इटली और बेल्जियम का रोमांचक फुटबॉल मुकाबला
फुटबॉल के मैदान पर इटली और बेल्जियम के बीच हुए नेशंस लीग ए ग्रुप 2 के मैच ने दर्शकों का दिल जीत लिया जब दोनों टीमें गुरुवार, 10 अक्टूबर 2024 को 2-2 की बराबरी पर खत्म हुई। मैच के शुरुआती मिनट में ही इटली ने गोल मारकर बढ़त बना ली थी। फेडेरिको डी मार्को के कमाल के क्रॉस के साथ एंड्रिया कैमबियासो ने रिबाउंड पर गेंद बधाई थी। इटली ने 24वें मिनट में अपनी बढ़त दोगुनी कर दी जब डी मार्को ने वॉली मारते हुए कैमबियासो को बॉल दी। हालांकि बेल्जियम के गोलकीपर कोएन कास्टेल्स ने कैमबियासो को दूसरा गोल करने से रोका, लेकिन स्ट्राइकर मेटेओ रेटेगुई ने बॉल को नेट में पहुंचा दिया।
रेड कार्ड ने बदला खेल का रुख
फुटबॉल मैच के 34वें मिनट में एक ऐसी घटना हुई जिसने खेल का रुख पूरी तरह बदल दिया। इटली के मिडफील्डर लोरेन्ज़ो पेल्लेग्रीन को बेल्जियम के खिलाड़ी थेटे पर हिट करने के जुर्म में रेड कार्ड दिखाया गया। VAR समीक्षा के बाद रेड कार्ड दिया गया और इटली ने खेल के बीच में अपने एक खिलाड़ी को खो दिया।
बेल्जियम ने उठाया फायदा
इस मौके का भरपूर लाभ उठाते हुए बेल्जियम ने तुरंत आक्रमण तेज कर दिया। मैक्सिम डे क्यूपर ने एक मुफ्त किक रूटीन के बाद बॉक्स के किनारे से शॉट लगाकर लक्ष्य को प्राप्त किया और बेल्जियम का अंतर कम कर दिया। 61वें मिनट में बेल्जियम ने लेएंड्रो ट्रोसार्ड के नजदीक से किये गए गोल की मदद से मैच को बराबरी पर ला खड़ा कर दिया। इस गोल ने बेल्जियम को आत्मबल दिया और उन्होंने अंतिम कुछ मिनटों तक मुठभेड़ में बने रहने की कोशिश की।
ग्रुप की स्थिति पर प्रभाव
भले ही मैच 2-2 पर समाप्त हुआ हो, लेकिन इटली ने अपने ग्रुप में शीर्ष स्थान बनाए रखा है। दोनों ही टीमें अपने प्रदर्शन से संतुष्ट नहीं थीं लेकिन मैदान में एक-दूसरे को हराने के लिए प्रयत्नशील थीं। इस मैच ने दिखाया कि कमियों के बावजूद, आत्मविश्वास और समर्पण से किसी भी स्थिति में समर्पित होकर खेल का रुख बदला जा सकता है।
भविष्य की तैयारी
इटली और बेल्जियम दोनों टीमों के लिए यह मैच एक सबक की तरह रहा। अब अगले मैचों में इटली को अपनी रणनीति में परिवर्तन कर सकने की आवश्यकता है जिससे कि वे विरोधी टीमों के खिलाफ खतरनाक बना रहे। दूसरी ओर, बेल्जियम के लिए भी यह समय है कि वे अपने खेल को और बेहतर करने के प्रयास करें ताकि आने वाले मुकाबलों में वे बिना किसी बाधा के जीत हासिल कर सकें। आगे के मैचों के लिए, इटली को अपने तेज खेल के प्रदर्शन को बनाए रखते हुए अनुशासन पर अधिक ध्यान देना होगा ताकि धोखे से बचा जा सके। इसी तरह, बेल्जियम को भी अपने डिफेंस पर जोर देना होगा ताकि विपक्षी टीमों की चालाकियों का मजबूती से सामना कर सके।
kannagi kalai
अक्तूबर 12, 2024 AT 14:21इटली का डिफेंस बिल्कुल फेल हो गया। दो गोल की बढ़त के बाद भी रेड कार्ड के बाद जो हुआ, वो बस लापरवाही का नाम था। अगर ये लगातार ऐसा करते रहे, तो यूरो 2024 में भी फेल हो जाएंगे।
Roy Roper
अक्तूबर 12, 2024 AT 14:45बेल्जियम ने अच्छा खेला लेकिन इटली का टीमवर्क बेहतर था बस अनुशासन की कमी ने सब बर्बाद कर दिया
Sandesh Gawade
अक्तूबर 13, 2024 AT 18:09ये मैच बस एक जिंदगी भर की याद बन गया! दो गोल की बढ़त गंवाने के बाद भी बेल्जियम ने जो हिम्मत दिखाई, वो फुटबॉल का सच्चा आत्मबल है। इटली के लिए ये एक ड्रॉ है लेकिन बेल्जियम के लिए ये जीत का रूप है। इतिहास लिख रहे हैं लोग जो हार के बाद भी खड़े रहते हैं।
MANOJ PAWAR
अक्तूबर 15, 2024 AT 14:17मैंने इस मैच को देखा और दिल बहुत भारी हो गया। लोरेंजो पेल्लेग्रीन के रेड कार्ड के बाद इटली के खिलाड़ियों के चेहरे पर एक अजीब सी निराशा थी। जैसे वो जान गए हों कि अब ये मैच उनके हाथ से फिसल रहा है। और फिर बेल्जियम के लिए ये नहीं बस एक गोल था, ये उनके दिलों की आवाज़ थी। जब तक खेल चल रहा है, तब तक कोई हारा नहीं हुआ।
Pooja Tyagi
अक्तूबर 17, 2024 AT 02:27इटली को अपने डिफेंस को बेहतर बनाना होगा! एक रेड कार्ड से पूरा मैच बर्बाद हो गया? ये नहीं हो सकता! बेल्जियम ने अच्छा खेला, लेकिन इटली का टीम लीडरशिप बिल्कुल फेल हुआ! जब एक खिलाड़ी बाहर हो जाए, तो बाकी को अपना खेल बदलना चाहिए, न कि डरना! अगले मैच में बिल्कुल नए तरीके से खेलना होगा!
Kulraj Pooni
अक्तूबर 17, 2024 AT 23:56क्या हम वाकई फुटबॉल को खेल के रूप में देख रहे हैं या इसे एक धर्म के रूप में? एक रेड कार्ड ने जो बदलाव लाया, वो बस एक दर्पण है हमारे अपने जीवन का। हम भी अक्सर अपनी गलतियों से बचने के लिए दूसरों को दोष देते हैं। इटली के लिए ये एक सबक है, और बेल्जियम के लिए ये एक प्रमाण है कि अंधेरे में भी रोशनी की आशा जीवित रहती है।
Hemant Saini
अक्तूबर 18, 2024 AT 11:51इस मैच को देखकर लगा जैसे दो अलग दुनियाएं आमने-सामने हो रही हैं। इटली का फुटबॉल तो बहुत सुंदर था, लेकिन बेल्जियम ने उसे अपनी ज़िंदगी की लड़ाई के रूप में खेला। जब एक टीम बर्बाद हो रही होती है, तो दूसरी टीम उसी में अपनी शक्ति ढूंढ लेती है। ये फुटबॉल नहीं, ये जीवन है। और जीवन में जीत और हार दोनों एक ही सिक्के के दो पहलू होते हैं।
Nabamita Das
अक्तूबर 20, 2024 AT 09:17इटली के लिए ये ड्रॉ बहुत खराब है। दो गोल की बढ़त के बाद भी जब एक रेड कार्ड आता है, तो टीम को बरकरार रहने की रणनीति बनानी होती है। ये बस बाहर नहीं होना चाहिए, बल्कि दूसरे खिलाड़ियों को लाइन बदलने की जरूरत है। बेल्जियम के लिए ये अच्छा था, लेकिन इटली को अपने अनुशासन पर ध्यान देना होगा।
chirag chhatbar
अक्तूबर 20, 2024 AT 22:12ये फुटबॉल नहीं लग रहा था, लग रहा था जैसे दो बच्चे बॉल लेकर लड़ रहे हों। इटली ने दो गोल किए और फिर बैठ गए। बेल्जियम ने बस जबरदस्ती लगाई। इतना बड़ा मैच और इतना बेकार।