केरल के मलप्पुरम में निपाह वायरस का कहर
केरल के मलप्पुरम जिले के केमबासरी गाँव में, निपाह वायरस की वजह से एक 15 वर्षीय लड़के की स्थिति गंभीर हो गई है। यह लड़का, जो पंडिक्कड के पास का निवासी है, जुलाई 10 से निपाह वायरस के लक्षणों से जूझ रहा है। उसे पहले पेरिन्थलमन्ना के एक निजी अस्पताल में भर्ती किया गया, लेकिन उसकी स्थिति बिगड़ने पर उसे कोझिकोड के सरकारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में स्थानांतरित किया गया।
लड़के की स्थिति और उपचार
लड़के ने पहली बार जुलाई 12 को उपचार प्राप्त किया, और जुलाई 13 को अस्पताल में भर्ती कराया गया। जुलाई 15 को उसकी हालत गंभीर हो गई और उसे कोझिकोड में स्थानांतरित कर दिया गया। उसे वर्तमान में वेंटिलेटर पर रखा गया है।
स्वास्थ्य विभाग की प्रतिक्रिया
राज्य की स्वास्थ्य मंत्री, वीना जॉर्ज, तत्परता से मलप्पुरम पहुँचीं और वायरस के प्रसार को रोकने के लिए उपायों की निगरानी की। राष्ट्रीय विषाणु संस्थान, पुणे और राज्य प्रयोगशालाओं ने निपाह वायरस की पुष्टि की है। स्वास्थ्य विभाग ने सरकारी योजना अनुसार 25 समितियों का गठन किया है ताकि वायरस के प्रसार को रोका जा सके।
कांटेक्ट ट्रेसिंग और क्वारंटाइन
लड़के के करीब रहे तीन लोगों, जिसमें उसका पिता शामिल है, को क्वारंटाइन कर दिया गया है। इसके अलावा, 214 व्यक्तियों को निगरानी में रखा गया है, जिसमें से 60 उच्च जोखिम श्रेणी में हैं। स्वास्थ्य अधिकारियों ने लोगों को सार्वजनिक स्थानों पर मास्क पहनने और अस्पताल में मरीजों से मिलने से बचने की सलाह दी है।
निपाह वायरस का खतरा
निपाह वायरस एक गंभीर और उच्च मृत्यु दर वाला बीमारी है, जो पहले भी केरल में तबाही मचा चुका है। इसे रोकने के लिए लगातार सतर्कता और त्वरित कार्रवाई आवश्यक है। स्वास्थ्य विभाग ने निपाह वायरस की इस नई लहर के बाद 24x7 नियंत्रण कक्ष स्थापित किया है।
जानकारी मिलने पर, आए दिन मामलों की स्थिति का अंदाजा लगाने के लिए स्थिति की निगरानी का काम जारी है। संक्रमण के प्रति लोगों में जागरूकता फैलाने के लिए विभिन्न माध्यमों का उपयोग किया जा रहा है।
स्वास्थ्य अधिकारी और चिकित्सा कर्मी निपाह वायरस से जुड़ी किसी भी अनहोनी को रोकने के लिए सभी संभव उपाय कर रहे हैं। वे सभी संबंधित व्यक्तियों की निगरानी कर रहे हैं और आवश्यक उपचार प्रदान कर रहे हैं।
Vikash Yadav
जुलाई 22, 2024 AT 22:26ये वायरस तो बस एक बार फिर से आ गया... केरल में तो हर साल कुछ न कुछ निकलता ही है। लेकिन अब तो सिर्फ एंबुलेंस नहीं, बल्कि बातचीत भी डर से भर गई है। किसी के बुखार को देखकर लोग भाग जाते हैं। असली खतरा तो अंधविश्वास है, न कि वायरस।
Anuj Poudel
जुलाई 24, 2024 AT 08:04क्वारंटाइन में 214 लोग? ये तो बहुत अच्छा है... लेकिन क्या उन्हें मानसिक समर्थन भी मिल रहा है? अकेलेपन, डर, अनिश्चितता - ये भी एक बीमारी होती है। हमें सिर्फ शरीर नहीं, दिमाग की भी देखभाल करनी होगी।
Aishwarya George
जुलाई 25, 2024 AT 06:28निपाह वायरस की पुष्टि पुणे और राज्य प्रयोगशालाओं ने की है - ये तो बहुत स्पष्ट और विश्वसनीय डेटा है। स्वास्थ्य विभाग की त्वरित प्रतिक्रिया और 25 समितियों का गठन बहुत प्रशंसनीय है। अगर हर राज्य इतना तैयार होता, तो भारत की स्वास्थ्य व्यवस्था दुनिया की नमूना बन जाती।
Vikky Kumar
जुलाई 26, 2024 AT 05:42यह एक अनिवार्य रूप से अव्यवस्थित प्रणाली का परिणाम है। 15 वर्षीय लड़के की गंभीर स्थिति इस बात का संकेत है कि स्थानीय स्वास्थ्य अवसंरचना अपर्याप्त है। वेंटिलेटर का उपयोग तभी संभव है जब तक अस्पताल के पास बिजली और ऑक्सीजन उपलब्ध हो। यहाँ कोई योजना नहीं, केवल प्रतिक्रियाएँ।
manivannan R
जुलाई 26, 2024 AT 09:23yo, ये वायरस तो बिल्कुल जंगली बंदरों की वजह से आता है न? जो लोग फल खाते हैं और उनके लार को छू जाते हैं... ये तो नेचुरल डेटा है। अब तो हर घर में ब्लीच रखो, और अगर किसी के बुखार आ गए तो तुरंत डॉक्टर को कॉल करो! नहीं तो बाद में बहुत बड़ी गड़बड़ हो जाएगी।
Uday Rau
जुलाई 27, 2024 AT 23:58मलप्पुरम में जब भी ये वायरस आता है, तो लोग अपने घरों में बंद हो जाते हैं... लेकिन याद रखो, हमारी संस्कृति में तो बीमार को घर में रखने की बजाय उसके साथ रहने की परंपरा है। डर के बजाय साथ देना ही असली सुरक्षा है। एक चाय, एक गाना, एक दुआ - ये भी दवा हैं।
sonu verma
जुलाई 29, 2024 AT 17:14बस एक बात कहना चाहता हूँ... ये लड़का अभी भी लड़ रहा है। और जो लोग उसके लिए देखभाल कर रहे हैं - उनकी हिम्मत के लिए धन्यवाद। हम सब इसके लिए एक साथ हैं। आप अकेले नहीं हैं।
Siddharth Varma
जुलाई 30, 2024 AT 21:38क्या ये वायरस फलों से आता है? मैंने सुना है बंदरों के लार से... लेकिन अगर बंदर नहीं तो क्या ये जल के जरिए भी फैल सकता है? कोई जानता है? क्या हमें नल का पानी उबालना चाहिए?