एसएससी एमटीएस 2024 के लिए उत्तर कुंजी जारी
कर्मचारी चयन आयोग (एसएससी) ने हाल ही में मल्टी-टास्किंग स्टाफ (एमटीएस) और हवलदार (सीबीआईसी और सीबीएन भर्ती परीक्षा 2024) की संभावित उत्तर कुंजी अपनी आधिकारिक वेबसाइट ssc.gov.in पर जारी की है। यह परीक्षा विभिन्न सरकारी विभागों में कई हजार रिक्तियों को भरने के लिए आयोजित की गई थी और इसमें बड़ी संख्या में अभ्यर्थियों ने भाग लिया था। उत्तर कुंजी का मुख्य उद्देश्य रिक्त पदों के लिए उचित चयन को सुनिश्चित करना और पारदर्शिता को बढ़ावा देना है।
आपत्ति दर्ज करने की प्रक्रियाएं और शुल्क
उत्तर कुंजी के खिलाफ आपत्ति जताने की सुविधा 29 नवंबर से 2 दिसंबर, 2024 तक उपलब्ध होगी। उन उम्मीदवारों को जो किसी भी प्रश्न के उत्तर से सन्तुष्ट नहीं हैं, उन्हें आपत्ति दर्ज करने का अवसर प्रदान किया गया है। प्रत्येक प्रश्न के लिए आपत्ति दर्ज करने पर ₹100 का शुल्क निर्धारित किया गया है। इसका मकसद छात्रों के बीच परीक्षा प्रक्रिया की निष्पक्षता को बनाए रखना है।
आपत्ति दर्ज करने की प्रक्रिया
अभ्यर्थी को अपने पंजीकरण नंबर और पासवर्ड के माध्यम से उम्मीदवार पृष्ठ पर लॉग इन करना होगा। इसके बाद, उन्हें संभावित उत्तर कुंजी और रिकॉर्ड किए गए प्रतिक्रियाओं की जाँच करनी होगी। जिन प्रश्नों के उत्तर को लेकर वे आश्वस्त नहीं हैं, उन्हें निर्दिष्ट करते हुए प्रत्येक आपत्ति के लिए स्पष्ट कारण या उचित स्पष्टीकरण जमा करना होगा। अंत में, उन्हें हर प्रश्न पर आपत्ति शुल्क के रूप में ₹100 का भुगतान करना होगा।
आपत्ति जमा करने की अंतिम तिथि
आपत्ति दर्ज करने की अंतिम तारीख 2 दिसंबर, 2024, शाम 5 बजे तक है। इसके बाद प्राप्त किसी भी प्रस्तुति को आयोग द्वारा स्वीकार नहीं किया जाएगा। इसलिए, उम्मीदवारों को सलाह दी जाती है कि वे अपनी आपत्तियां निर्धारित समय के भीतर ही जमा करें।
भर्ती परीक्षा और आगे की प्रक्रिया
इस परीक्षा का आयोजन 30 सितंबर से 14 नवंबर, 2024 के बीच किया गया था। इसमें कुल 9,583 रिक्तियों में से 6,144 एमटीएस और 3,439 हवलदार के लिए थीं। लिखित परीक्षा के परिणामों के बाद हवलदार रिक्तियों के लिए चुने गए उम्मीदवारों को शारीरिक दक्षता परीक्षा (पीईटी) या शारीरिक मानक परीक्षा (पीएसटी) के लिए बुलाया जाएगा। यह प्रक्रिया उम्मीदवारों की शारीरिक क्षमता और उपयुक्तता का परीक्षण करने के लिए महत्वपूर्ण है।
फिलहाल छात्रों में उत्तर कुंजी को लेकर उल्लास देखने को मिल रहा है और वे अपने जिन प्रश्नों या उत्तरों पर शंका है उन्हें आयोग के समक्ष प्रस्तुत करने के लिए तत्पर हैं। इस कदम से परीक्षा प्रक्रिया की पारदर्शिता बढ़ेगी और उम्मीदवारों को भर्ती प्रक्रिया पर अधिक विश्वास होगा।