ईरान में सत्ता परिवर्तन का महत्वपूर्ण मोड़
ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई के स्वास्थ्य को लेकर चिंता के चलते एक अप्रत्याशित राजनीतिक घटनाक्रम देखने को मिल रहा है। 85 वर्षीय खामेनेई के संजीदा रूप से बीमार होने की खबरें उठी हैं, जिसके चलते उनके उत्तराधिकारी की नियुक्ति की जा रही है। यह कदम एक बेहद गोपनीय बैठक में लिया गया, जो 60 सदस्यीय विशेषज्ञ सभा के बीच आयोजित की गई थी। इस बैठक में खामेनेई के पुत्र मोजतबा खामेनेई को नए सर्वोच्च नेता के रूप में चुना गया है।
गोपनीयता के नियम और संभावित अशांति
बैठक की गोपनीयता को बनाए रखने के लिए सदस्यों को सख्त हिदायतें दी गई थीं ताकि कोई जानकारी लीक न हो। इसका कारण यह था कि अगर यह सूचना जनता तक पहुँचती तो संभव था कि देश में अस्थिरता की स्थिति उत्पन्न हो सकती थी। मोजतबा खामेनेई, जो पहले से ही सरकारी हलकों में सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं, को इस पद के लिए चुना जाना कोई चौंकाने वाली बात नहीं थी। पिछले दो वर्षों से, उन्होंने अयातुल्ला की उपाधि प्राप्त की है, जो उन्हें सर्वोच्च नेता बनने के लिए संवैधानिक रूप से योग्य बनाती है।
अरब और पश्चिम एशिया के लिए चुनौतीपूर्ण समय
ईरान में यह शक्ति हस्तांतरण ऐसे समय में हो रहा है जब देश पहले से ही राजनीतिक और धार्मिक तनाव का सामना कर रहा है। पश्चिम एशिया में इस्राइल से बढ़ते तनाव और संभावित युद्ध जैसी अवस्थाओं के बीच ईरान का यह कदम देश के भविष्य के लिए अहम हो सकता है। जानकारों का मानना है कि अयातुल्ला खामेनेई अपने जीवनकाल में ही मोजतबा को यह पद सौंप सकते हैं ताकि उनके पश्चात किसी भी प्रकार के विरोध-प्रदर्शन को रोका जा सके।
स्वास्थ्य की अफवाहें और राजनीतिक समीकरण
हालांकि, खामेनेई के गंभीर रूप से बीमार होने की अफवाहों के बीच उनके स्वास्थ्य की आधिकारिक स्थिति के बारे में कोई पुष्टि नहीं की गई है। उनकी आखिरी सार्वजनिक उपस्थिति 7 नवंबर, 2024 को हुई थी। विशेषज्ञों और विश्वसनीय समाचार माध्यमों के अनुसार, उनके कोमा में होने की कुछ अपुष्ट खबरों को भी खारिज किया जा चुका है। फिर भी, इन अटकलों ने देश में राजनीतिक चर्चाओं को एक नया आयाम दे दिया है।
ईरान की आगामी नीतियों में बदलाव
मोजतबा खामेनेई के सर्वोच्च नेता बनने से ईरान की राजनीतिक संरचना में कई बदलाव आ सकते हैं। उनके सत्ता में आने से घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय दोनों स्तरों पर नए नीतिगत सुधार हो सकते हैं जो देश को स्थिरता और प्रगति की दिशा में अग्रसर कर सकते हैं।