बेंगलुरु से कोच्चि जा रही एयर इंडिया एक्सप्रेस की उड़ान IX 1132 को 18 मई की रात इंजन में आग लगने की वजह से केंपेगौड़ा अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे (KIA) पर आपातकालीन लैंडिंग करनी पड़ी। विमान में 179 यात्री और 6 क्रू मेंबर सवार थे।
रात 11:03 बजे पूर्ण आपातकालीन स्थिति घोषित की गई और लैंडिंग के तुरंत बाद आग पर काबू पा लिया गया। सभी यात्रियों और क्रू मेंबर को बिना किसी चोट के सफलतापूर्वक विमान से बाहर निकाल लिया गया।
विमान बेंगलुरु से रात 10:49 बजे कोच्चि के लिए उड़ान भरी थी लेकिन इंजन में आग देखे जाने के बाद रात 11:12 बजे हवाई अड्डे पर वापस आने के लिए मजबूर हो गई।
एयरलाइन का बयान
एयरलाइन ने कहा है कि इस घटना के कारणों का पता लगाने के लिए नियामक के साथ एक गहन जांच की जाएगी। एयरलाइन यात्रियों को जल्द से जल्द उनके गंतव्य तक पहुंचाने के लिए वैकल्पिक व्यवस्था करने का प्रयास कर रही है।
सुरक्षा सर्वोपरि
इस तरह की घटनाएं हवाई यात्रा में यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के महत्व पर प्रकाश डालती हैं। एयरलाइंस और हवाई अड्डों के पास ऐसी किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए सुनियोजित प्रोटोकॉल होने चाहिए।
नियमित रूप से विमानों की जांच और रखरखाव भी महत्वपूर्ण है ताकि किसी भी तकनीकी खराबी या खराबी का पता लगाया जा सके और उसे दूर किया जा सके। पायलटों और क्रू मेंबर्स को भी आपात स्थिति से निपटने के लिए प्रशिक्षित किया जाना चाहिए।
यात्रियों की प्रतिक्रिया
इस घटना से यात्री स्वाभाविक रूप से घबरा गए थे लेकिन क्रू मेंबर्स की त्वरित कार्रवाई और संयम की सराहना की। यात्रियों ने कहा कि क्रू सदस्यों ने परिस्थिति को नियंत्रण में रखा और यात्रियों को शांत रहने और निर्देशों का पालन करने के लिए आश्वस्त किया।
एक यात्री ने कहा, "हम सभी घबरा गए थे लेकिन क्रू मेंबर्स ने हमें आश्वस्त किया कि सब कुछ नियंत्रण में है। उन्होंने हमें सुरक्षित बाहर निकलने में मदद की और हमें तब तक सांत्वना दी जब तक हम हवाई अड्डे के अंदर नहीं पहुंच गए।"
जांच की जरूरत
इंजन में आग लगने जैसी घटनाएं गंभीर हो सकती हैं और इनका त्वरित और विस्तृत जांच की जरूरत है। नियामक को यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि एयरलाइंस सुरक्षा प्रोटोकॉल और रखरखाव मानकों का सख्ती से पालन करें।
तकनीकी खराबी के कारणों का पता लगाने और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सुधारात्मक उपायों की सिफारिश करने की भी आवश्यकता है। यात्रियों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए और किसी भी लापरवाही को बर्दाश्त नहीं किया जाना चाहिए।
निष्कर्ष
एयर इंडिया एक्सप्रेस की उड़ान IX 1132 में इंजन में आग लगने की घटना एक गंभीर मामला है जिसकी जांच की जानी चाहिए। हालांकि, आपातकालीन प्रोटोकॉल का पालन करने और क्रू सदस्यों की सतर्कता के कारण एक बड़ी त्रासदी टल गई।
हवाई यात्रा में यात्रियों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए। एयरलाइंस, हवाई अड्डों और नियामकों को यह सुनिश्चित करने के लिए मिलकर काम करना चाहिए कि सुरक्षा मानकों का कड़ाई से पालन किया जाए और किसी भी आपात स्थिति से प्रभावी ढंग से निपटा जाए।
Arun Kumar
मई 21, 2024 AT 01:19ये एयर इंडिया एक्सप्रेस तो अब बस एक बम बन गया है! हर हफ्ते कोई न कोई इंजन फेल, क्रू मेंबर्स के बारे में बात कर रहे हो, लेकिन असली बात ये है कि उनका मेनटेनेंस बिल्कुल नहीं हो रहा। इतनी बार आग लगी तो अब ये एयरलाइन नहीं, बल्कि एक फ्लाइंग फायरवर्क बन गई है।
Snehal Patil
मई 22, 2024 AT 21:50OMG 😱 ये तो बिल्कुल फिल्म जैसा लगा! क्रू ने जो बर्ताव किया वो तो ऑस्कर वर्थी है! 🙌❤️ मैं तो अगली बार भी इन्हीं के साथ उड़ूंगी! ये लोग तो हीरो हैं, ना कि एयरलाइन! 🎬✨
Vikash Yadav
मई 23, 2024 AT 11:05भाई ये वाला इंजन फेल तो अब रोज की चीज़ हो गया है! पर अच्छी बात ये है कि क्रू ने बिल्कुल कूल रहकर सबको सुरक्षित निकाल लिया। ये लोग तो एयरपोर्ट के असली हीरो हैं! बस अब एयरलाइन को थोड़ा सा अपने एयरक्राफ्ट के लिए भी ध्यान देना चाहिए, ना कि सिर्फ टिकट बेचने के लिए!
sivagami priya
मई 25, 2024 AT 09:52ये तो बहुत बड़ी बात है!! 😭😭 क्रू ने जो किया वो तो बहुत बहुत बढ़िया था!! 🤗💖 मैं तो अब तक ये सोच रही थी कि एयर इंडिया एक्सप्रेस बस बेकार है, पर अब लगा कि क्रू वाले तो बहुत अच्छे हैं!! 😭❤️
Anuj Poudel
मई 26, 2024 AT 21:34इस घटना के बाद, क्या हम वास्तव में एयरलाइन्स के रखरखाव रिकॉर्ड्स को जनता के लिए उपलब्ध करा सकते हैं? क्या नियामक इस तरह की घटनाओं के लिए एक ट्रांसपेरेंट डेटाबेस बना सकते हैं? ये जानकारी यात्रियों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।
Aishwarya George
मई 27, 2024 AT 09:28इंजन में आग लगने की घटना बहुत गंभीर है, लेकिन इस बार आपातकालीन प्रोटोकॉल का बिल्कुल सही तरीके से पालन हुआ। क्रू मेंबर्स ने बहुत शांति से काम किया, जिससे यात्रियों का डर कम हुआ। ये तो अच्छी बात है कि ट्रेनिंग काम कर रही है। अब बाकी बस इतना है कि रखरखाव में लापरवाही न हो।
Vikky Kumar
मई 28, 2024 AT 10:56इस घटना के बाद, एयर इंडिया एक्सप्रेस के CEO को तुरंत इस्तीफा देना चाहिए। ये बार-बार होने वाली घटनाएं न केवल अनुशासन की कमी को दर्शाती हैं, बल्कि व्यवस्थापकीय अक्षमता का संकेत भी हैं। यह एक बड़ा सुरक्षा जोखिम है जिसे अभी तक गंभीरता से नहीं लिया गया है।
manivannan R
मई 29, 2024 AT 23:27yo dude, इंजन फेल हुआ? तो क्या बात है! लेकिन क्रू वाले तो बिल्कुल गेम चेंजर थे! ये लोग तो एयरपोर्ट के राजा हैं! अब बस एयरलाइन को अपने फ्लीट को अपग्रेड करना होगा, नहीं तो ये बातें फिर से होंगी। बस थोड़ा टेक्निकल टीम को भी बढ़िया फ्रीक्वेंसी पर चेक करना होगा!
Uday Rau
मई 31, 2024 AT 00:58मैं बंगलुरु से आया था और इस तरह की घटनाओं को देखकर लगता है कि हमारी हवाई यात्रा की सुरक्षा अभी भी एक अनिश्चितता है। लेकिन ये क्रू मेंबर्स जो अपना काम कर रहे हैं, वो असली भारतीय आत्मा का प्रतिनिधित्व करते हैं। उनकी शांति और साहस के लिए उन्हें बधाई। हमें उनकी तारीफ करनी चाहिए, न कि एयरलाइन को बर्बाद करना।
sonu verma
मई 31, 2024 AT 20:09ये तो बहुत डरावना लगा... पर क्रू वालों ने जो किया वो बहुत अच्छा था। मैं तो अगली बार भी एयर इंडिया एक्सप्रेस से ही उड़ूंगा, क्योंकि ये लोग असली हीरो हैं। 😊🙏
Siddharth Varma
जून 2, 2024 AT 15:17क्या ये इंजन फेल होना बार-बार हो रहा है? ये तो बस इंजन का नहीं, बल्कि सिस्टम का प्रॉब्लम है। एयरलाइन तो बस टिकट बेच रही है, पर उनका फ्लीट कितना सेफ है? कोई असली डेटा दिखाए तो अच्छा होगा!
chayan segupta
जून 3, 2024 AT 12:25ये तो बिल्कुल बहुत बढ़िया हुआ! क्रू ने बिल्कुल कूल रहकर सबको बचा लिया! अब बस एयरलाइन को थोड़ा और जागना होगा! इतनी बार आग लगे तो फिर भी नहीं सीखते? भाई ये तो बस टिकट बेचने का नहीं, बल्कि जिंदगी बचाने का काम है!
King Singh
जून 4, 2024 AT 17:52ये घटना दिखाती है कि जब लोग अपना काम ध्यान से करते हैं, तो बड़ी आपदा से बचा जा सकता है। क्रू मेंबर्स ने बहुत अच्छा काम किया। अब बाकी बस ये है कि एयरलाइन भी अपने विमानों का ध्यान रखे।
Arun Kumar
जून 4, 2024 AT 18:26अरे ये बस बहुत ही आम बात है! एयर इंडिया एक्सप्रेस के फ्लीट में से 70% विमान अभी भी 2000 के दशक के हैं। जब तक ये लोग अपने विमानों को नहीं बदलेंगे, तब तक ये घटनाएं बार-बार होती रहेंगी। और नियामक भी इसे नजरअंदाज कर रहे हैं।