घटना की जानकारी और प्रारंभिक जांच
उत्तर प्रदेश के झांसी में महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज के नवजात इंटेंसिव केयर यूनिट (NICU) में हुए भीषण अग्निकांड ने सभी को झकझोर कर रख दिया है। इस घटना में दस मासूम नवजात शिशुओं की मौत हो गई और 16 अन्य गंभीर रूप से जख्मी हो गए। यह हादसा बीते शुक्रवार रात लगभग 10:45 बजे हुआ, जब NICU में अचानक आग लग गई। प्रारंभिक जांच के अनुसार, आग का कारण एक ऑक्सीजन कंसंट्रेटर में शॉर्ट सर्किट बताया जा रहा है। आग के तुरंत बाद अस्पताल का स्टाफ, फायर ब्रिगेड और अन्य प्रशासनिक अधिकारी घटनास्थल पर पहुंचे और बचाव कार्य में जुट गए।
सरकार की तत्परता और घोषणा
उत्तर प्रदेश सरकार ने इस मामले में तत्कालता से जांच के आदेश दिए हैं। राज्य के स्वास्थ्य विभाग, पुलिस और मजिस्ट्रेट स्तर की जांच की जायेगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को प्रभावित परिवारों तक सभी संभव मदद पहुंचाने और बचाव कार्य को तेजी से अंजाम देने का निर्देश दिया है। राज्य सरकार ने मृतकों के परिवारों को ₹5 लाख की आर्थिक सहायता और घायलों के परिवारों को ₹50,000 की सहायता राशि देने की घोषणा की है।
नेताओं की संवेदनाएं और विपक्ष के आरोप
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने अपनी संवेदना व्यक्त की है और इसे 'हमारा दिल तोड़ने वाला' करार दिया है। दूसरी ओर, विपक्ष विशेष रूप से समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने अस्पताल प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया है। उन्होंने मांग की है कि जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई हो। हालांकि, अस्पताल प्रशासन ने इस तरह के आरोपों को खारिज किया है।
अस्पताल प्रशासन की स्थिति
अस्पताल ने दावा किया है कि उनके सभी अग्निशामक उपकरण सही स्थिति में थे और हाल ही में उनकी जांच-पड़ताल की गई थी। इसी साल जून में एक मॉक ड्रिल का आयोजन भी किया गया था। मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. नरेंद्र सिंह सेंगर ने आश्वासन दिया है कि आग से बचाए गए बच्चों को सुरक्षित रूप से दूसरे वॉर्ड में स्थानांतरित कर दिया गया है और उनका इलाज चल रहा है।
भविष्य की कार्रवाई और सुरक्षा मापदंड
इस पूरी घटना के लिए एक विस्तृत जांच के आदेश दिए गए हैं, जिसमें आग के सही कारणों का पता लगाया जाएगा और यह सुनिश्चित किया जाएगा कि सुरक्षा प्रोटोकॉल्स में किसी प्रकार की ढील न दी जाए। इस हादसे ने अस्पतालों में सुरक्षा उपायों की गंभीरता को फिर से उजागर किया है और यह आवश्यक है कि अस्पताल प्रशासन सुरक्षा मानकों का पालन करें ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाएं फिर से न हो।