फहाद का आह्वान
फहाद ने अपने इस अनुभव से सीख लेने के लिए समाज से अपील की है। वह चाहते हैं कि लोग मानसिक स्वास्थ्य को गंभीरता से लें और इसके प्रति जागरूक हों। ADHD जैसे विकारों के कारण समाज में किसी भी व्यक्ति को कम नहीं समझना चाहिए, बल्कि उनकी रचनात्मक क्षमता को पहचानने और उन्हें प्रोत्साहित करने की आवश्यकता है।
फहाद की यह यात्रा और उनका खुलासा हमें यह सिखाता है कि सचेतनता और जागरूकता की दिशा में छोटे कदम समाज में बड़ा परिवर्तन ला सकते हैं। ऐसे मुमकिन है कि फहाद की कहानी से प्रेरित होकर लोग मानसिक स्वास्थ्य के प्रति अपनी सोच में बदलाव लाएं और इसके लिए आवश्यक कदम उठाएं।