लोकसभा चुनाव परिणाम 2024: BJP की अयोध्या राम मंदिर बोली असफल

लोकसभा चुनाव परिणाम 2024: BJP की अयोध्या राम मंदिर बोली असफल

लोकसभा चुनाव परिणाम 2024: BJP की अयोध्या राम मंदिर बोली असफल

भारतीय जनता पार्टी (BJP) को इस बार के लोकसभा चुनावों में कुछ बड़े झटके लगे हैं। उत्तर प्रदेश में प्रमुख निर्वाचन क्षेत्रों में पार्टी पिछड़ रही है। इन्हीं में शामिल हैं फैजाबाद, जहां अयोध्या का राम मंदिर स्थित है, और मेरठ, जहां रामायण सीरीज में भगवान राम का किरदार निभाने वाले अभिनेता अरुण गोविल मैदान में उतरे हैं।

फैजाबाद में राम मंदिर का प्रभाव

फैजाबाद में, जहां भव्य राम मंदिर का निर्माण हुआ है, बीजेपी को इस बार काफी उम्मीदें थीं। जनवरी 2024 में हुए राम लल्ला की प्राण प्रतिष्ठा समारोह ने लोगों का काफी ध्यान आकर्षित किया। फिर भी, चुनावी नतीजे बीजेपी के पक्ष में नहीं रहे हैं। वोटों की गिनती के अब तक के रुझान के अनुसार, बीजेपी के उम्मीदवार 9,500 वोटों से पिछड़ रहे हैं।

यहां ये समझना जरूरी है कि राम मंदिर का मुद्दा बीजेपी की पुरानी चुनावी रणनीति का अहम हिस्सा रहा है। लेकिन इस बार यह रणनीति वैसी कारगर साबित नहीं हो सकी है, जैसी उम्मीद की गई थी। विपक्षी दलों ने इसे धर्म और राजनीति का घालमेल बताया और अपने समर्थन को मजबूती प्रदान की।

मेरठ में अरुण गोविल की स्थिति

मेरठ में स्थिति और भी दिलचस्प है। रामायण में भगवान राम का किरदार निभाने वाले अरुण गोविल को बीजेपी ने चुनावी मैदान में उतारा था। उन्हें उम्मीद थी कि उनके स्टार पावर का फायदा मिलेगा और जनता उन्हें भारी मतों से विजयी बनाएगी। लेकिन अब, रुझानों के मुताबिक, अरुण गोविल 19,000 वोटों से पीछे चल रहे हैं।

यह इस बात को भी इंगित करता है कि केवल धार्मिक और सांस्कृतिक प्रतीक चुनावी परिणामों को अनुमानित करने में कारगर नहीं हो सकते। यहां जनता की सोच और उनके मुद्दे कहीं ज्यादा महत्वपूर्ण हो जाते हैं।

विपक्षी INDIA गठबंधन की बढ़त

उधर, विपक्षी INDIA गठबंधन ने इस बार अच्छा प्रदर्शन किया है। यूपी में वे 43 लोकसभा सीटों पर बढ़त बनाए हुए हैं, जबकि बीजेपी के नेतृत्व वाली NDA 36 सीटों पर ही आगे चल रही है। इस गठबंधन के प्रमुख दल समाजवादी पार्टी (SP) और कांग्रेस, राज्य में क्रमशः 34 और 9 सीटों पर आगे चल रही हैं। यह प्रदर्शन निश्चित रूप से बीजेपी के लिए चेतावनी की घंटी है।

विपक्षी गठबंधन ने चुनावी मुद्दों को बड़े ही रणनीतिक ढंग से उठाया, जिसमें महंगाई, बेरोजगारी और किसानों की समस्याएं शामिल थीं। ये मुद्दे जनता के दिल और दिमाग में छाए रहे और इसके परिणाम आज के नतीजों में देखने को मिल रहे हैं।

समाप्ति

मुख्य बात ये है कि अयोध्या राम मंदिर और उसकी राजनीति के बावजूद, बीजेपी इस बार चुनावी मैदान में वो करिश्मा नहीं कर पाई, जिसकी उम्मीद उसने और उसके समर्थकों ने की थी। चुनावी जनादेश में स्पष्ट दिखाई दे रहा है कि जनता विकास और वास्तविक मुद्दों पर ध्यान केन्द्रित कर रही है और धार्मिक प्रतीकों के बावजूद अपने निर्णय को संतुलित कर रही है।

आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि बीजेपी इस परिणाम से क्या सबक लेती है और आगे कैसे अपनी रणनीति में बदलाव लाती है। क्या विपक्षी INDIA गठबंधन अपनी इस बढ़त को अगले चुनावों में भी बनाए रख सकेगा, यह समय ही बताएगा।

9 Comments

  • Image placeholder

    sivagami priya

    जून 6, 2024 AT 00:26
    अयोध्या का मंदिर तो बन गया, लेकिन बाजार में चीनी की कीमतें बढ़ गईं! लोगों को तो रोटी-पानी की चिंता है, न कि राम के मंदिर की! ये सब धर्म के नाम पर चल रहा है, लेकिन असली जरूरतें तो नजरअंदाज हो रही हैं!!!
  • Image placeholder

    kannagi kalai

    जून 6, 2024 AT 01:28
    बीजेपी ने जो रणनीति अपनाई, वो पुरानी है। आज की युवा पीढ़ी धार्मिक प्रतीकों से ज्यादा नौकरी और शिक्षा की मांग कर रही है। राम मंदिर का बहाना अब काम नहीं कर रहा।
  • Image placeholder

    Sandesh Gawade

    जून 7, 2024 AT 07:33
    ये सब बहाने हैं! जब तक बीजेपी लोगों की रोजगार, स्वास्थ्य और शिक्षा की बात नहीं करेगी, तब तक ये धार्मिक नारे फेल होते रहेंगे। हमें राम के मंदिर की जरूरत नहीं, हमें रोजगार की जरूरत है! और ये बात सुनकर बीजेपी के लोग गुस्सा हो जाते हैं, क्योंकि उनकी रणनीति खत्म हो रही है!
  • Image placeholder

    MANOJ PAWAR

    जून 8, 2024 AT 18:09
    इस चुनाव के नतीजे एक बड़ा संकेत हैं। लोगों ने ये समझ लिया है कि भावनाओं से भरा एक मंदिर उनकी भूख नहीं बुझा सकता। अरुण गोविल के नाम से वोट नहीं मिलेंगे, बल्कि जिस उम्मीदवार ने गाँव के लिए सड़क बनवाई, उसको वोट मिलेगा। ये बदलाव बहुत बड़ा है।
  • Image placeholder

    Pooja Tyagi

    जून 10, 2024 AT 05:51
    इस बार तो सब कुछ साफ हो गया! राम मंदिर का बहाना चला नहीं, क्योंकि लोग अब देख रहे हैं कि कौन उनके लिए काम कर रहा है। महंगाई, बेरोजगारी, पानी की समस्या - ये सब असली बातें हैं। बीजेपी ने बस एक मंदिर बनवा दिया, लेकिन घरों में बिजली नहीं आई! 😤 ये लोग अब बुद्धिमान हो गए हैं!
  • Image placeholder

    Kulraj Pooni

    जून 12, 2024 AT 03:33
    क्या आपने कभी सोचा है कि राम मंदिर बनाने का मतलब बस एक इमारत नहीं, बल्कि एक नए युग की शुरुआत है? ये एक आध्यात्मिक और सांस्कृतिक पुनर्जागरण है, जिसे लोग अभी समझ नहीं पा रहे। लेकिन धीरे-धीरे, जब वे अपने अंदर की आत्मा को छू लेंगे, तो ये वोट भी बदल जाएंगे। ये तो बस एक अस्थायी झटका है।
  • Image placeholder

    Hemant Saini

    जून 13, 2024 AT 17:32
    मुझे लगता है कि ये चुनाव एक संक्रमण का प्रतीक है। जब तक हम राजनीति को धर्म और भावनाओं के आधार पर नहीं बदलेंगे, तब तक ये टकराव चलता रहेगा। बीजेपी को अपनी रणनीति बदलनी होगी, और विपक्ष को भी अपने आदर्शों को व्यावहारिक बनाना होगा। हमें एक ऐसी राजनीति की जरूरत है जो दोनों को जोड़े - भावना और विकास को।
  • Image placeholder

    Nabamita Das

    जून 15, 2024 AT 07:44
    बीजेपी के लिए ये एक बड़ी चेतावनी है। अयोध्या और रामायण के बारे में बात करने से नहीं, बल्कि योजनाओं और कार्यों से लोगों को जीता जा सकता है। अगले चुनाव में अगर वे ये सीख नहीं पाए, तो और भी बड़ी हार होगी।
  • Image placeholder

    chirag chhatbar

    जून 16, 2024 AT 00:07
    bhai yeh sab toh bas bhagwan ke naam pe ghar ghar me bharosa banane ki koshish hai... lekin log ab samajh gaye ki roti pehle, mandir baad me...

एक टिप्पणी लिखें