Axis बैंक के शेयर 6% गिरे: Q1 में संपत्ति की गुणवत्ता पर असर, क्रेडिट लागत बढ़ी

Axis बैंक के शेयर 6% गिरे: Q1 में संपत्ति की गुणवत्ता पर असर, क्रेडिट लागत बढ़ी

Axis बैंक के शेयर में गिरावट: वित्तीय वर्ष 2025 की पहली तिमाही का विश्लेषण

Axis बैंक ने वित्तीय वर्ष 2025 की पहली तिमाही के दौरान अपनी संपत्ति गुणवत्ता में गिरावट का सामना किया है, जिसके परिणामस्वरूप उसके शेयर की कीमत में 6% की गिरावट देखी गई। बैंक ने इस गिरावट का प्रमुख कारण खुदरा कृषि व्यापार में सीजनलिटी को बताया। इस समस्या के कारण बैंक के शेयर मूल्य में एक सप्ताह के भीतर 11% की गिरावट दर्ज हुई है।

कंपनी के रिपोर्ट कार्ड पर एक नजर

बैंक की तिमाही रिपोर्ट के अनुसार, बैंक का सकल एनपीए अनुपात 1.54% तक पहुंच गया है जबकि शुद्ध एनपीए अनुपात 0.34% है, जो दोनों ही बढ़ते हुए नजर आ रहे हैं। क्रेडिट लागत में भी वृद्धि देखी गई है, जिसका मुख्य कारण धीमी रिकवरी गति है। बैंक मानती है कि यह रिकवरी धीरे-धीरे होगी और इसमें एक से दो तिमाही का समय लग सकता है।

नेट प्रॉफिट में वृद्धि

हालांकि संपत्ति गुणवत्ता और क्रेडिट लागत के मोर्चे पर बैंक को चुनौतियों का सामना करना पड़ा है, Axis बैंक ने नेट प्रॉफिट में 4% की बढ़ोतरी दर्ज की है। इस तिमाही में बैंक का नेट प्रॉफिट 6,035 करोड़ रुपये तक पहुंच गया, जबकि पिछले वर्ष की तुलना में नेट इंटरेस्ट इन्कम 12% बढ़कर 13,448 करोड़ रुपये हो गई।

कैसे प्रभावित होगा निवेशकों का रुख?

हालांकि बैंक ने कुछ चुनौतियों का सामना किया है, निवेशकों को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि इन बाधाओं के बावजूद, कंपनी ने प्रॉफिट में वृद्धि दर्ज की है। सबसे महत्वपूर्ण तथ्य यह है कि बैंक की प्रबंधन टीम ने भविष्य के लिए सकारात्मक संकेत दिए हैं। उनका कहना है कि अगले दो चक्रवृत्ति के दौरान वे मार्जिन को 3.8% की दर पर बनाए रखने का प्रयास करेंगे।

भविष्य का मार्ग

आने वाले समय में बैंक के प्रदर्शन पर नजर रखना महत्वपूर्ण होगा, खासकर उनकी रेगुलर रिकवरी प्रक्रिया और संपत्ति की गुणवत्ता में सुधार की गति पर। यदि बैंक इन क्षेत्रों में सुधार करने में सफल होता है, तो यह शेयरहोल्डर्स के लिए सकारात्मक संकेत हो सकता है। दूसरी ओर, यदि समस्याएँ बनी रहती हैं तो शेयर मूल्य में और गिरावट देखी जा सकती है।

अंत में, यह कहा जा सकता है कि बैंक ने कुछ चुनौतियों का सामना किया है, लेकिन मजबूत प्रॉफिट ग्रोथ और नेट इंटरेस्ट इन्कम में वृद्धि ने निवेशकों को कुछ हद तक विश्वास दिलाया है।